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वाराणसी: अपराध एवं कानून व्यवस्था को लेकर डीएम और एसएसपी की हुई बैठक

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में डीएम कौशलराज शर्मा और एसएसपी अमित पाठक ने शनिवार को अपराध एवं कानून व्यवस्था से सम्बंधित बैठक की. जिसमें आगामी त्योहारों को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए.

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Published : Sep 13, 2020, 10:16 AM IST

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डीएम और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बैठक की.

वाराणसी: डीएम कौशलराज शर्मा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक द्वारा शनिवार को ट्रैफिक पुलिस लाइन के सभा कक्ष में अपराध एवं कानून व्यवस्था से सम्बंधित बैठक की गई. जिसमें डीएम द्वारा बताया गया कि आने वाले दिनों में कई राष्ट्रीय व स्थानीय त्योहारों का समय है जिसमें दशहरा, दीपावली, देव दीपावली और दुर्गा पूजा इत्यादि है. त्योहारों पर भीड़ भाड़ नहीं लगनी चाहिए, शासन द्वारा दी गई छूट के अनुसार और कोविड-19 को देखते हुए ही लोगों को स्वयं सचेत होकर त्योहार मनाना होगा जो सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी है.

दरअसल, त्योहार के अवसर पर फिर भी लोग सड़कों पर निकल पड़ते हैं. ऐसी स्थिति में सुगम यातायात व्यवस्था सुनिश्चित कराना होगा. उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली पर विगत वर्ष अफरा-तफरी हो गई थी और ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ गई थी. ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए घाटों के आसपास के थानों को विशेष रूप से अलर्ट रहने और मजबूत ट्रैफिक प्लान तैयार करने का निर्देश दिया है.


अपराध पर नियंत्रण एवं अपराधी पर प्रभावी कार्रवाई के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि 107/16 के अन्तर्गत विवाद करने वाले गांवों को अभी से चिन्हित कर लें और निरोधात्मक कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाए, जिससे असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके. क्योंकि आगे के दिनों में पंचायत चुनाव, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन आदि के समय कोई व्यवधान उत्पन्न न हो.

गावों में भूमि विवाद के सर्वाधिक मामले सामने आते हैं जो अधिकतर अपराध का कारण बनते हैं. उन्होंने निर्देशित किया कि अभी से सभी थाने ग्रामवार A, B और C श्रेणी में विवादित गावों को सूचीबद्ध करते हुए A- अति संवेदनशील, B- संवेदनशील तथा C- सामान्य में दर्ज किया जाए. इसके साथ ही व्यक्तिगत रंजिश, भूमि विवाद, चुनावी रंजिश, पार्टी बन्दी, गोलबंदी और एससी बनाम नान एससी आदि केटेगरी में विश्लेषण करते हुए सूची तैयार करें.

व्यक्तिगत रंजिश के मामले में थाने में दोनों पक्ष को आमने-सामने बैठाकर विवाद के निस्तारण करायें. झगड़े का कारण स्पष्ट करें और जो वास्तव में बदमाशी कर रहा हो उसके खिलाफ कार्रवाई करें. राजस्व एवं पुलिस की संयुक्त टीम बना कर अगले 10 दिनों में उक्त कार्य को लगातार करा कर झगड़े का निस्तारण करते हुए समझौता हो तो उसे लिखवायें या जो कार्रवाई की जाय उसे जीडी में दर्ज किया जाय.

शहरी क्षेत्र में सरकारी प्रापर्टी एवं निजी प्रापर्टी अधिक मूल्यवान होती है. यहां भू-माफियाओं, सूदखोरों, दबंगों द्वारा कब्जे आदि के अधिक मामले सामने आते हैं, इसलिए शहरी क्षेत्र में भी जमीन, मकान आदि प्रापर्टी के मामले चिन्हित किये जायें. एंटी भू-माफिया की कार्रवाई, रुपये लेन देन के मामले में कार्रवाई आदि करायी जाये. आर्म कैंसिलेशन की कार्रवाई करने के बाद शस्त्र जमा करा कर थाने से रिपोर्ट भेजें. एनएसए की कार्रवाई करते समय एसपीओ व एपीओ को सामने बैठा कर तथ्यों का उल्लेख मजबूती से करते हुए जीडी में दर्ज कराया जाए.

वाराणसी: डीएम कौशलराज शर्मा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक द्वारा शनिवार को ट्रैफिक पुलिस लाइन के सभा कक्ष में अपराध एवं कानून व्यवस्था से सम्बंधित बैठक की गई. जिसमें डीएम द्वारा बताया गया कि आने वाले दिनों में कई राष्ट्रीय व स्थानीय त्योहारों का समय है जिसमें दशहरा, दीपावली, देव दीपावली और दुर्गा पूजा इत्यादि है. त्योहारों पर भीड़ भाड़ नहीं लगनी चाहिए, शासन द्वारा दी गई छूट के अनुसार और कोविड-19 को देखते हुए ही लोगों को स्वयं सचेत होकर त्योहार मनाना होगा जो सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी है.

दरअसल, त्योहार के अवसर पर फिर भी लोग सड़कों पर निकल पड़ते हैं. ऐसी स्थिति में सुगम यातायात व्यवस्था सुनिश्चित कराना होगा. उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली पर विगत वर्ष अफरा-तफरी हो गई थी और ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ गई थी. ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए घाटों के आसपास के थानों को विशेष रूप से अलर्ट रहने और मजबूत ट्रैफिक प्लान तैयार करने का निर्देश दिया है.


अपराध पर नियंत्रण एवं अपराधी पर प्रभावी कार्रवाई के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि 107/16 के अन्तर्गत विवाद करने वाले गांवों को अभी से चिन्हित कर लें और निरोधात्मक कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाए, जिससे असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके. क्योंकि आगे के दिनों में पंचायत चुनाव, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन आदि के समय कोई व्यवधान उत्पन्न न हो.

गावों में भूमि विवाद के सर्वाधिक मामले सामने आते हैं जो अधिकतर अपराध का कारण बनते हैं. उन्होंने निर्देशित किया कि अभी से सभी थाने ग्रामवार A, B और C श्रेणी में विवादित गावों को सूचीबद्ध करते हुए A- अति संवेदनशील, B- संवेदनशील तथा C- सामान्य में दर्ज किया जाए. इसके साथ ही व्यक्तिगत रंजिश, भूमि विवाद, चुनावी रंजिश, पार्टी बन्दी, गोलबंदी और एससी बनाम नान एससी आदि केटेगरी में विश्लेषण करते हुए सूची तैयार करें.

व्यक्तिगत रंजिश के मामले में थाने में दोनों पक्ष को आमने-सामने बैठाकर विवाद के निस्तारण करायें. झगड़े का कारण स्पष्ट करें और जो वास्तव में बदमाशी कर रहा हो उसके खिलाफ कार्रवाई करें. राजस्व एवं पुलिस की संयुक्त टीम बना कर अगले 10 दिनों में उक्त कार्य को लगातार करा कर झगड़े का निस्तारण करते हुए समझौता हो तो उसे लिखवायें या जो कार्रवाई की जाय उसे जीडी में दर्ज किया जाय.

शहरी क्षेत्र में सरकारी प्रापर्टी एवं निजी प्रापर्टी अधिक मूल्यवान होती है. यहां भू-माफियाओं, सूदखोरों, दबंगों द्वारा कब्जे आदि के अधिक मामले सामने आते हैं, इसलिए शहरी क्षेत्र में भी जमीन, मकान आदि प्रापर्टी के मामले चिन्हित किये जायें. एंटी भू-माफिया की कार्रवाई, रुपये लेन देन के मामले में कार्रवाई आदि करायी जाये. आर्म कैंसिलेशन की कार्रवाई करने के बाद शस्त्र जमा करा कर थाने से रिपोर्ट भेजें. एनएसए की कार्रवाई करते समय एसपीओ व एपीओ को सामने बैठा कर तथ्यों का उल्लेख मजबूती से करते हुए जीडी में दर्ज कराया जाए.

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