वाराणसी: जिले स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का शताब्दी समारोह आयोजित किया गया. इस दौरान अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रस्तुत कर पुराने साहित्यिक विधाओं को जिंदा किया जा रहा है. इसी क्रम में महोत्सव के चौथे दिन चित्रकला, संगीत और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. जहां सभी कलाकारों ने अपनी मनभावन प्रस्तुति कर सभी को भावविभोर कर दिया.
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर विद्यार्थी हुए पुरस्कृत
शताब्दी महोत्सव में शनिवार को दिन में हस्तशिल्प मेला और कला मंच में स्पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता, मेहंदी प्रतियोगिता साथ मेले में विभिन्न प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. वह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. इस दौरान इन कार्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया गया.
निर्गुण गायन के माध्यम से कबीर को किया गया जीवंत
इसी क्रम में महोत्सव की रात्रि में संस्कार भारती और ललित कला विभाग में सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रम कबीर को समर्पित रहा. आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन आचार्य महंत विवेक दास कबीर मठ ने दीप प्रज्वलन कर किया गया. इस दौरान कबीर मठ के कबीर चौरा से ताना-बाना ग्रुप की ओर से कबीर के दोहे पर आधारित एक निर्गुण गायन का प्रदर्शन हुआ. जहां निर्गुण गायन के माध्यम से कबीर को कलाकारों ने जीवंत किया. इसी क्रम में अन्य कलाकारों ने राजस्थानी लोक कला पर आधारित समूह नृत्य भी प्रस्तुति कर दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया गया. इसी के साथ कलाकारों ने संतूर वादन, तबला वादन भी किया. जहां तबले की ताल पर लोग थिरकने को मजबूर हो गए.
विश्वविद्यालय परिसर में खुलेगा भारतेंदु नाट्य अकादमी
बता दें कि विश्वविद्यालय अपना 100 वर्ष पूरा कर चुका है. इसको लेकर 7 दिवसीय शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया है. इसके तहत प्रत्येक दिन सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन कर विभिन्न सांस्कृतिक कड़ियों को उजागर किया जा रहा है. वहीं विश्वविद्यालय हर रोज नए-नए मुकाम को हासिल कर रहा है.
गौरतलब है कि बीते दिन विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने पहुंचे पर्यटन और सांस्कृतिक मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने विश्वविद्यालय द्वारा अपनी धरोहर को संरक्षित करने की पहल की सराहना की. उन्होंने इस परिसर में भारतेंदु नाट्य अकादमी की शाखा खोलने का ऐलान किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अगर पहल करें और स्थान उपलब्ध कराएं तो एकेडमी की शाखा विश्वविद्यालय परिसर में शुरू की जाएगी.