वाराणसी: ज्ञानवापी प्रकरण में पोषणीयता के खिलाफ निगरानी याचिका पर बुधवार को सुनवाई टल गई है. जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के अवकाश पर होने के कारण बुधवार को सुनवाई नहीं हुई. इस मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी. वहीं सीजेएम विजय विश्वकर्मा की अदालत में बुधवार को गाली गलौज और धमकी देने के मामले जितेंद्र सिंह विसेन समेत 2 लोगों के खिलाफ पड़ी अर्जी पर सुनवाई भी टल गई है. थाने से आख्या नहीं आने के कारण अगली सुनवाई के लिए 6 जनवरी की तिथि नियत की गई है.
अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से पिछले दिनों लोवर कोर्ट के आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में निगरानी अर्जी दाखिल की थी. आरोप है कि भगवान आदि विश्वेश्वर की ओर से विश्व वैदिक सनातन संघ की अतंरराष्ट्रीय महामंत्री किरन सिंह ने दाखिल पोषणीय योग्य नहीं है. लोअर कोर्ट ने निगरानीकर्ता से कहा कि उसने लोअर कोर्ट में वाद की पोषणीयता से सबंधित चुनौती वाली अर्जी सरसरी तौर से निरस्त कर दिया है, जो विधि के अनुसार सही नहीं है.
इसके अलावा दिसंबर माह में ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण की वादिनि महिलाएं रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और सीता साहू ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. जिसमें आरोप लगाया गया है कि श्रृंगार गौरी प्रकरण के एक वादिनि के पैरोकार जितेंद्र सिंह विसेन की ओर से मुख्यमंत्री को पॉवर ऑफ अटार्नी सौंपने और मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. सुनवाई के दौरान अदालत परिसर में पहुंचने पर कई बार अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल भी किया गया. महिलाओं और उनके पैरोकारों से गाली-गलौज तक की जाती है.
यह भी आरोप है कि नंदी महाराज बनाम उत्तर प्रदेश सरकार मुकदमे में वादमित्र सितेंद्र चौधरी से फर्जी तरीके से पॉवर ऑफ अटार्नी अपने हक में कर लिए हैं. वादी महिलाओं ने अदालत से आशंका जताई है कि इस प्रकरण में विसेन के खिलाफ यदि कोई कार्रवाई नहीं की गई तो वह दंगा भी करवा सकते हैं. यह भी आरोप लगाया गया है कि प्रतिवादी के खिलाफ पुलिस को भी प्रार्थना पत्र दिया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है. तब जाकर महिलाओं ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
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