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वाराणसी : शत्रु नाशक मां कालरात्रि के दर्शन के लिए उमड़े भक्त - चैत नवरात्रि

धर्मनगरी काशी की कलिका गली में मां कालरात्रि देवी का भव्य और अति प्राचीन मंदिर स्थापित है. यहां मां के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है. मां कालरात्रि को शत्रु नाशक देवी माना जाता है.

मां कालरात्रि देवी
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Published : Apr 12, 2019, 12:04 PM IST

वाराणसी : शुक्रवार को मां के सप्तम रूप के दर्शन हुए. नवरात्रि की सप्तम तिथि को मां कालरात्रि के दर्शन का विधान है. धर्मनगरी काशी की कलिका गली में मां कालरात्रि देवी का भव्य और अति प्राचीन मंदिर स्थापित है. वहीं दर्शनार्थियों की भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर के आस-पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

मां कालरात्रि के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़.


मां के सप्तम स्वरूप कालरात्रि देवी की पूजा करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है. सुबह मां की आरती के बाद दर्शन करने का सिलसिला जारी है. भक्तों का मानना है कि मां के दर्शन-पूजन से अनेक प्रकार के लाभ होते हैं. मां के भव्य स्वरूप के दर्शन से जीवन में आने वाले समस्त काल का विनाश होता है. मां कालरात्रि को शत्रु नाशक देवी माना जाता है. इसलिए यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है.

यहां मां को नारियल बलि के रूप में चढ़ाने की परंपरा है. मां को चुनरी के साथ लाल अड़हुल की माला चढ़ाई जाती है. साथ ही यहां अगर वो शादीसुदा दंपत्ति दर्शन-पूजन करें जिनका वैवाहिक जीवन ठीक नहीं चलता तो उनके रिश्ते भी ठीक हो जाते हैं.

वाराणसी : शुक्रवार को मां के सप्तम रूप के दर्शन हुए. नवरात्रि की सप्तम तिथि को मां कालरात्रि के दर्शन का विधान है. धर्मनगरी काशी की कलिका गली में मां कालरात्रि देवी का भव्य और अति प्राचीन मंदिर स्थापित है. वहीं दर्शनार्थियों की भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर के आस-पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

मां कालरात्रि के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़.


मां के सप्तम स्वरूप कालरात्रि देवी की पूजा करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है. सुबह मां की आरती के बाद दर्शन करने का सिलसिला जारी है. भक्तों का मानना है कि मां के दर्शन-पूजन से अनेक प्रकार के लाभ होते हैं. मां के भव्य स्वरूप के दर्शन से जीवन में आने वाले समस्त काल का विनाश होता है. मां कालरात्रि को शत्रु नाशक देवी माना जाता है. इसलिए यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है.

यहां मां को नारियल बलि के रूप में चढ़ाने की परंपरा है. मां को चुनरी के साथ लाल अड़हुल की माला चढ़ाई जाती है. साथ ही यहां अगर वो शादीसुदा दंपत्ति दर्शन-पूजन करें जिनका वैवाहिक जीवन ठीक नहीं चलता तो उनके रिश्ते भी ठीक हो जाते हैं.

एंकर--- नवरात्र में आज माँ के सप्तम रूप का दर्शन हो रहा है।  तो आइये हम आपको ले चलते हैं धर्म नगरी काशी के कलिका गली जहाँ माँ कालरात्रि देवी का भव्य और अति प्राचीन मंदिर विद्यमान है नवरात्रि की सप्तम् तिथि को मां कालरात्रि के दर्शन का विधान है।  दर्शनार्थियो के भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम भी किये गए हैं।

VO1: माँ के सप्तम स्वरूप कालरात्रि देवी की विधिवत  पूजा की जाती हैं।  सुबह भोर से ही माँ की आरती के बाद भक्तो के दर्शन का करने का सिलसिला शुरू हो गया हैं।  माँ की एक झलक पाकर भक्त निहाल हो उठते हैं।  भक्तो का मानना हैं कि माँ के दर्शन पूजन से अनेक प्रकार के लाभ होते हैं।  मां के भव्य स्वरूप के दर्शन जीवन में आने वाले समस्त काल का विनाश होता हैं। मां कालरात्रि को शत्रु नाशक देवी माना जाता है। इसलिए यहां भक्तों की भीड़ रहती है।

बाइट---रमेश महाराज ,महंत,माँ कालरात्रि देवी मन्दिर,वाराणसी

VO2: यहां मां को नारियल बलि के रूप में चढ़ाने की परंपरा है। मां को चुनरी के साथ लाल अड़हुल की माला चढ़ाई जाती है। साथ ही यहां अगर वे शादीसुदा दंपत्ति दर्शनपूजन करे जिनका वैवाहिक जीवन ठीक नहीं चलता तो उनके जीवन में भी रिश्ते ठीक होते हैं।

नोट: खबर के विसुअल्स ftp से up_vns_12april2019_kalratri darshan नाम के फोल्डर से भेजे गए हैं, कृपया चेक कर लें।

Regards
Arnima Dwivedi
Varanasi
7523863236
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