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वेस्ट टू वेल्थ मैनेजमेंट बदलेगी किसानों की तकदीर, वाराणसी में सात एकड़ में चल रहा प्लांट

वाराणसी में गोबर धन वाराणसी फाउंडेशन एसपीवी योजना (Gobar Dhan Varanasi Foundation SPV Scheme) के तहत बायोगैस प्लांट स्थापित किया गया है.

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बायोगैस प्लांट
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Published : Aug 25, 2022, 11:06 PM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए सभी जतन कर रही है. मोदी योगी की डबल इंजन की सरकार ने गोबर धन वाराणसी फाउंडेशन एसपीवी योजना (Gobar Dhan Varanasi Foundation SPV Scheme) के तहत खेतों की उर्वरकता बढ़ाने के लिए बायोगैस प्लांट स्थापित करवाया है. जिससे कंप्रेस्ड बायो गैस बन रही है और जल्द ही उसके वेस्ट से खाद बनने लगेगी.

गोबर्धन वाराणसी फाउंडेशन एसपीवी के अधिकारी ने बताया कि इस प्लांट में किसानों की जरूरत के मुताबिक खाद का उत्पादन होगा. किसानों की मिट्टी को प्लांट की लैब में जांचा जाएगा और मृदा में जिस तत्व की कमी होगी, उसी तरह की खाद का उत्पादन होगा. ये ठोस और लिक्विड दोनों रूप में होगा. कंप्रेस्ड बायोगैस के वेस्ट (Compressed Biogas Waste) से इस जैविक खाद को बनाया जाएगा. इससे किसानों के खेतो की उर्वरकता बनी रहेगी और उनकी आमदनी भी बढ़गी.

यह भी पढ़ें: बनारस में लगातार बढ़ रहे गंगा जलस्तर से बाढ़ का खतरा, PM मोदी ने ली हालात की जानकारी

उन्होंने बताया कि गोबर धन योजना "वेस्ट टू वेल्थ" का एक सशक्त माध्यम है. यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि गांवों को स्वच्छ रखने, किसानों एवं पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने की मुहीम भी है. अधिकारी के अनुसार, शहंशाहपुर स्थित कान्हा उपवन परिसर में करीब 23 करोड़ की लगात से सात एकड़ में ये प्लांट लगा है. प्लांट में ही किसानों के लिए ट्रेनिंग सेंटर भी है. यहां किसानों को ऑर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वे अपनी आय बढ़ाने के साथ ही लोगों का स्वास्थ भी ठीक रख सकेंगे. प्लांट के पूरी क्षमता से चलने पर करीब 55 हजार लीटर तरल और 18 हजार किलोग्राम ठोस जैविक खाद का उत्पादन हो सकेगा. इसके लिए प्रतिदिन 900 क्विंटल गोबर के साथ कंप्रेस्ड की जरूरत होगी.

वाराणसी: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए सभी जतन कर रही है. मोदी योगी की डबल इंजन की सरकार ने गोबर धन वाराणसी फाउंडेशन एसपीवी योजना (Gobar Dhan Varanasi Foundation SPV Scheme) के तहत खेतों की उर्वरकता बढ़ाने के लिए बायोगैस प्लांट स्थापित करवाया है. जिससे कंप्रेस्ड बायो गैस बन रही है और जल्द ही उसके वेस्ट से खाद बनने लगेगी.

गोबर्धन वाराणसी फाउंडेशन एसपीवी के अधिकारी ने बताया कि इस प्लांट में किसानों की जरूरत के मुताबिक खाद का उत्पादन होगा. किसानों की मिट्टी को प्लांट की लैब में जांचा जाएगा और मृदा में जिस तत्व की कमी होगी, उसी तरह की खाद का उत्पादन होगा. ये ठोस और लिक्विड दोनों रूप में होगा. कंप्रेस्ड बायोगैस के वेस्ट (Compressed Biogas Waste) से इस जैविक खाद को बनाया जाएगा. इससे किसानों के खेतो की उर्वरकता बनी रहेगी और उनकी आमदनी भी बढ़गी.

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उन्होंने बताया कि गोबर धन योजना "वेस्ट टू वेल्थ" का एक सशक्त माध्यम है. यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि गांवों को स्वच्छ रखने, किसानों एवं पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने की मुहीम भी है. अधिकारी के अनुसार, शहंशाहपुर स्थित कान्हा उपवन परिसर में करीब 23 करोड़ की लगात से सात एकड़ में ये प्लांट लगा है. प्लांट में ही किसानों के लिए ट्रेनिंग सेंटर भी है. यहां किसानों को ऑर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वे अपनी आय बढ़ाने के साथ ही लोगों का स्वास्थ भी ठीक रख सकेंगे. प्लांट के पूरी क्षमता से चलने पर करीब 55 हजार लीटर तरल और 18 हजार किलोग्राम ठोस जैविक खाद का उत्पादन हो सकेगा. इसके लिए प्रतिदिन 900 क्विंटल गोबर के साथ कंप्रेस्ड की जरूरत होगी.

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