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वाराणसी में एंबुलेंस चालकों की मनमानी पर लगेगी रोक, निजी अस्पतालों से जवाब-तलब - mbulance negligence matter

वाराणसी परिवहन कार्यालय में पंजीकृत, अधिग्रहित सभी एंबुलेंस को कोविड कमांड सेंटर नहीं भेजने पर डीएम ने निजी अस्पतालों से जवाब-तलब किया है. इसके लिए परिवहन विभाग को भी पत्र भेजा गया है.

वाराणसी में एंबुलेंस चालकों की मनमानी
वाराणसी में एंबुलेंस चालकों की मनमानी
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Published : May 1, 2021, 11:36 AM IST

वाराणसी: जनपद में कोरोना संक्रमण तेजी के साथ फैल रहा है. यहां हर दिन मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. इस मुश्किल वक्त में मरीजों को अस्पताल पहुंचाना हो या फिर शव घाट तक ले जाना हो, हर जगह एंबुलेंस चालकों की मनमानी सामने आ रही है. लिहाजा जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. उन्होंने इस बारे में परिवहन विभाग को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने निजी अस्पताल संचालकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि अधिग्रहित एंबुलेंस की ड्यूटी नहीं लगाई गई तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें-यूपी में 24 घंटे में कोरोना के 34,626 नए मामले, 332 मौतें

परिवहन विभाग को भेजा गया है पत्र

कोरोना काल में निजी अस्पताल व एंबुलेंसकर्मियों की मनमानी सामने आ रही है, जिसके कारण प्रशासन की किरकिरी हो रही है. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि एंबुलेंस चालकों की मनमानी नहीं चलेगी. निजी अस्पतालों में चलने वाली एंबुलेंस को अधिकृत करने के साथ ही नोटिस तामिल कराने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दे दिया गया है. यदि अस्पतालों ने एंबुलेंस को कोविड कमांड सेंटर नहीं भेजा तो अस्पताल संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें-आज भारत पहुंचेगी रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-V की पहली खेप

वर्तमान में मौजूद हैं इतनी एंबुलेंस

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के पास 108 नंबर की 14 एंबुलेंस, दो लाइफ सपोर्ट सिस्टम और चार एंबुलेंस अधिकृत की गई हैं. 10 निजी अस्पतालों से एंबुलेंस सेवा रखने के लिए कहा गया है. 2 शव वाहन हैं और इन सभी एंबुलेंस की सेवा मुफ्त में लोगों तक पहुंचाई जा रही है. इसके अलावा 16 प्राइवेट एंबुलेंस को कोविड कमांड सेंटर पर लगाया गया है. इनकी सेवाएं भी मुफ्त हैं.

वाराणसी: जनपद में कोरोना संक्रमण तेजी के साथ फैल रहा है. यहां हर दिन मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. इस मुश्किल वक्त में मरीजों को अस्पताल पहुंचाना हो या फिर शव घाट तक ले जाना हो, हर जगह एंबुलेंस चालकों की मनमानी सामने आ रही है. लिहाजा जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. उन्होंने इस बारे में परिवहन विभाग को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने निजी अस्पताल संचालकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि अधिग्रहित एंबुलेंस की ड्यूटी नहीं लगाई गई तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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परिवहन विभाग को भेजा गया है पत्र

कोरोना काल में निजी अस्पताल व एंबुलेंसकर्मियों की मनमानी सामने आ रही है, जिसके कारण प्रशासन की किरकिरी हो रही है. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि एंबुलेंस चालकों की मनमानी नहीं चलेगी. निजी अस्पतालों में चलने वाली एंबुलेंस को अधिकृत करने के साथ ही नोटिस तामिल कराने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दे दिया गया है. यदि अस्पतालों ने एंबुलेंस को कोविड कमांड सेंटर नहीं भेजा तो अस्पताल संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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वर्तमान में मौजूद हैं इतनी एंबुलेंस

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के पास 108 नंबर की 14 एंबुलेंस, दो लाइफ सपोर्ट सिस्टम और चार एंबुलेंस अधिकृत की गई हैं. 10 निजी अस्पतालों से एंबुलेंस सेवा रखने के लिए कहा गया है. 2 शव वाहन हैं और इन सभी एंबुलेंस की सेवा मुफ्त में लोगों तक पहुंचाई जा रही है. इसके अलावा 16 प्राइवेट एंबुलेंस को कोविड कमांड सेंटर पर लगाया गया है. इनकी सेवाएं भी मुफ्त हैं.

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