वाराणसीः तीनों कृषि कानून वापस होने के बाद किसान अब घरों को लौट रहे हैं. इसी कड़ी में किसान फतेह यात्रा वाराणसी पहुंची. इस यात्रा का नेतृत्व चंदौली जिले के घाना गांव के रहने वाले बीएसएफ के पूर्व जवान मणि देव चतुर्वेदी ने किया. गाजीपुर बार्डर से निकली यह यात्रा किसानों को घर छोड़ते हुए आगे बढ़ रही है.
मणि देव चतुर्वेदी के नेतृत्व में रविवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सिंहद्वार पर पहुंची. इस यात्रा में शामिल किसानों ने पंडित मदन मोहन मालवीय जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इसके बाद यह पदयात्रा पीएम के संसदीय कार्यालय जवाहर नगर गई. यहां किसानों ने नारेबाजी की. सिगरा स्थित भारत माता मंदिर से होते यह यात्रा चंदौली के लिए रवाना हो गई.
मणि देव चतुर्वेदी ने बताया कि हम लोग पिछले 12 महीनों से गाजीपुर बॉर्डर में सर्दी में ठिठुरे हैं. बारिश में भीगे हैं. हमारे 700 किसानों की मौत हो गई. सरकार इस पर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है . गाजीपुर बॉर्डर से किसान फतेह यात्रा निकालते हुए आज हम लोग प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे हैं. किसान फतेह यात्रा के दौरान लोगों को उनके घरों तक छोड़ा जा रहा है. हमें हमारे साथी चंदौली छोड़ने आए हैं.
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मणि देव चतुर्वेदी ने बताया कि पीएम ने कृषि कानून वापस लेते हुए पीएम मोदी ने क्षमा मांगते हुए कहा था की उनकी तपस्या में कुछ कमी रह गई है. यह उन्होंने अडानी और अंबानी के लिए कहा था. उन्होंने किसानों को क्या-क्या नहीं कहा गया. कभी पाकिस्तानी, कभी खालिस्तानी...आदि. पीएम मोदी ने 714 किसानों की मौत पर दुख भी नहीं जताया.
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