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बीएचयू जूनियर क्लर्क भर्ती प्रक्रिया पर उठा सवाल, कुलपति से की शिकायत

​​​​​​यूपी के वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में लगातार अनियमितता का मामला सामने आ रहा है. नया मामला जूनियर क्लर्क के पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया को लेकर है. इस पर सवाल खड़े करते हुए छात्रों ने कुलपति से इसकी शिकायत कर जांच की मांग की है.

बीएचयू जूनियर क्लर्क भर्ती प्रक्रिया पर उठा सवाल.
बीएचयू जूनियर क्लर्क भर्ती प्रक्रिया पर उठा सवाल.
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Published : Oct 3, 2020, 5:14 PM IST

​​​​​​वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक बार फिर भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता का मामला सामने आ रहा है. नया मामला जूनियर क्लर्क के पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया को लेकर है. इस पर सवाल खड़े करते हुए छात्रों ने कुलपति से इसकी शिकायत कर जांच की मांग की है.

कुलपति से शिकायत करने वाले अभ्यर्थी और छात्रों ने वीसी को जो मांग पत्र दिया है, उसमें बताया गया है कि जूनियर क्लर्क के लिए दो चरणों में परीक्षाएं आयोजित होनी थीं. पहले चरण में लिखित परीक्षा और दूसरे चरण में टाइपिंग की परीक्षा होनी थी. पहले चरण की परीक्षा 22 सितंबर 2019 को संपन्न हो गई है. नियमानुसार लिखित परीक्षा का परिणाम निकलने के बाद ही टाइपिंग की परीक्षा होनी चाहिए, लेकिन उसका परिणाम घोषित किए बिना ही टाइपिंग का फार्म सभी अभ्यर्थियों से भरवा लिया गया. कोरोना काल में परीक्षा नहीं हो पाई. इसलिए इस पूरे मामले पर कुलपति महोदय संज्ञान लेकर जांच करें.

शिकायतकर्ता आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि 2019 में विभिन्न पदों के लिए विज्ञापन आया था. इसमें जूनियर क्लर्क के लिए भी विज्ञापन आया था. उसके एडमिट कार्ड पर लिखा था कि इस परीक्षा में जनरल और ओबीसी को 35 प्रतिशत और एसटी-एससी और पीडब्ल्यूडी को 25 प्रतिशत अंक प्राप्त होने के बाद ही वह टाइपिंग की परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. लिखित परीक्षा का अभी परिणाम घोषित नहीं हुआ है, फिर भी जितने लोग भी लिखित परीक्षा में सम्मिलित हुए थे उन सभी से टाइपिंग के लिए फॉर्म भरवा लिया गया है. इसीलिए यह पूरा मामला संदिग्ध लग रहा है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि जब उन्होंने आईटीआई से इसका जवाब मांगा तो 6 महीने बाद जवाब मिला कि इस संबंध में वे कुछ भी जानकारी नहीं दे सकते हैं. इसीलिए आज उन लोगों ने कुलपति के नाम से एक पत्र केंद्रीय कार्यालय में दिया है.

​​​​​​वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक बार फिर भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता का मामला सामने आ रहा है. नया मामला जूनियर क्लर्क के पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया को लेकर है. इस पर सवाल खड़े करते हुए छात्रों ने कुलपति से इसकी शिकायत कर जांच की मांग की है.

कुलपति से शिकायत करने वाले अभ्यर्थी और छात्रों ने वीसी को जो मांग पत्र दिया है, उसमें बताया गया है कि जूनियर क्लर्क के लिए दो चरणों में परीक्षाएं आयोजित होनी थीं. पहले चरण में लिखित परीक्षा और दूसरे चरण में टाइपिंग की परीक्षा होनी थी. पहले चरण की परीक्षा 22 सितंबर 2019 को संपन्न हो गई है. नियमानुसार लिखित परीक्षा का परिणाम निकलने के बाद ही टाइपिंग की परीक्षा होनी चाहिए, लेकिन उसका परिणाम घोषित किए बिना ही टाइपिंग का फार्म सभी अभ्यर्थियों से भरवा लिया गया. कोरोना काल में परीक्षा नहीं हो पाई. इसलिए इस पूरे मामले पर कुलपति महोदय संज्ञान लेकर जांच करें.

शिकायतकर्ता आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि 2019 में विभिन्न पदों के लिए विज्ञापन आया था. इसमें जूनियर क्लर्क के लिए भी विज्ञापन आया था. उसके एडमिट कार्ड पर लिखा था कि इस परीक्षा में जनरल और ओबीसी को 35 प्रतिशत और एसटी-एससी और पीडब्ल्यूडी को 25 प्रतिशत अंक प्राप्त होने के बाद ही वह टाइपिंग की परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. लिखित परीक्षा का अभी परिणाम घोषित नहीं हुआ है, फिर भी जितने लोग भी लिखित परीक्षा में सम्मिलित हुए थे उन सभी से टाइपिंग के लिए फॉर्म भरवा लिया गया है. इसीलिए यह पूरा मामला संदिग्ध लग रहा है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि जब उन्होंने आईटीआई से इसका जवाब मांगा तो 6 महीने बाद जवाब मिला कि इस संबंध में वे कुछ भी जानकारी नहीं दे सकते हैं. इसीलिए आज उन लोगों ने कुलपति के नाम से एक पत्र केंद्रीय कार्यालय में दिया है.

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