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वाराणसी: बच्चों ने तैयार किया चंद्रयान-3 का कॉन्सेप्ट, पंडाल में दिखेगा भारत का जलवा

यूपी के वाराणसी में कुछ बच्चों ने घर पर खराब पड़े इलेक्ट्रॉनिक सामानों से चंद्रयान-3 का कॉन्सेप्ट तैयार किया है. आपको बता दें कि चंद्रयान-2 के असफल हो जाने के बाद इसरो चीफ के. शिवन ने कहा था कि हम और तैयारी करेंगे और चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर भेजेंगे. जिसके बाद इन बच्चों ने इसे तैयार किया है. आपको बताएं कि यह बच्चे इस बार दुर्गा पूजा पंडाल को चंद्रयान-3 का रूप देने की तैयारी में लगे हैं.

बच्चों ने तैयार किया चंद्रयान-3 का कॉन्सेप्ट.
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Published : Oct 4, 2019, 9:05 AM IST

Updated : Oct 4, 2019, 10:39 AM IST

वाराणासी: भारत को चांद पर उतारने का सपना भारतीय वैज्ञानिकों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने देखा और इसके लिए प्रयास शुरू कर चंद्रयान-2 को चंद्रमा पर भेजा भी गया, लेकिन आखिरी समय पर विक्रम लैंडर का सम्पर्क इसरो से टूट गया और यह मिशन अधूरा रह गया. अब वाराणसी के बच्चों ने एक बार फिर से चंद्रयान 3 को चंद्रमा पर भेजने की तैयारी शुरू कर दी है.

बच्चों ने तैयार किया चंद्रयान-3 का कॉन्सेप्ट.

वाराणसी में आने वाले दिनों में चंद्रयान 3 किस रूप में चंद्रमा तक पहुंचेगा, इसे लेकर दुर्गा पूजा के मौके पर पूजा पंडाल में भविष्य के चंद्रयान 3 की छवि दिखाई देगी. इसकी तैयारी दुर्गा उत्सव समिति की तरफ से की गई है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि इस दुर्गोत्सव समिति के पदाधिकारियों के बच्चों ने चंद्रयान का यह रूप तैयार किया है. इस पूजा पंडाल के अंदर का दृश्य चंद्रयान में एस्ट्रोनॉट्स की मौजूदगी को भी दिखाएगा.

दुर्गा पूजा में दिखेगी चंद्रयान-3 की झलक

  • जैतपुरा इलाके के रहने वाले राजन जायसवाल के परिवार के 4 बच्चों और उनके दोस्तों ने दुर्गा पूजा पंडाल को चंद्रयान-3 की तरह बनाया है.
  • इसके लिए इन बच्चों ने खास तौर पर मिशन 2021-22 चंद्रयान-3 के लिए विक्रम लैंडर और 6 एस्ट्रोनॉट बनाए हैं.
  • इन 6 एस्ट्रोनॉट में से एक एस्ट्रोनॉट महिला का भी है.
  • बच्चों ने घर के वेस्ट लकड़ी, फोम, लोहा, खिलौनों, मोबाइल, कपड़े, तारों, पाइप से बनाया है.
  • दुर्गा उत्सव समिति की तरफ से पूजा पंडाल को इस बार चंद्रयान-3 का रूप दिया जा रहा है.
  • बीते साल जब दुर्गा प्रतिमा बनाने वाला मुख्य कारीगर काम छोड़कर चला गया था, तो इन्हीं बच्चों ने मूर्ति बनाने का काम किया था.
  • बीते वर्ष भी बच्चों ने अनाज के दानों से दुर्गा और अन्य भव्य प्रतिमाएं तैयार की थीं और इस बार बच्चों ने चंद्रयान-3 की तर्ज पर कुछ नया करने की ठानी है.

इस मूर्ति को तैयार करने में कक्षा 5 से लेकर ग्रेजुएशन लेवल तक के बच्चों का बड़ा योगदान है. मूर्ति तैयार करने वाले कक्षा 7 के पार्थ ने बताया कि हमारा प्रयास है कि दो एस्ट्रोनॉट हम पंडाल के अंदर फिट करेंगे, जो हवा में मूवमेंट करेंगे. बाकी 4 बाहर मूवमेंट में रहेंगे. इसरो चीफ के. शिवन का स्टेच्यू बाहर इसे ऑपरेट करता दिखेगा.

बच्चों का कहना है कि घरवालों की डांट से बचकर हम चारों भाइयों ने इसे मिलकर बनाया है. पीएम मोदी के सपने को साकार करने के लिए हमारी प्रार्थना मां दुर्गा से है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस टीम में चार एस्ट्रोनॉट में से एक एस्ट्रोनॉट महिला है. बच्चों का कहना है कि बेटियां किसी से कम नहीं होतीं. कल्पना चावला की तरह पंडाल में एक महिला एस्ट्रोनॉट भी रहेगी. एस्ट्रोनॉट की बॉडी पर एक स्क्रीन रहेगा, जो लाइटिंग के जरिये लोगों को वास्तविकता का आभास कराएगा.

वाराणासी: भारत को चांद पर उतारने का सपना भारतीय वैज्ञानिकों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने देखा और इसके लिए प्रयास शुरू कर चंद्रयान-2 को चंद्रमा पर भेजा भी गया, लेकिन आखिरी समय पर विक्रम लैंडर का सम्पर्क इसरो से टूट गया और यह मिशन अधूरा रह गया. अब वाराणसी के बच्चों ने एक बार फिर से चंद्रयान 3 को चंद्रमा पर भेजने की तैयारी शुरू कर दी है.

बच्चों ने तैयार किया चंद्रयान-3 का कॉन्सेप्ट.

वाराणसी में आने वाले दिनों में चंद्रयान 3 किस रूप में चंद्रमा तक पहुंचेगा, इसे लेकर दुर्गा पूजा के मौके पर पूजा पंडाल में भविष्य के चंद्रयान 3 की छवि दिखाई देगी. इसकी तैयारी दुर्गा उत्सव समिति की तरफ से की गई है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि इस दुर्गोत्सव समिति के पदाधिकारियों के बच्चों ने चंद्रयान का यह रूप तैयार किया है. इस पूजा पंडाल के अंदर का दृश्य चंद्रयान में एस्ट्रोनॉट्स की मौजूदगी को भी दिखाएगा.

दुर्गा पूजा में दिखेगी चंद्रयान-3 की झलक

  • जैतपुरा इलाके के रहने वाले राजन जायसवाल के परिवार के 4 बच्चों और उनके दोस्तों ने दुर्गा पूजा पंडाल को चंद्रयान-3 की तरह बनाया है.
  • इसके लिए इन बच्चों ने खास तौर पर मिशन 2021-22 चंद्रयान-3 के लिए विक्रम लैंडर और 6 एस्ट्रोनॉट बनाए हैं.
  • इन 6 एस्ट्रोनॉट में से एक एस्ट्रोनॉट महिला का भी है.
  • बच्चों ने घर के वेस्ट लकड़ी, फोम, लोहा, खिलौनों, मोबाइल, कपड़े, तारों, पाइप से बनाया है.
  • दुर्गा उत्सव समिति की तरफ से पूजा पंडाल को इस बार चंद्रयान-3 का रूप दिया जा रहा है.
  • बीते साल जब दुर्गा प्रतिमा बनाने वाला मुख्य कारीगर काम छोड़कर चला गया था, तो इन्हीं बच्चों ने मूर्ति बनाने का काम किया था.
  • बीते वर्ष भी बच्चों ने अनाज के दानों से दुर्गा और अन्य भव्य प्रतिमाएं तैयार की थीं और इस बार बच्चों ने चंद्रयान-3 की तर्ज पर कुछ नया करने की ठानी है.

इस मूर्ति को तैयार करने में कक्षा 5 से लेकर ग्रेजुएशन लेवल तक के बच्चों का बड़ा योगदान है. मूर्ति तैयार करने वाले कक्षा 7 के पार्थ ने बताया कि हमारा प्रयास है कि दो एस्ट्रोनॉट हम पंडाल के अंदर फिट करेंगे, जो हवा में मूवमेंट करेंगे. बाकी 4 बाहर मूवमेंट में रहेंगे. इसरो चीफ के. शिवन का स्टेच्यू बाहर इसे ऑपरेट करता दिखेगा.

बच्चों का कहना है कि घरवालों की डांट से बचकर हम चारों भाइयों ने इसे मिलकर बनाया है. पीएम मोदी के सपने को साकार करने के लिए हमारी प्रार्थना मां दुर्गा से है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस टीम में चार एस्ट्रोनॉट में से एक एस्ट्रोनॉट महिला है. बच्चों का कहना है कि बेटियां किसी से कम नहीं होतीं. कल्पना चावला की तरह पंडाल में एक महिला एस्ट्रोनॉट भी रहेगी. एस्ट्रोनॉट की बॉडी पर एक स्क्रीन रहेगा, जो लाइटिंग के जरिये लोगों को वास्तविकता का आभास कराएगा.

Intro:खबर रैप के जरिए भेजी गई है.

स्पेशल:

वाराणासी: भारत को चांद पर उतारने का सपना भारतीय वैज्ञानिकों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने देखा और इसके लिए प्रयास शुरू कर chandrayaan-2 को चंद्रमा पर भेजा भी गया लेकिन लास्ट मोमेंट पर विक्रम लैंडर का लोकेशन इसरो से टूट गया और यह मिशन अधूरा रह गया. जिसके बाद अब एक बार फिर से चंद्रयान 3 को चंद्रमा पर भेजने की तैयारी शुरू कर रहा है, लेकिन इन सबके बीच वाराणसी में आने वाले दिनों में चंद्रयान 3 किस रूप में चंद्रमा तक पहुंचेगा, इसे लेकर दुर्गा पूजा के मौके पर पूजा पंडाल में भविष्य का चंद्रयान 3 का लुक दिखाई देगा. जिसकी तैयारी वाराणसी में एक दुर्गा उत्सव समिति की तरफ से की गई है. सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि इस दुर्गोत्सव समिति के पदाधिकारियों के बच्चों ने चंद्रयान का यह रूप तैयार किया है जिसमें पूजा पंडाल के अंदर का लुक चंद्रयान के साथ एस्ट्रोनॉट्स की मौजूदगी में होगा.Body:वीओ-01 जैतपुरा इलाके के रहने राजन जयसवाल के परिवार के 4 बच्चों और उनके दोस्तों ने दुर्गा पूजा के लिए खास तौर पर मिशन 2021-22 चंद्रयान 3 के लिए विक्रम लैंडर और 6 एस्ट्रोनाट बनाया है. सबसे बड़ी बात यह है कि बच्चों ने घर के वेस्ट लकड़ी, फोम, लोहा, खिलौनों, मोबाइल, कपड़े, तारों, पाईप से बनाया है. पूजा पंडाल को इस बार चंद्रयान -2 का रूप दिया जा रहा है. उन्होंने बताया पिछले साल दुर्गा प्रतिमा बनाने वाला मुख्य कारीगर काम छोड़कर चला गया था, तो इन्ही बच्चों ने मूर्ति बनाने का काम किया था पिछले साल भी बच्चों ने अनाज के दानों से दुर्गा और अन्य भव्य प्रतिमाएं तैयार की थी और इस बार बच्चों ने चंद्रयान 3 की तर्ज पर कुछ नया करने की ठानी.

Conclusion:वीओ-02 इस मूर्ति को तैयार करने में कक्षा 5 से लेकर ग्रेजुएशन लेवल तक के बच्चों का बड़ा योगदान है प्रतिमा तैयार करने वाले कक्षा 7 के पार्थ ने बताया कि हमारा प्रयास है कि एस्ट्रोनॉट 2 हम पंडाल के अंदर फिट करेंगे, जो हवा में मूवमेंट करेंगे. बाकी 4 बाहर मूवमेंट में रहेंगे. इसरो चीफ के शिवन का स्टेच्यू बाहर इसे ऑपरेट करते दिखेंगे. बच्चों का कहना है कि घर की डांट से बचकर हम चारों भाइयों ने मिलकर बनाया है. पीएम मोदी के सपने को साकार करने के लिए हमारी प्रार्थना माँ दुर्गा से हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि जिस टीम में चार एस्ट्रोनॉट में से एक स्टूडेंट महिला है. बच्चों का कहना है कि बेटियां किसी से कम नही ,कल्पना चावला की तरह पंडाल में एक महिला एस्ट्रोनॉट भी रहेगी. बॉडी पर सभी के स्क्रीन रहेगा, जो लाइटिंग के जरिये लोगो को रीयल फील देगा.

बाईट- लक्ष्य जयसवाल , थीम प्लान करने वाले छात्र
बाईट- राजन जायसवाल, अध्यक्ष पूजा समिति

Gopal mishra
9839809074
Last Updated : Oct 4, 2019, 10:39 AM IST
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