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ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने की सफाई 20 जनवरी से शुरू होगी, जिला अधिकारी ने जारी किये निर्देश

वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने की सफाई (Cleaning of Vajukhana in Gyanvapi campus) 20 जनवरी से शुरू होगी. इसको लेकर जिलाधिकारी वाराणसी एस राज लिंगम की अध्यक्षता में हिंदू पक्ष और अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी की बैठक हुई. इसके बाद यह फैसला लिया गया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 18, 2024, 3:57 PM IST

वाराणसी: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने की सफाई का काम 20 जनवरी 2024 (शनिवार) से शुरू किया जाएगा. इसके लिए सुबह 9:00 बजे से 11:00 बजे तक का समय निर्धारित कर दिया गया है. यह फैसला गुरुवार को जिलाधिकारी वाराणसी एस राज लिंगम की अध्यक्षता में हिंदू पक्ष और अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी संग पुलिस अफसर की हुई बैठक के बाद लिया.

दरअसल ज्ञानवापी परिसर के अंदर कमीशन की कार्रवाई के दौरान वजूखाने में मिले एक पत्थर को शिवलिंग की आकृति कहते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील करते हुए इस पूरे परिसर को ही सील करवा दिया गया था. हिंदू पक्ष की एप्लीकेशन पर वजू खाना सील होने के बाद इसके अंदर मौजूद मछलियों के मरने की शिकायत पिछले दिनों अंजुमन इंतजामिया ने जिला अधिकारी को एप्लीकेशन देकर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से इसकी सफाई नहीं हो पा रही थी. इसके बाद अंजुमन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों आदेश देकर इसकी सफाई जिला अधिकारी की निगरानी में करने के लिए कहा था.

श्री काशी विश्वनाथ धाम में गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोनों पक्ष के दो-दो प्रतिनिधि सील वजूखाने की सफाई के दौरान अंदर मौजूद रहेंगे. कोई भी पक्ष वजूखाने की जाली के अंदर प्रवेश नहीं करेगा. सिर्फ सफाई कर्मचारी अंदर प्रवेश करेंगे और ऐतिहातन साफ-सफाई का काम पूरी निगरानी में किया जाएगा. साफ-सफाई के काम के दौरान सुरक्षा की व्यवस्था भी बहुत मजबूती के साथ रखी जाएगी. सील वजूखाना में किसी को भी अनाधिकृत रूप से प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा था कि टैंक की सफाई वाराणसी के जिला कलेक्टर की देखरेख में कराई जाए. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल माधवी दिवान सुनवाई में पेश हुई थी. उन्होंने भी सरकार की तरफ से टैंक की सफाई करवाने की मांग की थी. वहीं मस्जिद कमेटी की तरफ से वरिष्ठ वकील अहमदी पेश हुए थे. बता दें की 2022 में सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग नुमा आकृति पाए जाने के दावे के बाद इसे सील करने का आदेश दिया था. तब से इसकी सफाई नहीं हो पाई है. (Varanasi News in Hindi)

ये भी पढ़ें- PHOTOS: देखिए राम मंदिर की ताजी तस्वीरें, बनिए पावन पल के साक्षी

वाराणसी: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने की सफाई का काम 20 जनवरी 2024 (शनिवार) से शुरू किया जाएगा. इसके लिए सुबह 9:00 बजे से 11:00 बजे तक का समय निर्धारित कर दिया गया है. यह फैसला गुरुवार को जिलाधिकारी वाराणसी एस राज लिंगम की अध्यक्षता में हिंदू पक्ष और अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी संग पुलिस अफसर की हुई बैठक के बाद लिया.

दरअसल ज्ञानवापी परिसर के अंदर कमीशन की कार्रवाई के दौरान वजूखाने में मिले एक पत्थर को शिवलिंग की आकृति कहते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील करते हुए इस पूरे परिसर को ही सील करवा दिया गया था. हिंदू पक्ष की एप्लीकेशन पर वजू खाना सील होने के बाद इसके अंदर मौजूद मछलियों के मरने की शिकायत पिछले दिनों अंजुमन इंतजामिया ने जिला अधिकारी को एप्लीकेशन देकर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से इसकी सफाई नहीं हो पा रही थी. इसके बाद अंजुमन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों आदेश देकर इसकी सफाई जिला अधिकारी की निगरानी में करने के लिए कहा था.

श्री काशी विश्वनाथ धाम में गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोनों पक्ष के दो-दो प्रतिनिधि सील वजूखाने की सफाई के दौरान अंदर मौजूद रहेंगे. कोई भी पक्ष वजूखाने की जाली के अंदर प्रवेश नहीं करेगा. सिर्फ सफाई कर्मचारी अंदर प्रवेश करेंगे और ऐतिहातन साफ-सफाई का काम पूरी निगरानी में किया जाएगा. साफ-सफाई के काम के दौरान सुरक्षा की व्यवस्था भी बहुत मजबूती के साथ रखी जाएगी. सील वजूखाना में किसी को भी अनाधिकृत रूप से प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा था कि टैंक की सफाई वाराणसी के जिला कलेक्टर की देखरेख में कराई जाए. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल माधवी दिवान सुनवाई में पेश हुई थी. उन्होंने भी सरकार की तरफ से टैंक की सफाई करवाने की मांग की थी. वहीं मस्जिद कमेटी की तरफ से वरिष्ठ वकील अहमदी पेश हुए थे. बता दें की 2022 में सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग नुमा आकृति पाए जाने के दावे के बाद इसे सील करने का आदेश दिया था. तब से इसकी सफाई नहीं हो पाई है. (Varanasi News in Hindi)

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