वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राएं 24 सितंबर से भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. बीएचयू के छात्र संघ भवन में भगत सिंह मोर्चा के बैनर तले छात्र भूख हड़ताल कर रहे हैं. इसको लेकर बीएचयू प्रशासन की तरफ से कुलसचिव नीरज त्रिपाठी ने छात्रों से मुलाकात की और उन्हें मनाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र अपनी मांगों को लेकर जिद पर अड़े रहे.
- सभी स्टूडेंट को हॉस्टल मुहैया कराया जाए और जब तक हॉस्टल नहीं मिल जाता तब तक उन्हें डेलीकेसी भत्ता दिया जाए.
- महिला छात्रावासों में कर्फ्यू टाइमिंग खत्म की जाए और छात्रावासों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान दिया जाए.
- विश्वविद्यालय के सभी विभागों और संस्थाओं में महिला शौचालय बनवाए जाएं.
- कैंपस में सेनेटरी पैड वेडिंग मशीन लगाई जाए.
- छात्र संघ, कर्मचारी संघ और शिक्षक संघ को बहाल किया जाए.
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इस तरह छात्रों की प्रमुख 11 सूत्रीय मांग हैं. वहीं छात्रों ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक उनका भूख हड़ताल जारी रहेगा. भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों ने जिला प्रशासन द्वारा रूटीन चेकअप को मना कर दिया. ईटीवी भारत ने पिछले 6 दिन से लगातार धरने पर बैठे छात्र-छात्राओं से खास बातचीत की.
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कुलसचिव नीरज त्रिपाठी आए थे और उन्होंने हम लोगों से भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की. हम लोगों को लिखित आश्वासन भी नहीं मिला. हम लोग तब तक भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं
-विश्वनाथ, छात्रहमारी सबसे महत्वपूर्ण मांग छात्रसंघ है. कैंपस में लोकतंत्र नहीं है और यहां पर प्रशासन की तानाशाही चलती है. विश्वविद्यालय में पढ़ाई का माहौल नहीं रहता है और साथ ही शिक्षक भी समय पर नहीं आते हैं. विश्वविद्यालय में जो लाइब्रेरी है, उसकी स्थिति भी ठीक नहीं है. सबसे बड़ी बात यह है कि आर्ट्स फैकल्टी में लेडीज टॉयलेट तक नहीं है. गर्ल्स छात्रावासों में कैंटीन की व्यवस्था की जाए.
-आकांक्षा, छात्रा