वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक बार फिर से अपने फैसले के लेकर विवादों में है. इसकी वजह विश्वविद्यालय का नया फरमान है. इससे बी वॉक (B.voc) के विद्यार्थियों के भविष्य के लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. परिसर में संचालित इस कोर्स को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है. इससे छात्र-छात्राओं में नाराजगी है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस नए सेशन में इस कोर्स में एडमिशन लेने से इंकार कर दिया है. यह कोर्स साउथ कैंपस बरकच्छा में शिफ्ट किया जाएगा. वर्तमान में जो विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उनके अलावा अब अन्य कोई भी इस कैंपस में इस कोर्स में एडमिशन नहीं ले सकेगा. विश्वविद्यालय के इस फरमान ने छात्र-छात्राओं के समक्ष कई मुश्किलें खड़ी कर दी है.
विद्यार्थियों ने जताया विरोध : विद्यार्थियों ने आज सिंहद्वार को बंद कर जमकर विरोध किया. इस दौरान विश्वविद्यालय की सुरक्षा बल व विद्यार्थियों के बीच नोकझोंक भी हुई. विद्यार्थियों को चोटें भी आई हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में विद्यार्थियों ने कहा कि हम विश्वविद्यालय प्रशासन से बीते लगभग डेढ़ महीने से विरोध के जरिए अपने फैकल्टी में मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने की लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन, अचानक से विश्वविद्यालय ने हमें बेदखल करने का फरमान दे दिया. इस फरमान के बाद अब हमें समझ नहीं आ रहा कि हमारा भविष्य किस ओर जाएगा. यदि हम कहीं पर भी एडमिशन लेंगे तो हमसे यह पूछा जाएगा कि विश्वविद्यालय में हमारे जूनियर क्यों नहीं हैं तो हमारे पास कोई जवाब नहीं होगा .भविष्य हमारा अंधकार में दिख रहा है.
आक्रोशित छात्रों ने कहा कि प्रशासन को कम से कम पहले यह बात बतानी चाहिए थी, लेकिन अचानक से पोर्टल पर इस फरमान को तानाशाही रूप में अपडेट कर दिया गया, विश्वविद्यालय प्रशासन में ना हम विद्यार्थियों से बातचीत की ना हमारी समस्याएं सुनी बल्कि, सुरक्षाबलों के जरिए हम पर लाठियां बरसाने का काम कर रही है.
600 विद्यार्थी हैं पंजीकृत : गौरतलब हो कि बी वॉक में वर्तमान समय में 600 विद्यार्थी पंजीकृत हैं. इस कोर्स को इस सीजन से बंद करने के फरमान ने सभी विद्यार्थियों को एक भ्रम की स्थिति में डाल दिया है, विद्यार्थी अपने भविष्य को लेकर के खासा परेशान हैं, विद्यार्थियों का आरोप है कि बी वॉक विश्वविद्यालय में महंगा कोर्स होता है, हम अपने घर से जैसे तैसे करके इस कोर्स की फीस तो भरे लेकिन अब इसका आउटपुट हमारे सामने शून्य नजर आ रहा है.
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