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कोरोना काल में हार्ट पेशेंट रखे अपना खास ख्याल, क्या कहते हैं डॉक्टर - हार्ट पेशेंट की समस्या

कोरोना काल में अपने दिल का खास ध्यान रखने की जरूरत है. विशेषज्ञों का कहना है कि दिल के मरीजों को कोरोना का वायरस ज्यादा परेशान करता है. दिल के मरीजों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अपना अतिरिक्त ध्यान रखने की जरूरत है.

कोरोना काल में हार्ट पेशेंट रखे अपना खास ख्याल
कोरोना काल में हार्ट पेशेंट रखे अपना खास ख्याल
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Published : Jun 20, 2021, 11:48 AM IST

वाराणसी: कोरोना महामारी आमजन के साथ-साथ हृदय रोगियों के लिए काफी ज्यादा घातक है, क्योंकि कोरोना से फेफड़े और हृदय अत्यधिक प्रभावित होते हैं. खास बात यह है कि इस महामारी के लक्षण में लोगों को खांसी, तेज बुखार सांस लेने की दिक्कतें होती हैं, जिससे ह्रदय रोगियों को सीने में दर्द,सांस फूलने जैसी अत्यधिक समस्याएं हो रही हैं. इसके साथ ही कोरोना संक्रमित हो जाने के बाद या हो जाने के भय से ह्रदय रोगी अत्यधिक पैनिक हो जा रहे हैं जो उनके शरीर के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है. हृदय रोगियों को संक्रमण के दौरान या संक्रमण से बचने के लिए किस प्रकार से अपनी देखरेख करने की जरूरत है.उसको लेकर के ईटीवी भारत ने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अभिषेक विक्रम सिंह से बात की.

जानकारी देते डॉ अभिषेक विक्रम सिंह

हृदय रोगियों में खतरा 10 प्रतिशत होता है अधिक


ईटीवी भारत से बातचीत में डॉ अभिषेक विक्रम सिंह ने बताया कि हार्ट पेशेंट को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त ध्यान रखने की जरूरत है, क्योंकि सामान्य लोगों की तुलना में हृदय रोगियों में कोरोना संक्रमण यदि होता है तो उनकी लाइफ के लिए 10 प्रतिशत तक रिस्क बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि सीने में हार्ट के पास दर्द की वजह से लंग्स इंफेक्शन भी होता है और ये जब फेफड़ों में घातक संक्रमण कर देता है तो उसकी वजह से भी हार्ट पर असर पड़ता है. इस कारण ईसीजी देख करके समझ आता है कि पेशेंट को हार्ट अटैक हुआ है. उन्होंने बताया कि यदि हार्ट पेशेंट कुछ बातों का ध्यान रखें तो वह अपनी सुरक्षा कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें मुख्य तौर पर दो- तीन बातों को ध्यान रखने की जरूरत है. एक तो यह कि वह अपने रूटीन की दवाइयों को बंद ना करें, दूसरा वह घर में और बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. साथ ही किसी भी बात की टेंशन ना लें, क्योंकि तनाव हृदय रोगियों के लिए सबसे बड़ा खतरा है.


पैनिक होने से बचे

डॉ सिंह ने बताया कि रोगी को वर्तमान समय में एक बात का ख्याल रखने की जरूरत है कि वह पैनिक ना हो. यदि वह संक्रमित हो भी जाते हैं तो वह दवाओं के सेवन, एक्सरसाइज व कुछ उपायों के द्वारा स्वस्थ हो जाएंगे. लेकिन यदि वह पैनिक होते हैं तो इससे उनके शारीरिक व मानसिक स्थिति पर प्रभाव पड़ेगा. जो उनके लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए हार्ट पेशेंट को तनाव में नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ रहना चाहिए.




इन बिंदुओं का रखें ध्यान



•ह्रदय रोगी को फिजिकल एक्टिविटी करने की जरूरत है. इनमें चलना, सीढ़ियां चढ़ना उतरना शामिल कर सकते हैं.


•अपने शरीर के अनुसार योग और प्राणायाम करें.

•एक समय वर्कआउट जरूर करें, इससे कोरोना का अटैक नहीं होता और इम्यून मजबूत रहता है.


•अपने दिनचर्या पर खास ध्यान दें. सोने उठने से लेकर खाने-पीने के समय को निर्धारित करें.


• पूरी नींद लें जो दवाइयां चल रही हैं उन्हें बिना चिकित्सक के परामर्श के ना बंद करें.


• अपने डाइट में बहुत ज्यादा नमक शुगर,कोलेस्ट्रॉल, अल्कोहल जैसे चीजों को शामिल ना करें. स्मोकिंग करने की आदत हो तो उससे बचें.

वाराणसी: कोरोना महामारी आमजन के साथ-साथ हृदय रोगियों के लिए काफी ज्यादा घातक है, क्योंकि कोरोना से फेफड़े और हृदय अत्यधिक प्रभावित होते हैं. खास बात यह है कि इस महामारी के लक्षण में लोगों को खांसी, तेज बुखार सांस लेने की दिक्कतें होती हैं, जिससे ह्रदय रोगियों को सीने में दर्द,सांस फूलने जैसी अत्यधिक समस्याएं हो रही हैं. इसके साथ ही कोरोना संक्रमित हो जाने के बाद या हो जाने के भय से ह्रदय रोगी अत्यधिक पैनिक हो जा रहे हैं जो उनके शरीर के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है. हृदय रोगियों को संक्रमण के दौरान या संक्रमण से बचने के लिए किस प्रकार से अपनी देखरेख करने की जरूरत है.उसको लेकर के ईटीवी भारत ने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अभिषेक विक्रम सिंह से बात की.

जानकारी देते डॉ अभिषेक विक्रम सिंह

हृदय रोगियों में खतरा 10 प्रतिशत होता है अधिक


ईटीवी भारत से बातचीत में डॉ अभिषेक विक्रम सिंह ने बताया कि हार्ट पेशेंट को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त ध्यान रखने की जरूरत है, क्योंकि सामान्य लोगों की तुलना में हृदय रोगियों में कोरोना संक्रमण यदि होता है तो उनकी लाइफ के लिए 10 प्रतिशत तक रिस्क बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि सीने में हार्ट के पास दर्द की वजह से लंग्स इंफेक्शन भी होता है और ये जब फेफड़ों में घातक संक्रमण कर देता है तो उसकी वजह से भी हार्ट पर असर पड़ता है. इस कारण ईसीजी देख करके समझ आता है कि पेशेंट को हार्ट अटैक हुआ है. उन्होंने बताया कि यदि हार्ट पेशेंट कुछ बातों का ध्यान रखें तो वह अपनी सुरक्षा कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें मुख्य तौर पर दो- तीन बातों को ध्यान रखने की जरूरत है. एक तो यह कि वह अपने रूटीन की दवाइयों को बंद ना करें, दूसरा वह घर में और बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. साथ ही किसी भी बात की टेंशन ना लें, क्योंकि तनाव हृदय रोगियों के लिए सबसे बड़ा खतरा है.


पैनिक होने से बचे

डॉ सिंह ने बताया कि रोगी को वर्तमान समय में एक बात का ख्याल रखने की जरूरत है कि वह पैनिक ना हो. यदि वह संक्रमित हो भी जाते हैं तो वह दवाओं के सेवन, एक्सरसाइज व कुछ उपायों के द्वारा स्वस्थ हो जाएंगे. लेकिन यदि वह पैनिक होते हैं तो इससे उनके शारीरिक व मानसिक स्थिति पर प्रभाव पड़ेगा. जो उनके लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए हार्ट पेशेंट को तनाव में नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ रहना चाहिए.




इन बिंदुओं का रखें ध्यान



•ह्रदय रोगी को फिजिकल एक्टिविटी करने की जरूरत है. इनमें चलना, सीढ़ियां चढ़ना उतरना शामिल कर सकते हैं.


•अपने शरीर के अनुसार योग और प्राणायाम करें.

•एक समय वर्कआउट जरूर करें, इससे कोरोना का अटैक नहीं होता और इम्यून मजबूत रहता है.


•अपने दिनचर्या पर खास ध्यान दें. सोने उठने से लेकर खाने-पीने के समय को निर्धारित करें.


• पूरी नींद लें जो दवाइयां चल रही हैं उन्हें बिना चिकित्सक के परामर्श के ना बंद करें.


• अपने डाइट में बहुत ज्यादा नमक शुगर,कोलेस्ट्रॉल, अल्कोहल जैसे चीजों को शामिल ना करें. स्मोकिंग करने की आदत हो तो उससे बचें.

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