वाराणसी: ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग पर आज स्पेशल सीजेएम की कोर्ट में दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई. अधिवक्ता राजा आनंद ज्योति सिंह का यह प्रार्थना पत्र विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सर्वोत्तमा नागेश वर्मा की अदालत में पेश हुआ. कोर्ट ने वादी पक्ष से कहा कि मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं है, इस बाबत रूलिंग पेश करें. इसके साथ ही कोर्ट ने सुनवाई के लिए 6 जून की तिथि नियत कर दी.
दरअसल, अधिवक्ता राजा आनंद ज्योति सिंह ने अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-3 के तहत एप्लीकेशन दिया था. जिसमें कहा गया था कि ज्ञानवापी मस्जिद में जहां शिवलिंग मिला है वहां लोग हाथ-पैर धोते थे. हाथ-पैर धोने वालों को यह भलीभांति पता था कि वहां शिवलिंग है. अदालत द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद सभी वहां हाथ-पैर धोने की जिद पर अड़े रहे. इसके चलते उनकी और असंख्य सनातन धर्मियों की धार्मिक भावना आहत हुई है.
ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी एसएम यासीन, कमेटी के सदस्यों और 1,000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के संबंध में उन्होंने पुलिस से शिकायत की. लेकिन सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद उन्हें न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा. अधिवक्ता का एप्लीकेशन कार्रवाई के योग्य है या नहीं है, अदालत इस पर शनिवार यानी अब 6 जून को सुनवाई करेगी.
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