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कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा घाटों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, लगाई आस्था की डुबकी - गंगा स्नान

कार्तिक पूर्णिमा पर काशी के घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़. वाराणसी में आज मनाई जाएगी देव दीपावली, गंगा घाटों को सजाया गया. कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी.

गंगा में डुबकी लगाने के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.
गंगा में डुबकी लगाने के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.
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Published : Nov 19, 2021, 8:38 AM IST

Updated : Nov 19, 2021, 2:24 PM IST

वाराणसी/कानपुरः कार्तिक का महीना अपने आप में महत्वपूर्ण होता है और पुण्य के भागी बनने के लिए हर कोई पूरे कार्तिक के महीने में मां गंगा में डुबकी लगाता है. लेकिन बहुत से ऐसे लोग हैं जो कार्तिक के पूरे महीने मां गंगा में डुबकी नहीं लगा पाते हैं तो वह कार्तिक पूर्णिमा पर पुण्य के भागीदार बनते हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को सुबह से ही काशी के गंगा घाटों पर मां गंगा में पावन डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है.

गंगा में डुबकी लगाने के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.

वाराणसी के दशाश्वमेध घाट से लेकर अस्सी घाट की लंबी शृंखला पर अलग-अलग घाटों पर लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है. कार्तिक पूर्णिमा का स्नान करके हर कोई ईश्वर से आशीर्वाद प्राप्त कर रहा है.ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान से पापों मुक्त मिलती है. कार्तिक महीने में स्नान करने से पूरे कार्तिक महीने में स्नान का फल एक ही दिन के स्नान से प्राप्त होता है. इसलिए हर कोई मां गंगा में डुबकी लगा कर पुण्य का भागी बनना चाह रहा है.

दरअसल, वाराणसी में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है, क्योंकि इसी दिन देव दीपावली मनाई जाती है और वाराणसी के गंगा घाट दीपो से जगमगा उठते हैं. वहीं देव दीपावली को लेकर काशी के गंगा घाटों पर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. शाम को काशी का अद्भुत रूप देखने को मिलेगा और दशाश्वमेध घाट के साथ अन्य घाटों पर महाआरती का भी आयोजन किया जाएगा. कोविड-19 के 2 साल के कहर के बाद शुक्रवार को यह महाउत्सव मनाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें-देव दीपावली पर आकर्षण का केंद्र बनेगी 108 साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा

गौरतलब है कि देव दीपावली के मद्देनजर वाराणसी के विभिन्न घाटों को मनमोहक तरीकों से सजाया गया है. मानसरोवर घाट पर मां अन्नपूर्णा का 32 फीट ऊंचा एक भव्य कटआउट लगाया गया है, जो बेहद खूबसूरत और आकर्षक है. इस दौरान हजारों रंग बिरंगी लाइटों से चमकते काशी के घाट पर मौजूद मां अन्नपूर्णा का स्वरूप लोगों की आस्था का केंद्र होगा. क्योंकि बाबा विश्वनाथ के परिसर में विराजमान मां अन्नपूर्णा का दर्शन भक्त आसानी से कर सकेंगे या नहीं. लेकिन मानसरोवर घाट पर लगा मां अन्नपूर्णा के कटआउट का दर्शन कर भक्त देव दीपावली पर्व पर निहाल होंगे.


वहीं, कानपुर में भी कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा घाटों के किनारे श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा में स्नान करने के लिए घाटों में पहुंची. श्रद्धालुओं को देखते हुए घाटों के किनारे जल पुलिस और पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. कानपुर के सरसैया घाट में कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य स्नान है. सरसैया घाट पर लाखों श्रद्धालु पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई. इसी तरह कानपुर के सभी घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया.

अयोध्या में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु.
अयोध्या में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु.

राम नगरी अयोध्या में लगा आस्था का मेला

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में शुक्रवार की सुबह कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने पुण्य सलिला सरयू के तट पर पहुंचकर आस्था की डुबकियां लगाईं. मां सरयू में स्नान के साथ ही बीते 1 माह से अयोध्या में चल रहा कल्पवास भी समाप्त हो गया है. जैसे माघ महीने में प्रयागराज में श्रद्धालु कल्पवास करते हैं वैसे ही कार्तिक मास में अयोध्या में कल्पवास करने की परंपरा रही है. बीते 1 महीने से श्रद्धालु अयोध्या में कल्पवास कर रहे थे. आज मां सरयू का दर्शन पूजन स्नान और दान पुण्य करने के साथी यह अनुष्ठान समाप्त हो गया.

लखनऊ में कुड़िया घाट पर लोगों ने किया स्नान.

लखनऊ में कुड़िया घाट पर लोगों ने लगाई डुबकी

कार्तिक पूर्णिमा महापर्व लखनऊ के कुड़िया घाट पर हजारों लोगों ने डुबकी लगाई. सुबह से ही लोगों की लंबी कतार यहां पर लगने लगी घर पर हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे और सुबह 11 बजे तक यह सिलसिला चलता रहा. सुबह 5 बजे से ही घाटों पर आना लोगों का शुरू हो गया था और घाट पर जमकर भीड़ थी. लोगों ने नदी में स्नान किया और फिर पूजा अर्चना कर घर वापस लौटे. ईटीवी भारत से लोगोंने बातचीत करते हुए बताया कि कार्तिक पूर्णिमा एक महापर्व है. बीते 2 साल से ऐसा मौका हमें नहीं मिल पा रहा था और अब जब यह मौका मिला है तो बहुत ज्यादा खुशी हो रही है.

कन्नौज में गंगा घाट पर उमड़े श्रद्धालु.
कन्नौज में गंगा घाट पर उमड़े श्रद्धालु.

इत्रनगरी में कई जिलों से पहुंचे लोग
इसी तरह इत्रनगरी कन्नौज में कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब गंगा घाट पर उमड़ पड़ा. इस दौरान श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. गंगा में स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने घाट व मंदिरों में पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की. इस दौरान कन्नौज के अलावा हरदोई, औरैया, झांसी, समेत आसपास के अन्य जनपदों से लोग गंगा स्नान करने के लिए पहुंचे. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात रहा.

श्रद्धालुओं ने आगरा में लगाई आस्था की डुबकी.
श्रद्धालुओं ने आगरा में लगाई आस्था की डुबकी.

बटेश्वर में लाखों श्रद्धालुओं ने यमुना में लगाई आस्था की डुबकी

आगरा जनपद के बाह क्षेत्र के यमुना नदी किनारे बसा उत्तर भारत के प्रसिद्ध पौराणिक तीर्थराज बटेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा पर दूर दराज से पहुंचे लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मोक्षदायिनी यमुना में आस्था की डुबकी लगाकर भगवान भोले पर जलाभिषेक कर आशीर्वाद प्राप्त किया. शुक्रवार सुबह कई राज्यों से पहुंचे लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने यमुना नदी में कार्तिक पूर्णिमा पर आस्था की डुबकी लगाई. यमुना नदी किनारे बने दर्जनों मंदिरों में भगवान शिव के शिवलिंग पर जलाभिषेक कर विधिवत पूजा की और अपने परिवार की सुख समृद्धि कामना की.

वाराणसी/कानपुरः कार्तिक का महीना अपने आप में महत्वपूर्ण होता है और पुण्य के भागी बनने के लिए हर कोई पूरे कार्तिक के महीने में मां गंगा में डुबकी लगाता है. लेकिन बहुत से ऐसे लोग हैं जो कार्तिक के पूरे महीने मां गंगा में डुबकी नहीं लगा पाते हैं तो वह कार्तिक पूर्णिमा पर पुण्य के भागीदार बनते हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को सुबह से ही काशी के गंगा घाटों पर मां गंगा में पावन डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है.

गंगा में डुबकी लगाने के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.

वाराणसी के दशाश्वमेध घाट से लेकर अस्सी घाट की लंबी शृंखला पर अलग-अलग घाटों पर लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है. कार्तिक पूर्णिमा का स्नान करके हर कोई ईश्वर से आशीर्वाद प्राप्त कर रहा है.ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान से पापों मुक्त मिलती है. कार्तिक महीने में स्नान करने से पूरे कार्तिक महीने में स्नान का फल एक ही दिन के स्नान से प्राप्त होता है. इसलिए हर कोई मां गंगा में डुबकी लगा कर पुण्य का भागी बनना चाह रहा है.

दरअसल, वाराणसी में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है, क्योंकि इसी दिन देव दीपावली मनाई जाती है और वाराणसी के गंगा घाट दीपो से जगमगा उठते हैं. वहीं देव दीपावली को लेकर काशी के गंगा घाटों पर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. शाम को काशी का अद्भुत रूप देखने को मिलेगा और दशाश्वमेध घाट के साथ अन्य घाटों पर महाआरती का भी आयोजन किया जाएगा. कोविड-19 के 2 साल के कहर के बाद शुक्रवार को यह महाउत्सव मनाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें-देव दीपावली पर आकर्षण का केंद्र बनेगी 108 साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा

गौरतलब है कि देव दीपावली के मद्देनजर वाराणसी के विभिन्न घाटों को मनमोहक तरीकों से सजाया गया है. मानसरोवर घाट पर मां अन्नपूर्णा का 32 फीट ऊंचा एक भव्य कटआउट लगाया गया है, जो बेहद खूबसूरत और आकर्षक है. इस दौरान हजारों रंग बिरंगी लाइटों से चमकते काशी के घाट पर मौजूद मां अन्नपूर्णा का स्वरूप लोगों की आस्था का केंद्र होगा. क्योंकि बाबा विश्वनाथ के परिसर में विराजमान मां अन्नपूर्णा का दर्शन भक्त आसानी से कर सकेंगे या नहीं. लेकिन मानसरोवर घाट पर लगा मां अन्नपूर्णा के कटआउट का दर्शन कर भक्त देव दीपावली पर्व पर निहाल होंगे.


वहीं, कानपुर में भी कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा घाटों के किनारे श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा में स्नान करने के लिए घाटों में पहुंची. श्रद्धालुओं को देखते हुए घाटों के किनारे जल पुलिस और पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. कानपुर के सरसैया घाट में कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य स्नान है. सरसैया घाट पर लाखों श्रद्धालु पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई. इसी तरह कानपुर के सभी घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया.

अयोध्या में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु.
अयोध्या में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु.

राम नगरी अयोध्या में लगा आस्था का मेला

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में शुक्रवार की सुबह कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने पुण्य सलिला सरयू के तट पर पहुंचकर आस्था की डुबकियां लगाईं. मां सरयू में स्नान के साथ ही बीते 1 माह से अयोध्या में चल रहा कल्पवास भी समाप्त हो गया है. जैसे माघ महीने में प्रयागराज में श्रद्धालु कल्पवास करते हैं वैसे ही कार्तिक मास में अयोध्या में कल्पवास करने की परंपरा रही है. बीते 1 महीने से श्रद्धालु अयोध्या में कल्पवास कर रहे थे. आज मां सरयू का दर्शन पूजन स्नान और दान पुण्य करने के साथी यह अनुष्ठान समाप्त हो गया.

लखनऊ में कुड़िया घाट पर लोगों ने किया स्नान.

लखनऊ में कुड़िया घाट पर लोगों ने लगाई डुबकी

कार्तिक पूर्णिमा महापर्व लखनऊ के कुड़िया घाट पर हजारों लोगों ने डुबकी लगाई. सुबह से ही लोगों की लंबी कतार यहां पर लगने लगी घर पर हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे और सुबह 11 बजे तक यह सिलसिला चलता रहा. सुबह 5 बजे से ही घाटों पर आना लोगों का शुरू हो गया था और घाट पर जमकर भीड़ थी. लोगों ने नदी में स्नान किया और फिर पूजा अर्चना कर घर वापस लौटे. ईटीवी भारत से लोगोंने बातचीत करते हुए बताया कि कार्तिक पूर्णिमा एक महापर्व है. बीते 2 साल से ऐसा मौका हमें नहीं मिल पा रहा था और अब जब यह मौका मिला है तो बहुत ज्यादा खुशी हो रही है.

कन्नौज में गंगा घाट पर उमड़े श्रद्धालु.
कन्नौज में गंगा घाट पर उमड़े श्रद्धालु.

इत्रनगरी में कई जिलों से पहुंचे लोग
इसी तरह इत्रनगरी कन्नौज में कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब गंगा घाट पर उमड़ पड़ा. इस दौरान श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. गंगा में स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने घाट व मंदिरों में पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की. इस दौरान कन्नौज के अलावा हरदोई, औरैया, झांसी, समेत आसपास के अन्य जनपदों से लोग गंगा स्नान करने के लिए पहुंचे. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात रहा.

श्रद्धालुओं ने आगरा में लगाई आस्था की डुबकी.
श्रद्धालुओं ने आगरा में लगाई आस्था की डुबकी.

बटेश्वर में लाखों श्रद्धालुओं ने यमुना में लगाई आस्था की डुबकी

आगरा जनपद के बाह क्षेत्र के यमुना नदी किनारे बसा उत्तर भारत के प्रसिद्ध पौराणिक तीर्थराज बटेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा पर दूर दराज से पहुंचे लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मोक्षदायिनी यमुना में आस्था की डुबकी लगाकर भगवान भोले पर जलाभिषेक कर आशीर्वाद प्राप्त किया. शुक्रवार सुबह कई राज्यों से पहुंचे लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने यमुना नदी में कार्तिक पूर्णिमा पर आस्था की डुबकी लगाई. यमुना नदी किनारे बने दर्जनों मंदिरों में भगवान शिव के शिवलिंग पर जलाभिषेक कर विधिवत पूजा की और अपने परिवार की सुख समृद्धि कामना की.

Last Updated : Nov 19, 2021, 2:24 PM IST
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