वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में शनिवार को सरकारी संस्थाओं के निगमीकरण के खिलाफ संयुक्त संघर्ष समिति ने हस्ताक्षर अभियान चलाया. साथ ही सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पर्चा बांटकर बनारस में निगमीकरण के बाद आने वाली आर्थिक तंगी के बारे में लोगों को परिचित कराया.
DLW कर्मचारियों ने हस्ताक्षर अभियान किया शुरु-
डीरेका भारत का पहला ऐसा डीजल इंजन कारखाना है जहां पर डीजल इंजन बनाने के साथ साथ इलेक्ट्रॉनिक इंजन भी बनाया जाता है. सरकार जिस तरह रेलवे स्टेशन का निजीकरण कर रही है उसी के तहत डीरेका का भी निगमीकरण एक दिन किया जाना है.
सैकड़ों सामाजिक संस्था और लोग शामिल होकर हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से प्रधानमंत्री तक इस बात को पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. लोगों की मांग है कि सरकार जिले का निगमीकरण ना करे.
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मई माह से ही डीएलडब्ल्यू सरकारी संस्थाओं को निर्मित करण किया जाना है, जिसके लिए हम लोगों ने डीरेका बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले शनिवार को कमच्छा पर पर्ची बांटकर हस्ताक्षर अभियान के तहत लोगों को जागरूक करने का काम किया है. जिस तरह देश में रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पूरी तरह निजी करण कर दिए गए हैं उसी तरह आने वाले दिनों में डीएलडब्लू को निगमीकरण करने के बाद निजी करण कर दिया जाएगा.
-संजीव सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता