वाराणसी: दहेज के लिए महिला को प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले वाराणसी की अदालत ने पति को दोषी करार देते हुए दंडित किया है. अपर जिला जज (पंचम) मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने मुकदमे के विचारण के बाद अभियुक्त पति विजय पटेल को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 13 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.
मामले में आरोप सिद्ध न होने पर दो जेठानी राजकुमारी देवी और बिंदू देवी के साथ एक अन्य आरोपित भारत भूषण को आदालत ने दोषमुक्त कर दिया. वहीं अदालत में अभियोजन की ओर से एडीजीसी ओंकार नाथ तिवारी ने अपना पक्ष रखा. जबकि, आरोपित भारत भूषण की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव और बृजपाल सिंह यादव ने पक्ष रखा.
अभियोजन पक्ष के अनुसार कोतवाली थाना क्षेत्र के नवापुरा की रहने वाली वादिनी अनिता देवी ने दशाश्वमेध थाने में छह मार्च 2019 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी. आरोप था कि उनकी लड़की आरती की शादी कुंडा, दशाश्वमेध निवासी विजय पटेल के साथ पांच साल पहले हुई थी. शादी के बाद से ही दामाद विजय पटेल और ससुराल के अन्य लोग उसकी बेटी को दहेज के लिए आए दिन मारते-पीटते व प्रताड़ित करते थे.
इस बीच छह मार्च 2019 को उसे उसके दामाद विजय पटेल ने फोन से सूचना दी कि उसकी बेटी आरती ने फांसी लगा ली है. यह सुनकर जब वह बेटी के ससुराल पहुंची तो देखा कि मेरे दामाद विजय पटेल ने अपनी भाभी राजकुमारी, बिंदू व अपने सहयोगी भारत भूषण के साथ मिलकर उसकी बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी है. इस मामले में पुलिस ने पति विजय पटेल, जेठानी राजकुमारी, बिंदू व भारत भूषण के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित कर दिया था.
अदालत ने विचारण के दौरान पति को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी पाते हुए सजा सुना दी. जबकि अन्य आरोपित राजकुमारी, बिंदू व भारत भूषण को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया. 'ऑपरेशन कन्विक्शन" के तहत थाना दशाश्वमेध पुलिस व मॉनीटरिंग सेल के प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप अभियुक्त विजय कुमार पटेल को आत्महत्या के दुष्प्रेरण के प्रकरण में न्यायालय द्वारा 07 वर्ष के कारावास व कुल 13 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया.
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