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वाराणसी: आगामी बजट से बीएचयू के छात्रों को उम्मीद, बोले सस्ती हो शिक्षा - योगी सरकार

आगामी 5 जुलाई को पेश होने वाले बजट को लेकर ईटीवी भारत ने वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों की राय जानने का प्रयास किया. छात्रों का कहना है कि सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

वाराणसी.
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Published : Jul 3, 2019, 2:49 PM IST

वाराणसी: 5 जुलाई को मोदी सरकार-2 का पहला आम बजट पेश होने वाला है. इसे लेकर हर कोई अपने-अपने स्तर पर जरूरतों के हिसाब से बजट की चाहत रख रहा है. बजट पर वाराणसी की जनता, युवा और छात्र क्या कहते हैं, इसको लेकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों से ईटीवी भारत ने बातचीत की और बजट पर उनकी प्रतिक्रिया जानी.

बजट पर बीएचयू के छात्रों ने प्रतिक्रिया दी.

बजट पर छात्रों की प्रतिक्रिया

  • काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र मोदी सरकार-2 के आम बजट को लेकर काफी उत्साहित हैं.
  • छात्रों का कहना है कि सरकार भले ही हर दिशा में प्रयास कर रही हो, लेकिन सबसे जरूरी है शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में सोचना.
  • उनका कहना है कि आज शिक्षा का स्तर दिन पर दिन खराब होता जा रहा है. पढ़ना काफी महंगा हो गया है और हायर एजुकेशन लेना हर किसी के बस की बात नहीं है.
  • उन्होंने कहा कि सरकार को कुछ ऐसी शिक्षा नीतियों पर विचार करने की जरूरत है, जिसमें हायर एजुकेशन हर किसी के लिमिट में आ सके.
  • छात्रों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाएं बुरे दौर से गुजर रही हैं. मुजफ्फरनगर में बच्चों की मौत हो या फिर गोरखपुर में बच्चों की बेवक्त मौत का मामला, देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा बजट अब जरूरी हो गया है.
  • छात्रों का कहना है कि शिक्षा नीति में बदलाव के साथ प्रॉपर बजट का इस्तेमाल छात्रवृत्ति के लिए होना चाहिए. छात्रवृत्ति भी ऐसी होनी चाहिए जो सभी वर्गों के लिए एक समान हो.

वाराणसी: 5 जुलाई को मोदी सरकार-2 का पहला आम बजट पेश होने वाला है. इसे लेकर हर कोई अपने-अपने स्तर पर जरूरतों के हिसाब से बजट की चाहत रख रहा है. बजट पर वाराणसी की जनता, युवा और छात्र क्या कहते हैं, इसको लेकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों से ईटीवी भारत ने बातचीत की और बजट पर उनकी प्रतिक्रिया जानी.

बजट पर बीएचयू के छात्रों ने प्रतिक्रिया दी.

बजट पर छात्रों की प्रतिक्रिया

  • काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र मोदी सरकार-2 के आम बजट को लेकर काफी उत्साहित हैं.
  • छात्रों का कहना है कि सरकार भले ही हर दिशा में प्रयास कर रही हो, लेकिन सबसे जरूरी है शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में सोचना.
  • उनका कहना है कि आज शिक्षा का स्तर दिन पर दिन खराब होता जा रहा है. पढ़ना काफी महंगा हो गया है और हायर एजुकेशन लेना हर किसी के बस की बात नहीं है.
  • उन्होंने कहा कि सरकार को कुछ ऐसी शिक्षा नीतियों पर विचार करने की जरूरत है, जिसमें हायर एजुकेशन हर किसी के लिमिट में आ सके.
  • छात्रों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाएं बुरे दौर से गुजर रही हैं. मुजफ्फरनगर में बच्चों की मौत हो या फिर गोरखपुर में बच्चों की बेवक्त मौत का मामला, देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा बजट अब जरूरी हो गया है.
  • छात्रों का कहना है कि शिक्षा नीति में बदलाव के साथ प्रॉपर बजट का इस्तेमाल छात्रवृत्ति के लिए होना चाहिए. छात्रवृत्ति भी ऐसी होनी चाहिए जो सभी वर्गों के लिए एक समान हो.
Intro:बजट स्पेशल:

वाराणसी: 5 जुलाई को मोदी सरकार टू का पहला आम बजट पेश होने वाला है इसे लेकर हर कोई अपने अपने स्तर पर जरूरतों के हिसाब से बजट की चाहत रख रहा है गृहणियां महंगाई की मार से तंग आकर इस को कंट्रोल में करना चाह रही हैं तो नौकरी पेशा टेक्स्ट में कंसेशन और बेहतर रोजगार के ऑप्शन तलाश में इन सब के बीच सबसे जरूरी हो जाता है युवाओं और छात्रों की बजट को लेकर सोच इसी मुद्दे पर वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों से ईटीवी भारत ने जाना आने वाले बजट पर उनका रिएक्शन क्या चाहते हैं युवा और एजुकेशन से लेकर एंप्लॉयमेंट किस तरह की डिमांड है महामना की बगिया के फूलों की.


Body:वीओ-01 महामना की बगिया यानी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र मोदी सरकार टू के आम बजट को लेकर काफी उत्साहित युवाओं का कहना है कि सरकार भले ही हर दिशा में प्रयास कर रही हो लेकिन सबसे जरूरी हो जाता है शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में सोचना आज शिक्षा का स्तर दिन पर दिन खराब होता जा रहा है. पढ़ना काफी महंगा हो गया है हायर एजुकेशन लेना भर के बस की बात नहीं है इसलिए मोदी सरकार को कुछ ऐसी शिक्षा नीति पर विचार करने की जरूरत है. जिसमें हायर एजुकेशन हर किसी के लिमिट में आ सके मिडल क्लास फैमिली के लोग अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अब सोचने पर मजबूर हो गए जबकि नीचे इस पर खेलो हायर एजुकेशन के बारे में सोच ही नहीं पा रहे हैं. महंगाई और कॉलेज की बढ़ रही फीस कमर तोड़ दे रही स्वास्थ्य सेवाएं बुरे दौर से गुजर रही हैं मुजफ्फरनगर में बच्चों की मौत दो या फिर गोरखपुर में बच्चों की बेवक्त मौत का मामला देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा बजट अब जरूरी हो गया है.


Conclusion:वीओ-02 वही काशी हिंदू विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों का कहना है कि शिक्षा नीति में बदलाव के साथ प्रॉपर बजट का इस्तेमाल छात्रवृत्ति के लिए होना चाहिए छात्रवृत्ति भी ऐसी होनी चाहिए जो सभी वर्गों के लिए एक समान हो उद्योगपति घराने के बच्चे पढ़ना तो सरकारी संस्थानों में चाहते हैं, लेकिन सरकारी सेवाओं में आकर काम नहीं करना चाहते. इसलिए ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे मिडल क्लास फैमिली और निम्न स्तर के परिवारों को छात्रवृत्ति का लाभ सीधे मिले ताकि वह सरकारी सेवाओं में आकर देश की स्थिति बदलने की क्षमता रख सकें. वही बाहर से आकर बनारस में पढ़ाई करने वाले छात्रों का कहना है कि छात्रवृत्ति को लेकर काफी कंफ्यूजन की स्थिति है यदि हम दूसरे स्टेट से आकर यूपी में पढ़ रहे हैं ऐसी स्थिति में ना हमें अपने राज्य की छात्रवृत्ति मिलती है ना ही व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि पढ़ाई कहीं भी करें छात्रवृत्ति आसानी से उपलब्ध हो सके और छात्र पढ़ कर देश का भला कर सके. कुल मिलाकर पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के युवा और छात्रों की बजट से काफी उम्मीदें हैं शिक्षा में सुधार के साथ शिक्षा को सस्ता करने और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए बजट बने ऐसा मानना है बीएचयू के छात्रों का.

बाईट- पवन मिश्र, छात्र, बीएचयू
बाईट- अभिषेक चौबे, छात्र, बीएचयू
बाईट- अवनीश, छात्र, बीएचयू
बाईट- अग्निवेश मिश्र, छात्र, बीएचयू
बाईट- पुरुषोत्तम दूबे, छात्र, बीएचयू
बाईट- सत्येंद्र कुमार, छात्र, बीएचयू

वॉक थ्रू- गोपाल मिश्र
9839809074
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