वाराणसी: 25 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संभावित वाराणसी दौरा है. उनके दौरे को लेकर के एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी के द्वारा तैयारियां चरम पर है, तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष भी पीएम के दौरे को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय राय ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को साझा करते हुए पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों के हित की विरोधी है, यह बात पीएम मोदी के संभावित जनसभा स्थल से स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है.
पीएम के दौरे को लेकर सियासत गर्म
बता दें कि एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें प्रशासन द्वारा किसानों की फसल को काटा जा रहा था. इस पर कांग्रेस पार्टी के द्वारा ट्वीट कर सरकार प्रशासन पर आरोप लगाया है और उसी के बाबत पूर्व विधायक ने पीएम मोदी के वाराणसी दौरे पर जमकर कटाक्ष किया हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा कि अनाज की बाली फूट रही है. ऐसे में फसलों को काटकर वहां राजनीतिक रैली करना एक शर्मनाक नैतिक अपराध है. उन्होंने कहा भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली हेतु भाजपा सरकार द्वारा हो रहा यह काम राजनीतिक और सरकारी अनैतिकता का अत्यन्त निन्दाजनक कृत्य है.
किसानों का अहित कर रही सरकार
कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा कि अभी वैश्विक भूख इंडेक्स की रिपोर्ट में पिछड़ते जा रहे भारत का स्थान खिसक कर पाकिस्तान और नेपाल से भी पीछे बताया गया है. इस हालात में किसान के पसीने एवं पूंजी से खड़ी हुई अनाज की हरी बालियां लग चुकी फसल को काट कर वहां छद्म राजनीतिक मंसूबे के लिये रैली करना शर्मनाक ही नहीं, पाप भी है. भले ही किसानों को उनकी फसलों की कीमत प्रशासन दे रहा है, लेकिन वह जनता का ही पैसा है और उसे नैतिकता की कसौटी पर एक अक्षम्य अपराध कहा जायेगा.
प्रियंका गांधी की रैली भाजपा के लिए राजनीतिक प्रतिष्ठा का विषय
अजय राय ने कहा कि अपने को भारत की संस्कृति की पोषक और कभी खुद को 'पार्टी विद द डिफरेंस' बताने वाली भाजपा की सरकार, इस तरह राजनीतिक लाभ के लिए, बाजारीकरण के अनैतिक एवं विद्रूप हथकंडों की प्रतीक बन चुकी है. भारत की संस्कृति में अनाज के दाने को अन्नपूर्णा मां मानकर पूजा जाता है और अनाज का गिरा दाना भी उठाकर माथे से लगाया जाता है, साथ ही फसलों और फल लगे हुए वृक्षों की पूजा की जाती है. इस सांस्कृतिक धर्म की और खेत में खड़ी फसल की हत्या महज राजनीतिक उद्देश्य से एक ग्रैंड शो का दिखावा है.
जिला प्रशासन आरोपों का कर रहा खंडन
हालांकि इस बाबत जिला प्रशासन का कहना है कि रिंग रोड कार्यक्रम स्थल पर जो भूमि ली गई है उन किसानों को फसल मूल्य 1940 रुपये MSP और उत्पादकता के आधार पर दिया जा रहा है. लगभग 7 लाख फसल मूल्य के चेक दिए जा रहे हैं. फसल भी काट कर उनको दे दी गई थी. इसकी गणना कल हो गई थी और सोमवार को NHAI इनको चेक दे रही है. उन्होंने बताया कि कुल 30 गाटा लिए गए हैं, जिसका रकबा भूमिधारी का 8.745 हेक्टेयर है. कुछ लोगों के द्वारा ट्वीट करके इसमें भ्रम की स्थिति पैदा करके अफवाह फैलाने का प्रयास किया गया है जो अनुचित है.