वाराणसी: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है. ऐसे में तमाम राजनीतिक पार्टियां जनता को अपने पक्ष में करने के लिए विभिन्न प्रकार की नीतियां तैयार कर रही हैं. ऐसे में नेताओं का दल-बदल का कार्य जारी है. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीते शनिवार को 20 से अधिक समाजसेवी और विभिन्न दलों के नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.
सदस्यता ग्रहण करने वालों की लिस्ट में कांग्रेस के पूर्व पार्षद गोविंद शर्मा का भी नाम सामने आया, जिसके बाद शहर में चर्चा का माहौल गर्म हो गया. वाराणसी में भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले भदैनी और अस्सी क्षेत्र से गोविंद पार्षद और उनकी पत्नी दो बार से पार्षद हैं. कैंट विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने अपने घर को और मजबूत करने के लिए कार्य किया है. हालांकि, सोशल मीडिया पर लिस्ट जारी होने के बाद कांग्रेस ने पूर्व पार्षद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. पूर्व पार्षद गोविंद शर्मा का कहना है कि मैं जनता का सेवक हूं.
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गोविंद शर्मा ने बताया कि मैंने भाजपा की सदस्यता नहीं ली है. मेरे पास विधायक जी का फोन आया था, उसके बाद भी लिस्ट जारी की गई, जिसमें मेरा नाम है. लेकिन यह सरासर गलत है, मैं कांग्रेस का सिपाही हूं. मैं प्रियंका गांधी के हाथों को मजबूत कर लूंगा और भाजपा में नहीं जा रहा हूं. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार लाने के लिए घर-घर जाकर प्रचार करूंगा. पूर्व पार्षद ने बताया कि लगातार दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन हमारे क्षेत्र की जनता सर्वोपरि है. मैं जनता की सेवा भी करता हूं, लेकिन मैं नेता नहीं जनता का सेवक हूं.