वाराणसी: जिले में 29 मई को युवक का अपहरण कर हत्या करने के मामले का रविवार को पुलिस ने खुलासा किया. पुलिस ने युवक का अपहरण कर हत्या करने वाले प्रेमी-प्रेमिका सहित 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है.
गौरतलब है जिला फर्रुखाबाद निवासी रामकिशोर यादव ने थाना भेलूपुर में 29 मई को अपने बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराई थी. तहरीर के अनुसार रामकिशोर यादव का बेटा देवांश यादव अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए वाराणसी गया था. जोकि BHU में में पढ़ाई करती थी. देवांश पैराडाइज होटल अस्सी में रूका था. इसमें वह अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए गया था. लेकिन, वह वापस नहीं लौटा तो होटल वालों ने इस बात की सूचना पुलिस और परिजनों को दी. इसके बाद पुलिस ने नामजद तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी.
इस संबंध में डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम ने बताया कि अपहरण कर हत्या करने वाले प्रेमी-प्रेमिका समेत तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. जिनका नाम राहुल सेठ, सादाब आलम व अनुष्का तिवारी है. पूछताछ व संकलित साक्ष्य से पाया गया कि फर्रुखाबाद निवासी देवांश यादव अभियुक्ता अनुष्का तिवारी से प्रेम करता था. उसने अनुष्का तिवारी के साथ कक्षा 6 से नौ तक सरस्वती ज्ञान मन्दिर इण्टर कॉलेज कानपुर नगर में साथ पढ़ाई की थी.
सख्ती से पूछताछ करने पर अभियुक्त राहुल सेठ, अनुष्का तिवारी और सादाब आलम ने बताया कि देवांश यादव अनुष्का तिवारी से जबरदस्ती मिलना चाहता था और उसे परेशान करता था. जिससे अनुष्का तिवारी काफी परेशान हो गई थी. देवांश यादव की हरकतों से परेशान होकर तीनों ने देवांश यादव की हत्या का प्लान बनाया. जिसके लिए अनुष्का ने व्हाट्सएप कॉल कर देवांश यादव को वाराणसी बुलाया. इसके बाद देवांश एक होटल में ठहर था.
जहां ने अनुष्का उसे अपने साथ एक कार में बैठा कर अपने साथ ले आई. इस कार में शादाब आलम चला रहा था. वहीं, अनुष्का का प्रेमी राहुल सेठ कार के पीछे-पीछे स्कूटी से चल रहा था. इस दौरान अनुष्का ने पिसी हुई नींद की गोलियों को जूस में मिलाकर देवांश को पिला दिया. नींद की गोली का असर होने पर जब देवांश यादव बेहोश हो गया. तब तक तीनों रेलवे क्रासिंग वाली सिन्धी ताल पुलिया के आगे पहुंच गए थे. अब तीनों को डर लगने लगा कि कही देवांश को होश न आ जाए.
इस डर से राहुल सेठ और उसके साथी सादाब ने रात के अंधेरे में उसे गिट्टी पर पटक पटक कर मारने लगे. ज्यादा अंधेरा होने पर कुछ नहीं दिखाई दे रहा था. इस पर राहुल और सादाब आलम को लगा कि देवांश बच सकता है और बचने के बाद वह तीनों को फंसा देगा. तो राहुल सेठ ने गाड़ी में रखा पेचकश निकाल कर देवांश यादव के गले व सीने में कई वार किए और पिस्टल निकालकर एक फायर कर दिया. इसके बाद अपराध से बचने के लिए राहुल सेठ ने पिस्टल, पेस्कस और देवांश का मोबाइल बिहार की तरफ जाते हुए अलग-अलग ट्रकों में फेंक दिया गया.
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