वाराणसीः धर्मनगरी काशी में इन दिनों कचौड़ी गली यानी प्रकाशन बाजार की गली के कारोबारी खासे व्यस्त है. इसकी वजह बना है लाउडस्पीकर विवाद. भले ही यह विवाद अब खत्म हो गया है लेकिन इसकी वजह से यहां का कारोबार रफ्तार पकड़ चुका है. पूर्वांचल का यह सबसे बड़ा प्रकाशन बाजार धार्मिक पुस्तकों के लिए प्रसिद्ध है. यहां के कारोबारियों की माने तो इन दिनों उनकी दुकानों पर हनुमान चालीसा की जमकर डिमांड हो रही है. यह डिमांड आश्चर्यजनक रूप से बढ़ी है. इस थोक बाजार में आने वाले ग्राहक अब काफी तादाद में हनुमान चालीसा खरीद रहे हैं. एक महीने में इसकी डिमांड करीब दोगुनी तक हो गई है.
वाराणसी के चौक इलाके की कचौड़ी गली जिसे प्रकाशन बाजार की मंडी भी कहा जाता है यहां पर अलग-अलग प्रकाशन की धार्मिक पुस्तकें मिलतीं हैं. ये पुस्तकें पूर्वांचल के बाजारों में सप्लाई की जाती हैं. कारोबारियों की मानें तो आम दिनों में जहां बाजार में 20 से 25 हज़ार तक हनुमान चालीसा की बिक्री होती थी तो वही बीते महीने से आंकड़ा दोगुना होकर 50 हज़ार तक पहुंच चुका है. इस थोक बाजार से जो ग्राहक एक बार में 600-700 हनुमान चालीसा खरीदते थे वे अब पांच हजार हनुमान चालीसा का आर्डर दे रहे हैं. इतनी बड़ी संख्या में हनुमान चालीसा की खरीद के पीछे कई वजह बताई जा रही है. कोई इन्हें मंदिरों में रखवाने के लिए खरीद रहा है तो कोई बांटने के लिए.
जौनपुर से खरीदारी करने आए ग्राहक ने बताया कि पहले वह पांच सौ हनुमान चालीसा खरीद कर ले जाते थे लेकिन अब वह 3000 प्रतियां खरीदने आए हैं. एक महीने में जबर्दस्त डिमांड बढ़ी है. अब हर 10-12 दिन में इस बाजार के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.
बहरहाल, लाउडस्पीकर विवाद भले ही अब ठंडा हो गया हो लेकिन इसकी वजह से हनुमान चालीसा की बढ़ती डिमांड ने यहां के कारोबारियों के चेहरे खुशी से खिला दिए हैं. इस विवाद का यहां के कारोबार पर सकारात्मक असर पड़ा है.
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