वाराणसी: इस बार हरतालिका तीज को लेकर काफी कंफ्यूजन की स्थिति है. इस बारे में काशी के विद्वानों का कहना है कि स्थिति-परिस्थिति, सूर्य-चंद्र और अन्य ग्रहों की स्थिति के आधार पर निर्धारित पंचांग दो सितंबर को ही हरतालिका तीज का व्रत करने का विधान बता रहे हैं, इसलिए यह पर्व दो सितंबर को ही मनाया जाएगा.
इसे भी पढ़ें:- रामपुर में वैश्य समाज का तीज कार्यक्रम, जमकर झूमीं महिलाएं
काशी हिंदू विश्वविद्यालय ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय का कहना है कि क्योंकि एक तारीख को तृतीया तिथि का क्षय होने के कारण बिना गणित और नक्षत्रों की गणना करने वाले पंचांग निर्माता एक सितंबर को ही तीज का व्रत करने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन एक तारीख को सुबह 11:22 से लेकर दो तारीख की सुबह 9:00 बजे तक तृतीया तिथि का मान है. क्योंकि शुरू होने के तृतीया तिथि मिलना ग्रह लाधव पद्धति से बनाए जाने वाले पंचांग में हैं. इसलिए दो सितंबर को ही तीज का व्रत रखने की सलाह दे रहे हैं. दो तारीख को ही तीज का व्रत रखना सही बताया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें:- सहारनपुर: तीज क्वीन ने निर्धन कन्याओं की शादी के लिए दान दे दी जीती हुई रकम
प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय का कहना है कि एक तारीख को भी पश्चिम यानी दिल्ली, मुंबई और अन्य भागों में तृतीया तिथि का क्षय और दो तारीख को तृतीया तिथि के रहने तक का वक्त अलग है, इसलिए इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग एक तारीख को यह व्रत रख सकते हैं, लेकिन यूपी और खासतौर पूर्वांचल में रहने वाले सभी लोगों को दो तारीख को ही तीज का व्रत मनाना उत्तम होगा. इस दिन कच्ची मिट्टी के शंकर पार्वती की पूजा करनी चाहिए. सुहागिनों को अच्छे से तैयार होकर ईश्वर से अपने पति अपने पुत्र की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.