वाराणसी : जिले में शुक्रवार को लोगों ने हाथ में स्लोगन लिखे पोस्टर लेकर सीएमओ कार्यालय पर प्रदर्शन किया. सीएमओ कार्यालय पर प्रदर्शनकारियों की बात नहीं सुनी गई, तो उन्होंने पीएम मोदी के जनसंपर्क कार्यालय जाकर आपबीती सुनाई. दरअसल, काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मरीजों का सही से इलाज न होने के कारण मरीजों के परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में ब्लैक फंगस के मरीजों से इलाज के लिए पैसे लिए जा रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ब्लैक फंगस के मरीजों को फ्री में मिलने वाली दवाई और जांच का पैसा लिया जा रहा है. इसी बात से नाराज मरीजों के परिजनों ने आज सीएमओ कार्यालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन कर रही श्वेता केसरी ने बताया 3 महीने से उनका मरीज ब्लैक फंगस वार्ड में भर्ती है. श्वेता का कहना है कि 25 अगस्त से अस्पताल में कोई भी दवाई मुफ्त में नहीं मिल रही है. इसके अलावा जांच का भी पैसा लिया जा रहा है. यदि मरीज को समय से दवाई नहीं मिलती है, तो उसकी दिक्कत बढ़ जाती है. श्वेता केसरी ने बताया कि फ्री में दवाई न मिलने के संबंध में उन्होंने बीएचयू प्रशासन से बात की है. बीएचयू प्रशासन का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से अस्पताल को दवा और इंजेक्शन नहीं मिल रहा है.
प्रदर्शन कर रही श्वेता केसरी ने बताया कि बीएचयू प्रशासन ने उनकी कोई बात नहीं सुनी, जिसके बाद वह सीएमओ कार्यालय आईं हैं. उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में अस्पताल के0 ब्लैक फंगस वार्ड में 135 मरीज भर्ती हैं. वार्ड में भर्ती सभी मरीजों की समान समस्या है. इसीलिए सभी मरीजों के परिजनों ने सीएमओ कार्यालय का घेराव किया है.
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि उन्होंने मरीजों को दवाई फ्री में उपलब्ध कराने के लिए वाराणसी स्थित पीएम मोदी के जनसंपर्क कार्यालय में भी मांग पत्र दिया है. बता दें, कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के संबंध में पीएम मोदी के जनसंपर्क कार्यालय में दिया गया यह पहला मांग पत्र नहीं है. इससे पहले 18 अगस्त को ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों के परिजन ने पीएम के जनसंपर्क कार्यालय पर मांग पत्र दिया था.
इसे पढ़ें- 5 सितंबर से संयुक्त किसान मोर्चा का 'मिशन यूपी', 25 सितंबर को भारत बंद का आह्वान