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BHU में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे छात्र

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर छात्र 24 सितम्बर से भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं पूरी हो जाती, तब तक वे भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे.

बीएचयू में भूख हड़ताल पर बैठे छात्र.
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Published : Sep 30, 2019, 9:26 AM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राएं 24 सितंबर से भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. बीएचयू के छात्र संघ भवन में भगत सिंह मोर्चा के बैनर तले छात्र भूख हड़ताल कर रहे हैं. इसको लेकर बीएचयू प्रशासन की तरफ से कुलसचिव नीरज त्रिपाठी ने छात्रों से मुलाकात की और उन्हें मनाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र अपनी मांगों को लेकर जिद पर अड़े रहे.

भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों से बातचीत करते संवाददाता.
छात्रों की ये हैं प्रमुख मांगें
  • सभी स्टूडेंट को हॉस्टल मुहैया कराया जाए और जब तक हॉस्टल नहीं मिल जाता तब तक उन्हें डेलीकेसी भत्ता दिया जाए.
  • महिला छात्रावासों में कर्फ्यू टाइमिंग खत्म की जाए और छात्रावासों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान दिया जाए.
  • विश्वविद्यालय के सभी विभागों और संस्थाओं में महिला शौचालय बनवाए जाएं.
  • कैंपस में सेनेटरी पैड वेडिंग मशीन लगाई जाए.
  • छात्र संघ, कर्मचारी संघ और शिक्षक संघ को बहाल किया जाए.

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इस तरह छात्रों की प्रमुख 11 सूत्रीय मांग हैं. वहीं छात्रों ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक उनका भूख हड़ताल जारी रहेगा. भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों ने जिला प्रशासन द्वारा रूटीन चेकअप को मना कर दिया. ईटीवी भारत ने पिछले 6 दिन से लगातार धरने पर बैठे छात्र-छात्राओं से खास बातचीत की.

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कुलसचिव नीरज त्रिपाठी आए थे और उन्होंने हम लोगों से भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की. हम लोगों को लिखित आश्वासन भी नहीं मिला. हम लोग तब तक भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं
-विश्वनाथ, छात्र

हमारी सबसे महत्वपूर्ण मांग छात्रसंघ है. कैंपस में लोकतंत्र नहीं है और यहां पर प्रशासन की तानाशाही चलती है. विश्वविद्यालय में पढ़ाई का माहौल नहीं रहता है और साथ ही शिक्षक भी समय पर नहीं आते हैं. विश्वविद्यालय में जो लाइब्रेरी है, उसकी स्थिति भी ठीक नहीं है. सबसे बड़ी बात यह है कि आर्ट्स फैकल्टी में लेडीज टॉयलेट तक नहीं है. गर्ल्स छात्रावासों में कैंटीन की व्यवस्था की जाए.
-आकांक्षा, छात्रा

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राएं 24 सितंबर से भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. बीएचयू के छात्र संघ भवन में भगत सिंह मोर्चा के बैनर तले छात्र भूख हड़ताल कर रहे हैं. इसको लेकर बीएचयू प्रशासन की तरफ से कुलसचिव नीरज त्रिपाठी ने छात्रों से मुलाकात की और उन्हें मनाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र अपनी मांगों को लेकर जिद पर अड़े रहे.

भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों से बातचीत करते संवाददाता.
छात्रों की ये हैं प्रमुख मांगें
  • सभी स्टूडेंट को हॉस्टल मुहैया कराया जाए और जब तक हॉस्टल नहीं मिल जाता तब तक उन्हें डेलीकेसी भत्ता दिया जाए.
  • महिला छात्रावासों में कर्फ्यू टाइमिंग खत्म की जाए और छात्रावासों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान दिया जाए.
  • विश्वविद्यालय के सभी विभागों और संस्थाओं में महिला शौचालय बनवाए जाएं.
  • कैंपस में सेनेटरी पैड वेडिंग मशीन लगाई जाए.
  • छात्र संघ, कर्मचारी संघ और शिक्षक संघ को बहाल किया जाए.

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इस तरह छात्रों की प्रमुख 11 सूत्रीय मांग हैं. वहीं छात्रों ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक उनका भूख हड़ताल जारी रहेगा. भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों ने जिला प्रशासन द्वारा रूटीन चेकअप को मना कर दिया. ईटीवी भारत ने पिछले 6 दिन से लगातार धरने पर बैठे छात्र-छात्राओं से खास बातचीत की.

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कुलसचिव नीरज त्रिपाठी आए थे और उन्होंने हम लोगों से भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की. हम लोगों को लिखित आश्वासन भी नहीं मिला. हम लोग तब तक भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं
-विश्वनाथ, छात्र

हमारी सबसे महत्वपूर्ण मांग छात्रसंघ है. कैंपस में लोकतंत्र नहीं है और यहां पर प्रशासन की तानाशाही चलती है. विश्वविद्यालय में पढ़ाई का माहौल नहीं रहता है और साथ ही शिक्षक भी समय पर नहीं आते हैं. विश्वविद्यालय में जो लाइब्रेरी है, उसकी स्थिति भी ठीक नहीं है. सबसे बड़ी बात यह है कि आर्ट्स फैकल्टी में लेडीज टॉयलेट तक नहीं है. गर्ल्स छात्रावासों में कैंटीन की व्यवस्था की जाए.
-आकांक्षा, छात्रा

Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र संघ शिक्षक संघ कर्मचारी संघ की मांग को लेकर छात्र-छात्राएं भूख हड़ताल पर बैठे हैं. 24 सितंबर से भूख हड़ताल पर बैठे हैं छात्र-छात्राएं पिछले 6 दिनों से लगातार अपनी मांगों को लेकर छात्र भूख हड़ताल पर गांधीवादी तरीके से बैठे हैं बीएचयू के छात्र संघ भवन में भगत सिंह मोर्चा के बैनर तले छात्र कर रहे हैं भूख हड़ताल। बीएचयू प्रशासन की तरफ से कुल सचिव नीरज त्रिपाठी छात्रों से मिले और उन्होंने छात्रों को मनाने का प्रयास किया लेकिन छात्रों को मनाने में असफल रहे इसके साथ ही उन्होंने एक रिलीज जारी कर छात्रों को भूख हड़ताल खत्म करने की अपील किया। देशभर के विश्वविद्यालयों और सामाजिक संस्था द्वारा मिल रहा है छात्र-छात्राओं को समर्थन।


Body:छात्रों की यह मुख्य मांग

सभी स्टूडेंट को हॉस्टल मुहैया कराया जाए और जब तक हस्टल नहीं मिल जाता तब तक उन्हें डेलीकेसी भत्ता दिया जाए

महिला छात्रावासों में कर्फ्यू टाइमिंग खत्म की जाए और छात्रावासों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान दिया जाए।


विश्वविद्यालय के सभी विभागों और संस्थाओं में महिला शौचालय बनवाया

कैंपस में सेनेटरी पैड वेडिंग मशीन लगाई जाए


विकलांग छात्र-छात्राओं के लिए सीईओ का गठन किया जाए जो उनके अधिकतम और अन्य जरूरत की चीजों को मुहैया कराएं
छात्र संघ कर्मचारी संघ शिक्षक संघ को बहाल किया जाए।

इस तरह छात्रों की प्रमुख 11 सूत्रीय मांग है वहीं छात्रों ने या विकास जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी तब तक हमारा भूख हड़ताल जारी रहेगा

भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों में आकांक्षा, विश्वनाथ, रंजन, शशिकांत,छात्रों ने जिला प्रशासन द्वारा रूटीन चेकअप को मना कर दिया।


Conclusion:ईटीवी भारत ने पिछले 6 दिन से लगातार धरने पर बैठे छात्र छात्राओं से खास बातचीत की छात्र विश्वनाथ ने बताया अभी तक प्रशासन की तरफ से देखें तो दिन सर आए थे और कुलसचिव नीरज त्रिपाठी आए थे और उन्होंने अपील किया कि हम लोग भूख हड़ताल बन्द कर दे। अपील में कुछ खास नहीं था हम लोगों को लिखित आश्वासन भी नहीं मिला। कुल गुरु विकी शुक्ला के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की जाएगी जो भी विचार होगा उसमें किया जाएगा। हम लोग तब तक भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती। हमारी 11 सूत्र मांगी है वह आप देखी रहे हैं। इसमें कोई भी ऐसा मांग नहीं है जो पूरा नहीं किया जा सकता जो आप दे सकते विश्वविद्यालय प्रशासन किस तरह से तानाशाह रवैया अपना रहा है कि छात्र हितों की मांग को लेकर हमें भूख हड़ताल पर बैठना पड़ रहा है।

छात्रा आकांक्षा ने बताया हमारी सबसे महत्वपूर्ण मांग छात्रसंघ है कि कैंपस में लोकतंत्र नहीं है यहां पर प्रशासन की तानाशाही चलती है कभी भी किसी स्टूडेंट को फर्जी केस में डिबार कर दिया जाता है ताकि छात्रों की आवाज रहे है। बाकी हम देखते हैं कि आए दिन विश्वविद्यालय में पढ़ाई का माहौल नहीं रहता है एक पढ़ाई का माहौल रहे शिक्षक समय पर नहीं आते वह शिक्षक भी समय पर आएं विश्वविद्यालय में जो लाइब्रेरी है उसकी स्थिति भी ठीक नहीं है वह पुरानी पुस्तकें हैं नई पुस्तकें लाई जाए और सबसे बड़ी बात यह है की आर्ट्स फैकल्टी में लेडीज टॉयलेट नहीं है लिरिक की व्यवस्था की जाए इतना बड़ा विश्वविद्यालय है और उसके साथी जो गर्ल्स हॉस्टल में कर्फ्यू टाइमिंग है उसको खत्म किया जाए। गर्ल्स छात्रावासों में कैंटीन की व्यवस्था की जाए। हमें पूरे देश भर से समर्थन मिल रहा है जिसमें प्रमुख रुप से टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस,मुंबई,हैदराबाद,तुलजापुर, जेएनयू डीयू,हरियाणा के छात्र एकता मंच,आईआईटी बीएचयू से जन अधिकार छात्र परिषद, डीरेका का बचाओ संघर्ष समिति, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने अपना समर्थन दिया।

अशुतोष उपाध्याय

9005099684

नोट खबर विशेष है क्योंकि इन छात्रों से अब तक किसी ने बात नहीं किया। खबर को जल्दी प्रेषित करने की कृपा करें माहौल तनावपूर्ण।
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