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ज्ञानवापी से जुड़े दो प्रकरणों में आज होगी जिला कोर्ट में सुनवाई - वाराणसी जिला कोर्ट में सुनवाई

वाराणसी कोर्ट में मंगलवार को ज्ञानवापी से जुड़े दो प्रकरणों में सुनवाई होगी. इसमें एक प्रकरण अखिलेश ओवैशी के विवादित बयान को लेकर है और दूसरा क्षेत्राधिकार को दी गई चुनौती को लेकर है.

ज्ञानवापी
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Published : Jan 10, 2023, 10:07 AM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी से जुड़े दो प्रकरण की सुनवाई वाराणसी कोर्ट में मंगलवार को होगी. इनमें एक प्रकरण अखिलेश ओवैसी पर विवादित बयानबाजी का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग और दूसरा मामला क्षेत्राधिकार को दी गई चुनौती से जुड़ा हुआ है.

सिविल कोर्ट के एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है. एडवोकेट के अनुसार, ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में कथित शिवलिंग मिला है. शिवलिंग जहां मिला है, वहां हाथ-पैर धोए जाने, थूकने और गंदा पानी बहाने से असंख्य सनातन धर्मियों का मन पीड़ा से भरा है. आरोपियों ने साजिश के तहत स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के शिवलिंग को फव्वारा कहकर सनातन धर्मियों की आस्था पर कुठाराघात और आमजन में विद्वेष फैलाने का काम किया है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया है कि पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख कर झंडा लगा दो तो वही भगवान और शिवलिंग हैं. सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई हिंदुओं के धार्मिक मामलों और स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के खिलाफ लगातार अपमानजनक बात कह रहे हैं. इन नेताओं की बातें जन भावनाओं के खिलाफ हैं. इस पूरे मामले की साजिश में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी, शहर काजी और शहर के उलेमा सहित सैकड़ों अन्य लोग भी शामिल हैं. इन सभी के आचरण से हिंदू समाज मर्माहत है. इसलिए सभी आरोपियों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने सहित अन्य आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जाए. इस मामले में कोर्ट में चौक थाने की पुलिस द्वारा रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है. अब कोर्ट को अपना आदेश सुनाना है.

ज्ञानवापी प्रकरण में लोअर कोर्ट के सुनवाई के क्षेत्राधिकार को लेकर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में दाखिल निगरानी याचिका पर आज सुनवाई होगी. यह निगरानी याचिका अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी द्वारा जुलाई 2021 में दाखिल की गई थी. मसाजिद कमेटी का कहना है कि ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी है. उससे संबंधित किसी भी मसले की सुनवाई का अधिकार सिर्फ लखनऊ स्थित वक्फ बोर्ड को है. इसके बावजूद लोअर कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण संबंधी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई जारी रखी.

यह भी पढ़ें: मुख्तार अंसारी की विशेष सुरक्षा की मांग पर हाइकोर्ट ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार

वाराणसी: ज्ञानवापी से जुड़े दो प्रकरण की सुनवाई वाराणसी कोर्ट में मंगलवार को होगी. इनमें एक प्रकरण अखिलेश ओवैसी पर विवादित बयानबाजी का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग और दूसरा मामला क्षेत्राधिकार को दी गई चुनौती से जुड़ा हुआ है.

सिविल कोर्ट के एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है. एडवोकेट के अनुसार, ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में कथित शिवलिंग मिला है. शिवलिंग जहां मिला है, वहां हाथ-पैर धोए जाने, थूकने और गंदा पानी बहाने से असंख्य सनातन धर्मियों का मन पीड़ा से भरा है. आरोपियों ने साजिश के तहत स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के शिवलिंग को फव्वारा कहकर सनातन धर्मियों की आस्था पर कुठाराघात और आमजन में विद्वेष फैलाने का काम किया है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया है कि पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख कर झंडा लगा दो तो वही भगवान और शिवलिंग हैं. सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई हिंदुओं के धार्मिक मामलों और स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के खिलाफ लगातार अपमानजनक बात कह रहे हैं. इन नेताओं की बातें जन भावनाओं के खिलाफ हैं. इस पूरे मामले की साजिश में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी, शहर काजी और शहर के उलेमा सहित सैकड़ों अन्य लोग भी शामिल हैं. इन सभी के आचरण से हिंदू समाज मर्माहत है. इसलिए सभी आरोपियों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने सहित अन्य आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जाए. इस मामले में कोर्ट में चौक थाने की पुलिस द्वारा रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है. अब कोर्ट को अपना आदेश सुनाना है.

ज्ञानवापी प्रकरण में लोअर कोर्ट के सुनवाई के क्षेत्राधिकार को लेकर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में दाखिल निगरानी याचिका पर आज सुनवाई होगी. यह निगरानी याचिका अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी द्वारा जुलाई 2021 में दाखिल की गई थी. मसाजिद कमेटी का कहना है कि ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी है. उससे संबंधित किसी भी मसले की सुनवाई का अधिकार सिर्फ लखनऊ स्थित वक्फ बोर्ड को है. इसके बावजूद लोअर कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण संबंधी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई जारी रखी.

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