वाराणसी : शुक्रवार को मां के सप्तम रूप के दर्शन हुए. नवरात्रि की सप्तम तिथि को मां कालरात्रि के दर्शन का विधान है. धर्मनगरी काशी की कलिका गली में मां कालरात्रि देवी का भव्य और अति प्राचीन मंदिर स्थापित है. वहीं दर्शनार्थियों की भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर के आस-पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
मां के सप्तम स्वरूप कालरात्रि देवी की पूजा करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है. सुबह मां की आरती के बाद दर्शन करने का सिलसिला जारी है. भक्तों का मानना है कि मां के दर्शन-पूजन से अनेक प्रकार के लाभ होते हैं. मां के भव्य स्वरूप के दर्शन से जीवन में आने वाले समस्त काल का विनाश होता है. मां कालरात्रि को शत्रु नाशक देवी माना जाता है. इसलिए यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है.
यहां मां को नारियल बलि के रूप में चढ़ाने की परंपरा है. मां को चुनरी के साथ लाल अड़हुल की माला चढ़ाई जाती है. साथ ही यहां अगर वो शादीसुदा दंपत्ति दर्शन-पूजन करें जिनका वैवाहिक जीवन ठीक नहीं चलता तो उनके रिश्ते भी ठीक हो जाते हैं.