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कल फिर होगी ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई, हिंदू पक्ष पेश करेगा अपनी दलील - ज्ञानवापी श्रंगार गौरी केस की सुनवाई

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण की सुनवाई बुधवार को वाराणसी के फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई. प्रकरण की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की कोर्ट में चल रही है.

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ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण
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Published : Oct 12, 2022, 4:58 PM IST

Updated : Oct 12, 2022, 8:31 PM IST

वाराणसी: श्रृंगार गौरी- ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण की सुनवाई बुधवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई. सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में इस प्रकरण की पोषणीयता पर चल रही सुनवाई में कोर्ट ने अगले दिन की तारीख नियत की है. कोर्ट ने बुधवार की सुनवाई के बाद गुरुवार को भी सुनवाई जारी रखने रखने के आदेश दिए हैं.
कोर्ट में आज श्रंगार गौरी-ज्ञानवापी प्रकरण की पोषणीयता पर आपत्ति दर्ज करते हुए मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने अपनी दलील पेश की. मुस्लिम पक्ष की दलील के बाद अगले दिन हिंदू पक्ष की तरफ से कोर्ट में दलील पेश की जाएगी.
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक, एडवोकेट कमीशन सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग, आदिविशेश्वर की तत्काल प्रभाव से प्रतिदिन पूजा-अर्चना प्रारंभ कराने की मांग को लेकर वाराणसी सिविल कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. इन तमाम मांगों को लेकर दाखिल याचिका पर सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई चल रही है.

इस प्रकरण में वादी राखी सिंह की ओर से बुधवार को जिला जज की कोर्ट में उनके एडवोकेट शिवम गौड़ ने एक एप्लिकेशन दाखिल की. जिसमे मांग की गई है कि ज्ञानवापी परिसर के कमीशन की कार्रवाई में शामिल रहे एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया जाए. व्यक्तिगत मतभेद के कारण एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र का प्रतिवेदन प्रस्तुत न करना और स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर के साथ उनके मतभेद कमीशन की कार्रवाई के उद्देश्य को विफल कर रहे हैं. साथ ही कमीशन की विश्वसनीयता पर संदेह की छाया पैदा करते हैं. यह मुकदमें के लिहाज से अपूरणीय क्षति है, उनकी रिपोर्ट और गवाही निश्चित रूप से इस मुकदमें के उचित निर्णय के लिए कोर्ट की सहायता करेगी.

एडवोकेट शिवम गौड़ ने बताया कि सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में कमीशन की कार्रवाई के एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था. उस कमीशन की कार्रवाई इस साल बीते मई महीने में 6, 7, 14, 15 और 16 तारीख को हुई थी. कमीशन की कार्रवाई में शुरू से अंत तक एडवोकेट अजय कुमार मिश्रा मौजूद थे. बाद में स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने कोर्ट में कहा कि एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा रिपोर्ट जमा करने में सहयोग नहीं कर रहे हैं. इस पर कोर्ट ने स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर को उनकी अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा. राखी सिंह के पैरोकार विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने कहा कि एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को गायब कर दिया गया है.
वह एक अहम साक्ष्य है और उसे मिटाने का प्रयास किया गया है. इसीलिए उसे कोर्ट में पेश कराने के लिए हमारी ओर से एप्लिकेशन दी गई है. हमारे मुकदमे को जिस तरह से कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है, उससे जुड़े लोग बच नहीं पाएंगे. समय आने पर हम सभी का कच्चा चिट्‌ठा खोलेंगे. श्रृंगार गौरी केस की नियमित पूजा और ज्ञानवापी स्थित देवी-देवताओं के विग्रह की सुरक्षा के लिए बीते साल वाराणसी सिविल कोर्ट में 5 महिलाओं ने जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में केस दाखिल किया था. इस साल मई महीने में वादी महिलाएं दो धड़े में बंट गईं. अब कोर्ट में वादी राखी सिंह की पैरोकारी जितेंद्र सिंह विसेन करते हैं. वहीं, सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी के पैरोकार डॉ. सोहन लाल आर्य हैं. वादिनी महिलाओं के दोनों धड़े के एडवोकेट भी अलग-अलग हैं.

वाराणसी: श्रृंगार गौरी- ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण की सुनवाई बुधवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई. सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में इस प्रकरण की पोषणीयता पर चल रही सुनवाई में कोर्ट ने अगले दिन की तारीख नियत की है. कोर्ट ने बुधवार की सुनवाई के बाद गुरुवार को भी सुनवाई जारी रखने रखने के आदेश दिए हैं.
कोर्ट में आज श्रंगार गौरी-ज्ञानवापी प्रकरण की पोषणीयता पर आपत्ति दर्ज करते हुए मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने अपनी दलील पेश की. मुस्लिम पक्ष की दलील के बाद अगले दिन हिंदू पक्ष की तरफ से कोर्ट में दलील पेश की जाएगी.
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक, एडवोकेट कमीशन सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग, आदिविशेश्वर की तत्काल प्रभाव से प्रतिदिन पूजा-अर्चना प्रारंभ कराने की मांग को लेकर वाराणसी सिविल कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. इन तमाम मांगों को लेकर दाखिल याचिका पर सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई चल रही है.

इस प्रकरण में वादी राखी सिंह की ओर से बुधवार को जिला जज की कोर्ट में उनके एडवोकेट शिवम गौड़ ने एक एप्लिकेशन दाखिल की. जिसमे मांग की गई है कि ज्ञानवापी परिसर के कमीशन की कार्रवाई में शामिल रहे एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया जाए. व्यक्तिगत मतभेद के कारण एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र का प्रतिवेदन प्रस्तुत न करना और स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर के साथ उनके मतभेद कमीशन की कार्रवाई के उद्देश्य को विफल कर रहे हैं. साथ ही कमीशन की विश्वसनीयता पर संदेह की छाया पैदा करते हैं. यह मुकदमें के लिहाज से अपूरणीय क्षति है, उनकी रिपोर्ट और गवाही निश्चित रूप से इस मुकदमें के उचित निर्णय के लिए कोर्ट की सहायता करेगी.

एडवोकेट शिवम गौड़ ने बताया कि सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में कमीशन की कार्रवाई के एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था. उस कमीशन की कार्रवाई इस साल बीते मई महीने में 6, 7, 14, 15 और 16 तारीख को हुई थी. कमीशन की कार्रवाई में शुरू से अंत तक एडवोकेट अजय कुमार मिश्रा मौजूद थे. बाद में स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने कोर्ट में कहा कि एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा रिपोर्ट जमा करने में सहयोग नहीं कर रहे हैं. इस पर कोर्ट ने स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर को उनकी अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा. राखी सिंह के पैरोकार विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने कहा कि एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को गायब कर दिया गया है.
वह एक अहम साक्ष्य है और उसे मिटाने का प्रयास किया गया है. इसीलिए उसे कोर्ट में पेश कराने के लिए हमारी ओर से एप्लिकेशन दी गई है. हमारे मुकदमे को जिस तरह से कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है, उससे जुड़े लोग बच नहीं पाएंगे. समय आने पर हम सभी का कच्चा चिट्‌ठा खोलेंगे. श्रृंगार गौरी केस की नियमित पूजा और ज्ञानवापी स्थित देवी-देवताओं के विग्रह की सुरक्षा के लिए बीते साल वाराणसी सिविल कोर्ट में 5 महिलाओं ने जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में केस दाखिल किया था. इस साल मई महीने में वादी महिलाएं दो धड़े में बंट गईं. अब कोर्ट में वादी राखी सिंह की पैरोकारी जितेंद्र सिंह विसेन करते हैं. वहीं, सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी के पैरोकार डॉ. सोहन लाल आर्य हैं. वादिनी महिलाओं के दोनों धड़े के एडवोकेट भी अलग-अलग हैं.

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Last Updated : Oct 12, 2022, 8:31 PM IST
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