वाराणसी: कोविड काल के कारण काशी में विकास परियोजनाओं की रफ्तार थम गई थी, लेकिन संक्रमण में लगातार आ रही गिरावट के बाद फिर से विकास परियोजनाओं को पंख लग गए हैं. काशी में बंद पड़ीं सभी विकास परियोजनाएं जुलाई माह तक संपन्न हो जाएंगी. इसके बाबत पीएमओ को रिपोर्ट भी भेजी गई है. विकास परियोजनाओं को रफ्तार देने के लिए अधिकारियों ने भी लगातार मॉनिटरिंग और निगरानी तेज कर दी है.
काशी में जारी परियोजनाओं के मद्देनजर जिला प्रशासन ने कमर कस ली है. काशी में अब तक पूर्ण हो चुकीं 29 परियोजनाओं का लेखा-जोखा पीएमओ और शासन को भेजा जा चुका है. इस संबंध में मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने जानकारी दी कि सभी परियोजनाओं को तय समय में पूरा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जून में बची हुई 14 परियोजनाएं पूरी कर ली जाएंगी, जबकि बीते मई में 29 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. उन्होंने बताया कि इन सभी परियोजनाओं को जून में लोकार्पण के लिए तैयार कर लिया जाएगा.
वाराणसी में विकास की रफ्तार को गति देने के लिए जापान और भारत के मित्रता का प्रतीक रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर लगभग तैयार हो चुका है. इसके अलावा केंद्रीय उच्च तिब्बती संस्थान, रामेश्वर ने पर्यटन विकास, गर्ल्स हॉस्टल, महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज, शहर के गोदौलिया स्थित मल्टी स्टोरेज पार्किंग को 30 जून तक पूरा कर लिया जाएगा. इसमें काशी के गंगा घाट और काशी विश्वनाथ मंदिर मार्ग में लगने वाले जाम की समस्या से निजात पाने के लिए 21.17 करोड़ की लागत से बने पार्किंग की व्यवस्था की गई है.
सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए परिवहन विभाग के द्वारा ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर 15 जुलाई से शुरू कर दिया जाएगा. इनमें ट्रक पर चलने वाले वाहन चालकों की परीक्षा शुरू की जाएगी. इसके लिए करौंदी क्षेत्र में लगभग 5 करोड़ की लागत से परियोजना को गति देने के लिए ट्रेनिंग सेंटर तैयार कर लिया गया है. फिलहाल इसे अमल में लाने में अभी लगभग 2-3 हफ्तों का समय और लग सकता है. इसके साथ-साथ एमसीएच विंग महिला अस्पताल भी तैयार कर लिया गया है. इसके लिए बीएचयू में 100 बेड का एमसीएच विंग तैयार कर लिया गया है. इसके साथ ही कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पांडेपुर क्षेत्र स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में महिलाओं के लिए 50 बेड का अस्पताल तैयार कर लिया गया था.
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