वाराणसीः तस्करी के लिए राजस्थान से उत्तर प्रदेश और बिहार के रास्ते बंगाल जा रहे 16 ऊंटों को गौ ज्ञान फाउंडेशन और पुलिस की मदद से मुक्त कराया गया. वहीं,वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट की देखरेख में रविवार को एक ऊंटनी की मौत हो गई. इस पूरे मामले को लेकर अधिवक्ता सौरव तिवारी ने जिला प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा किया. 27 जून को तस्करों के हाथों से ऊंट को मुक्त कराया गया था.
सौरभ तिवारी ने बताया इनके वातावरण के अनुरूप गौ ज्ञान फाउंडेशन की तरफ से मैंने वाराणसी निचली अदालत में पीआईएल दाखिल की. इन ऊंटों को सिरोही राजस्थान भेजा जाए. न्यायालय ने भी आदेश दिए कि जिलाधकारी अपने खर्च पर इन ऊंट को सिरोही राजस्थान भेजें. 13 जुलाई को जिलाधिकारी ने कोर्ट में यह दाखिल कर दिया कि अपने खर्च से संस्था ऊंट को ले जाए. इस पूरे मामले पर 19 जुलाई को हाईकोर्ट न्यायालय ने जिला अधिकारी न्यायालय से कहा कि संसद में पारित कानून यह है और हमारा आदेश है आपने इसको पारित क्यों नहीं किया.
अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि 20 जुलाई को क्रिमिनल अफेयर जिलाधिकारी ने दायर किया. जिसको वेलफेयर एनिमल्स की रक्षा करनी चाहिए. शुक्रवार को एक ऊंटनी की तबीयत खराब हो गई. हम जिलाधिकारी से आग्रह करते रहे. आखिरकार आज एक ऊंटनी की मौत हो गई. स्लाटर को हम लोग नहीं रोक पा रहे हैं. यह दुखद है और इस तरह कार्य करके उसे बढ़ावा दिया जा रहा है. अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने कहा कि वे देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि वे मामले को संज्ञान में लें और चीफ सेक्रेट्री स्तर की जांच कराएं.
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जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि पुलिस कमिशनरेट थाना रामनगर अंतर्गत मुकदमा संख्या 114/2022 पशु क्रूरता अधिनियम में पुलिस द्वारा पकड़े गए 16 ऊंट की कस्टडी थाना पुलिस रामनगर से गौ ज्ञान फाउंडेशन को देने के लिए ACJM 1 न्यायालय द्वारा आदेश 7 जुलाई को जारी किया गया था. इस माल मुकदमा संपत्ति की कस्टडी तभी से गौ ज्ञान फाउंडेशन के पास है. उनके द्वारा इनकी देखरेख की जा रही है और मीडिया को भी इसकी जानकारी उनके द्वारा दी गई है.
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