वाराणसी : वैश्विक महामारी के दौर में पूर्वांचल का एम्स कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय में सामान्य ओपीडी बंद कर दी गई है. सभी ओपीडी को ऑनलाइन टेलीकॉम के माध्यम से चलाया जा रहा है. शनिवार एवं रविवार की बंदी की घोषणा हो गई है, जिससे लोगों की चिंताएं बढ़ गईं हैं. ऐसे में कैंसर और किडनी के मरीज किसी भी प्रकार की चिंता ना करें क्योंकि बीएचयू के हॉस्पिटल में कैंसर की ओपीडी चल रही है. तो वहीं ऑनलाइन माध्यम से किडनी के पेशेंट को देखा जा रहा है और जरूरत पड़ने पर अस्पताल बुलाया जा रहा है. बीएचयू स्थित टाटा कैंसर अस्पताल भी कैंसर मरीजों के ऑपरेशन, रेडियोथेरेपी या कीमोथेरेपी के लिए खुला है.
किडनी के मरीजों की डायलिसिस नहीं हुई बन्द
चिकित्सा विज्ञान संस्थान के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रोफेसर शिवेंद्र सिंह ने बताया कि उनके विभाग की ओपीडी तो नहीं चल रही है, लेकिन गुर्दा रोगियों का उपचार चल रहा है. यहां पर इमरजेंसी टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीज आते हैं. इसके अलावा जो पुराने मरीज आते हैं, उनकी डायलिसिस की जा रही है. प्रतिदिन करीब 40 से 50 मरीजों की डायलिसिस की जा रही है. टेलीमेडिसिन के माध्यम से 25 मरीजों का रजिस्ट्रेशन होता है. इसमें जिन्हें भर्ती की जरूरत पड़ती है, उन्हें बुलाया जाता है.
कैंसर के मरीजों के लिए जारी है ओपीडी सेवा
बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान के सर्जिकल ऑकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि कैंसर के मरीजों के लिए ओपीडी सेवा निरंतर जारी है. प्रतिदिन ओपीडी में लगभग 90 से 80 मरीज पहुंच रहे हैं. आगे उन्होंने बताया कि उनके यहां सर्जरी भी चल रही है.
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