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काशी के विद्वानों का मत, 2 सितंबर को मनाई जाएगी हरितालिका तीज

अपने सुहाग की रक्षा और मनचाहा जीवन साथी हर जन्म में पाने की चाह के साथ हरितालिका तीज का पर्व मनाया जाता है. इस बार हरतालिका तीज को लेकर काफी कंफ्यूजन की स्थिति है, क्योंकि कुछ पंचांग एक सितंबर को हरितालिका तीज बता रहे हैं तो कुछ दो सितंबर को. आइए जानते हैं किस दिन मनाई जाएगी तीज.

2 सितंबर को मनाई जाएगी हरितालिका तीज.
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Published : Aug 30, 2019, 10:48 AM IST

वाराणसी: इस बार हरतालिका तीज को लेकर काफी कंफ्यूजन की स्थिति है. इस बारे में काशी के विद्वानों का कहना है कि स्थिति-परिस्थिति, सूर्य-चंद्र और अन्य ग्रहों की स्थिति के आधार पर निर्धारित पंचांग दो सितंबर को ही हरतालिका तीज का व्रत करने का विधान बता रहे हैं, इसलिए यह पर्व दो सितंबर को ही मनाया जाएगा.

2 सितंबर को मनाई जाएगी हरितालिका तीज.

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काशी हिंदू विश्वविद्यालय ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय का कहना है कि क्योंकि एक तारीख को तृतीया तिथि का क्षय होने के कारण बिना गणित और नक्षत्रों की गणना करने वाले पंचांग निर्माता एक सितंबर को ही तीज का व्रत करने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन एक तारीख को सुबह 11:22 से लेकर दो तारीख की सुबह 9:00 बजे तक तृतीया तिथि का मान है. क्योंकि शुरू होने के तृतीया तिथि मिलना ग्रह लाधव पद्धति से बनाए जाने वाले पंचांग में हैं. इसलिए दो सितंबर को ही तीज का व्रत रखने की सलाह दे रहे हैं. दो तारीख को ही तीज का व्रत रखना सही बताया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें:- सहारनपुर: तीज क्वीन ने निर्धन कन्याओं की शादी के लिए दान दे दी जीती हुई रकम

प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय का कहना है कि एक तारीख को भी पश्चिम यानी दिल्ली, मुंबई और अन्य भागों में तृतीया तिथि का क्षय और दो तारीख को तृतीया तिथि के रहने तक का वक्त अलग है, इसलिए इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग एक तारीख को यह व्रत रख सकते हैं, लेकिन यूपी और खासतौर पूर्वांचल में रहने वाले सभी लोगों को दो तारीख को ही तीज का व्रत मनाना उत्तम होगा. इस दिन कच्ची मिट्टी के शंकर पार्वती की पूजा करनी चाहिए. सुहागिनों को अच्छे से तैयार होकर ईश्वर से अपने पति अपने पुत्र की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.



वाराणसी: इस बार हरतालिका तीज को लेकर काफी कंफ्यूजन की स्थिति है. इस बारे में काशी के विद्वानों का कहना है कि स्थिति-परिस्थिति, सूर्य-चंद्र और अन्य ग्रहों की स्थिति के आधार पर निर्धारित पंचांग दो सितंबर को ही हरतालिका तीज का व्रत करने का विधान बता रहे हैं, इसलिए यह पर्व दो सितंबर को ही मनाया जाएगा.

2 सितंबर को मनाई जाएगी हरितालिका तीज.

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काशी हिंदू विश्वविद्यालय ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय का कहना है कि क्योंकि एक तारीख को तृतीया तिथि का क्षय होने के कारण बिना गणित और नक्षत्रों की गणना करने वाले पंचांग निर्माता एक सितंबर को ही तीज का व्रत करने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन एक तारीख को सुबह 11:22 से लेकर दो तारीख की सुबह 9:00 बजे तक तृतीया तिथि का मान है. क्योंकि शुरू होने के तृतीया तिथि मिलना ग्रह लाधव पद्धति से बनाए जाने वाले पंचांग में हैं. इसलिए दो सितंबर को ही तीज का व्रत रखने की सलाह दे रहे हैं. दो तारीख को ही तीज का व्रत रखना सही बताया जा रहा है.

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प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय का कहना है कि एक तारीख को भी पश्चिम यानी दिल्ली, मुंबई और अन्य भागों में तृतीया तिथि का क्षय और दो तारीख को तृतीया तिथि के रहने तक का वक्त अलग है, इसलिए इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग एक तारीख को यह व्रत रख सकते हैं, लेकिन यूपी और खासतौर पूर्वांचल में रहने वाले सभी लोगों को दो तारीख को ही तीज का व्रत मनाना उत्तम होगा. इस दिन कच्ची मिट्टी के शंकर पार्वती की पूजा करनी चाहिए. सुहागिनों को अच्छे से तैयार होकर ईश्वर से अपने पति अपने पुत्र की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.



Intro:वाराणसी: अपने सुहाग की रक्षा और मनचाहा जीवन साथी हर जन्म में पाने की चाह के साथ हरितालिका तीज का पर्व मनाया जाता है. निर्जला रखे जाने वाला यह व्रत महिलाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है लेकिन इस बार हरतालिका तीज को लेकर काफी कंफ्यूजन की स्थिति है क्योंकि कुछ पंचांग 1 सितंबर को हरितालिका तीज बता रहे हैं तो कुछ 2 सितंबर को लेकिन शास्त्र क्या कहता है किन परिस्थितियों में हरतालिका तीज किस दिन मनाए इस बारे में काशी के विद्वानों का स्पष्ट मत है काशी के विद्वानों का कहना है कि स्थिति परिस्थिति सूर्य चंद्र और अन्य ग्रहों की स्थिति के आधार पर निर्धारित पंचांग 2 सितंबर को ही हरतालिका तीज का व्रत करने का विधान बता रहे हैं इसलिए यह पर्व 2 सितंबर को ही मनाया जाएगा.


Body:वीओ-01 इस कन्फ्यूजन की स्थिति को दूर करते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय ने बताया कि हरतालिका तीज को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति बेवजह बनी हुई है क्योंकि जो भी पंचांग निर्धारित करने वाले लोग सीधे पंचांग बनाते हैं गणित के आधार पर नहीं वह 1 सितंबर को हड़ताल का तीज मनाए जाने की बात कर रहे हैं लेकिन सूर्य ग्रह व अन्य नक्षत्रों की गणना के आधार पर 2 सितंबर को ही हड़ताल का तीज का व्रत किया जाना शास्त्र सम्मत माना गया है प्रोफेसर पांडेय का कहना है कि क्योंकि 1 तारीख को तृतीया तिथि का 6 होने के कारण बिना गणित व नक्षत्रों की गणना करने वाले पंचांग निर्माता 1 सितंबर को ही तीज का व्रत करने की सलाह दे रहे हैं लेकिन 1 तारीख को सुबह 11:22 से लेकर 2 तारीख की सुबह 9:00 बजे तक तृतीया तिथि का मान है और क्योंकि शुरू होने के बाद तृतीया तिथि मिलना ग्रहलाधव पद्धति से बनाए जाने वाले पंचांग इसलिए 2 सितंबर को ही तीज का व्रत रखने की सलाह दे रहे हैं. यानी 2 तारीख को ही तीज का व्रत रखना सही बताया जा रहा है.




Conclusion:वीओ-02 प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय का कहना है कि 1 तारीख को भी पश्चिम यानी दिल्ली मुंबई व अन्य भागों में तृतीया तिथि का क्षय और 2 तारीख को तृतीया तिथि के रहने तक का वक्त अलग है काशीवा उत्तर प्रदेश के लिए वक्त अलग माना जा रहा है इसलिए इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग 1 तारीख को यह व्रत रख सकते हैं लेकिन यूपी और खासतौर पूर्वांचल की में रहने वाले सभी लोगों को 2 तारीख को ही तीज का व्रत मनाना उत्तम होगा विनय पांडे का कहना है कि इस दिन कच्ची मिट्टी के शंकर पार्वती की पूजा करनी चाहिए सुहागिनों को अच्छे से तैयार होकर ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए अपने पति अपने पुत्र की लंबी उम्र के लिए और दूसरे दिन सुबह गाय के दूध से पारण कर शिव और पार्वती की मिट्टी की प्रतिमा की फिर से पूजा कर उसको किसी कुंड सरोवर या जल से भरे पात्र में प्रवाहित कर देना चाहिए.

बाईट- प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय, विभागाध्यक्ष, ज्योतिष विभाग, बीएचयू


गोपाल मिश्र

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