ETV Bharat / state

गंगा पार बनेगा नया हाईवे, बनारसियों को जाम के झाम से मिलेगी मुक्ति

वाराणसी में जल्द ही गंगा पथ पर एक ग्रैंड ट्रंक रोड यानी जीटी रोड बनाने की तैयारी है. इससे लोगों का आवागमन करने में काफी सहूलियत मिलेगी.

etv bharat
गंगा पथ पर एक ग्रैंड ट्रंक रोड
author img

By

Published : Jul 20, 2022, 7:03 PM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र बनारस के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं. जी हां शायद यही वजह है कि हाल ही में 1700 करोड़ रुपये के योजनाओं की सौगात देने के बाद पीएम मोदी एक बार फिर से दिसंबर माह से पहले बनारस का रुख कर सकते हैं. वहीं, काशी में गंगा पथ पर एक ग्रैंड ट्रंक रोड यानी जीटी रोड बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. इसके सर्वे का काम भी पूरा हो गया है. जल्द ही अब टेंडर प्रक्रिया पूरी कर काम भी शुरू किया जाएगा. इस नए हाईवे को बनाने का मकसद सिर्फ इतना है कि बनारस में शहरी इलाके में होने वाली भीड़ का लोड कम हो और लोगों को जाम के झाम से निजात मिले.

जानकारी देते हुए कमिश्नर दीपक अग्रवाल

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने ईटीवी भारत से खास बताचीत करते हुए बताया कि गंगा पार रेत के इलाके को बनारस से सीधे जोड़ने की प्लानिंग के तहत 8 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. रामनगर से पड़ाव के बीच गंगा के समांतर तैयार होने वाली इस लंबी सड़क का बनारस से सीधा जुड़ाव होगा. इसका सबसे बड़ा फायदा बनारस से सटे चंदौली, मिर्जापुर, गाजीपुर, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड से आने वाले लोगों को मिलेगा. यह लोग बिना शहर में प्रवेश किए सीधे गंगा घाट पर पहुंच जाएंगे और यहीं से अपना काम पूरा कर गंगा के रास्ते वापस इस रोड से कनेक्ट होकर निकल सकेंगे.

यह भी पढ़ें- वाराणसी: स्कूल-कॉलेजों में आज मनाया जाएगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, 16 लाख बच्चों को खिलाई जाएगी दवा

कमिश्नर दीपक अग्रवाल का कहना है कि लगातार शहर में बढ़ रही भीड़ को डायवर्ट करने के लिए प्लान को तैयार किया गया है. जिसके जरिए घाटों पर पहुंचने वाली भीड़ गंगा पार इलाके में आने के बाद इस रास्ते के जरिए गंगा घाटों पर नावों के जरिये आ सकेगी. इनमें एके जेट्टी नमो घाट, अस्सी घाट और काशी विश्वनाथ मंदिर पर बनाई जा चुकी है. इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को सौंपी गई है. सर्वे का काम लगभग पूरा भी हो चुका है. उन्होंने कहा कि इस नए सड़क के निर्माण से करीब एक लाख लोगों को गंगा उस पार रेती पर आसानी से पहुंचाया जा सकेगा. साथ ही प्रतिदिन लगभग 15000 से ज्यादा लोग इसका उपयोग कर सीधे गंगा किनारे पहुंच सकेंगे.

कमिश्नर ने कहा कि रामनगर से पड़ाव के बीच बनने वाली इस नई सड़क पर दो बड़ी पार्किंग भी विकसित की जाएगी, जिसमें पूर्वांचल सहित अन्य राज्यों से आने वाले सैलानी गंगा किनारे ही अपना वाहन खड़ा करके गंगा के रास्ते नौका विहार करते हुए बनारस में एंट्री कर सकेंगे. इस प्रोजेक्ट के तैयार होने से सबसे बड़ा फायदा हाई फ्लाड लैंड को मिलेगा. गंगा किनारे एचएफएल की ऊंचाई से सड़क निर्माण की योजना तैयार की गई है. इस सड़क के बनने से आसपास के गांव फ्लड जोन के बाहर आ जाएंगे. लगभग 8 किलोमीटर रामनगर पड़ाव फोर लेन से कई तरह के फायदे भी मिलेंगे.

स्थानीय लोगों का मानना है कि इस तरह के प्रयासों से निश्चित तौर पर बनारस के लोगों को ट्रैफिक के मामले में बड़ी राहत मिलेगी. बाहर से आने वाले गाड़ियों का लोड डायवर्ट होकर शहर को सुकून देगा. माना जा रहा है कि दिसंबर तक इस हाईवे के शिलान्यास की तैयारी की जा रही है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र बनारस के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं. जी हां शायद यही वजह है कि हाल ही में 1700 करोड़ रुपये के योजनाओं की सौगात देने के बाद पीएम मोदी एक बार फिर से दिसंबर माह से पहले बनारस का रुख कर सकते हैं. वहीं, काशी में गंगा पथ पर एक ग्रैंड ट्रंक रोड यानी जीटी रोड बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. इसके सर्वे का काम भी पूरा हो गया है. जल्द ही अब टेंडर प्रक्रिया पूरी कर काम भी शुरू किया जाएगा. इस नए हाईवे को बनाने का मकसद सिर्फ इतना है कि बनारस में शहरी इलाके में होने वाली भीड़ का लोड कम हो और लोगों को जाम के झाम से निजात मिले.

जानकारी देते हुए कमिश्नर दीपक अग्रवाल

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने ईटीवी भारत से खास बताचीत करते हुए बताया कि गंगा पार रेत के इलाके को बनारस से सीधे जोड़ने की प्लानिंग के तहत 8 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. रामनगर से पड़ाव के बीच गंगा के समांतर तैयार होने वाली इस लंबी सड़क का बनारस से सीधा जुड़ाव होगा. इसका सबसे बड़ा फायदा बनारस से सटे चंदौली, मिर्जापुर, गाजीपुर, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड से आने वाले लोगों को मिलेगा. यह लोग बिना शहर में प्रवेश किए सीधे गंगा घाट पर पहुंच जाएंगे और यहीं से अपना काम पूरा कर गंगा के रास्ते वापस इस रोड से कनेक्ट होकर निकल सकेंगे.

यह भी पढ़ें- वाराणसी: स्कूल-कॉलेजों में आज मनाया जाएगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, 16 लाख बच्चों को खिलाई जाएगी दवा

कमिश्नर दीपक अग्रवाल का कहना है कि लगातार शहर में बढ़ रही भीड़ को डायवर्ट करने के लिए प्लान को तैयार किया गया है. जिसके जरिए घाटों पर पहुंचने वाली भीड़ गंगा पार इलाके में आने के बाद इस रास्ते के जरिए गंगा घाटों पर नावों के जरिये आ सकेगी. इनमें एके जेट्टी नमो घाट, अस्सी घाट और काशी विश्वनाथ मंदिर पर बनाई जा चुकी है. इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को सौंपी गई है. सर्वे का काम लगभग पूरा भी हो चुका है. उन्होंने कहा कि इस नए सड़क के निर्माण से करीब एक लाख लोगों को गंगा उस पार रेती पर आसानी से पहुंचाया जा सकेगा. साथ ही प्रतिदिन लगभग 15000 से ज्यादा लोग इसका उपयोग कर सीधे गंगा किनारे पहुंच सकेंगे.

कमिश्नर ने कहा कि रामनगर से पड़ाव के बीच बनने वाली इस नई सड़क पर दो बड़ी पार्किंग भी विकसित की जाएगी, जिसमें पूर्वांचल सहित अन्य राज्यों से आने वाले सैलानी गंगा किनारे ही अपना वाहन खड़ा करके गंगा के रास्ते नौका विहार करते हुए बनारस में एंट्री कर सकेंगे. इस प्रोजेक्ट के तैयार होने से सबसे बड़ा फायदा हाई फ्लाड लैंड को मिलेगा. गंगा किनारे एचएफएल की ऊंचाई से सड़क निर्माण की योजना तैयार की गई है. इस सड़क के बनने से आसपास के गांव फ्लड जोन के बाहर आ जाएंगे. लगभग 8 किलोमीटर रामनगर पड़ाव फोर लेन से कई तरह के फायदे भी मिलेंगे.

स्थानीय लोगों का मानना है कि इस तरह के प्रयासों से निश्चित तौर पर बनारस के लोगों को ट्रैफिक के मामले में बड़ी राहत मिलेगी. बाहर से आने वाले गाड़ियों का लोड डायवर्ट होकर शहर को सुकून देगा. माना जा रहा है कि दिसंबर तक इस हाईवे के शिलान्यास की तैयारी की जा रही है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.