वाराणसी: बनारस के संपूर्ण विकास का खाका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही अपने हर प्लान में खींचते हैं जिससे शहरी क्षेत्रों में तो विकास तेजी से होता है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र कहीं न कहीं पीछे रह जाते हैं. हालांकि अब ग्रामीण क्षेत्र के लगभग 87 गांवों को बनारस नगर निगम (Banaras Municipal Corporation) में शामिल करने के बाद नया परिसीमन तैयार हो चुका है.
वाराणसी नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो पहले बनारस के नगर निगम (Banaras Municipal Corporation) में जहां 90 वार्ड थे, उसे अब 100 कर दिया गया है. इतना ही नहीं 24 नए वार्ड भी शामिल किए गए हैं. जिनके शामिल होने के बाद नगर निगम सीमा में शामिल हुए ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश हिस्से इन्हीं वार्ड में अलग-अलग जोड़-तोड़ कर जोड़े गए हैं. फिलहाल इन नए वार्ड के बनने और लगभग 10 नए वार्ड और बढ़ाए जाने के बाद बनारस का विकास तेज होगा या धीमा, यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन, अब बनारस में 90 नहीं बल्कि 100 वार्ड हो गए हैं.(Varanasi will have 100 wards)
87 गांवों को बनारस नगर निगम में शामिल करने के बाद नया परिसीमन तैयार. दरअसल नवंबर के महीने में संभावित निकाय चुनाव से पहले नगर निगम तैयारियों में जुट गया है. परिसीमन का काम पूरा होने के बाद अब शासन को इसका पूरा विवरण भेज दिया गया है. अनुमति मिलने के बाद कागजी कार्रवाई पूरी कर बनारस के सरकारी कागजों में भी 90 की जगह 100 वार्ड शामिल कर लिए जाएंगे.सबसे बड़ी बात यह है कि जिलाधिकारी की तरफ से इस रिपोर्ट को प्रेषित किए जाने के बाद नगर निगम में हलचल भी तेज हो गई है. सबसे बड़ी परेशानी उन पार्षदों के लिए भी है जो तैयारी तो अपने वार्ड से कर रहे थे लेकिन उनका वार्ड ही खत्म हो गया. पुराने 76 वार्ड के क्षेत्र में बदलाव के साथ अपनी पुरानी पहचान के साथ 24 नए वार्ड सामने आए (New wards added in Banaras Municipal Corporation) हैं.राम नगर पालिका परिषद घोषित डोमरी और सूजाबाद टाउन एरिया के नगर निगम में शामिल होने के बाद जारी अधिसूचना के तहत परिसीमन को शासन ने निर्देशित किया है कि यहां भी नए वार्ड बनेंगे.वहीं जिले के 90 वार्ड में 19 वार्ड का दायरा नहीं छेड़ा गया है जबकि शेष अन्य के क्षेत्रों में बदलाव किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि परिसीमन की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है. नगर निगम में शामिल हुए नए 87 गांव रामनगर पालिका परिषद समेत सूजाबाद और डोमरी के बढ़ने से 10 नए वार्ड बनाए गए हैं. इस तरह कुल 100 वार्ड हो गए हैं.
नए वार्ड जो जुड़ेंगे इस लिस्ट में:भगवानपुर, फुलवरिया, शिवदासपुर, सलारपुर, मंडुवाडीह, दीनापुर, गोलाघाट, रामनगर रामपुर, रामनगर गणेशपुर, संदहा, कंदवा, सीरगोवर्धन, लोढान, रमदत्तपुर, लेढूपुर, करौंदी, ककरमत्ता, सुसुवाही, मंडौली, सुजाबाद, डोमरी वार्ड, पिसौर, लोहता, लालपुर, मीरापुर बसही, छित्तूपुर खास, पुराना रामनगर.लगभग 14 वार्डों के कटने और 24 नए वार्डों के जुड़ने के बाद अब नगर निगम के दायरे में 100 वार्ड होने जा रहे हैं. जिसका आने वाले समय में शहर के विकास पर असर पड़ेगा या फिर शहर की सफाई व्यवस्था और अन्य मेंटेनेंस दिक्कतों के साथ आगे बढ़ेगी. यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इसे लेकर पार्षदों में कंफ्यूजन की स्थिति जरूर है. हालांकि नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी मान रहे हैं कि यह बड़ा कदम है और इसमें शहर के विकास को नई ऊंचाइयां मिलेगी.
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हालांकि वर्तमान पार्षदों का कहना है कि फंड की कमी से पहले से ही नगर निगम में विकास कार्यों के लिए वार्ड में पार्षदों को जद्दोजहद करनी पड़ती है. सच में यदि विकास करना है तो पैसे की व्यवस्था करनी होगी, सिर्फ वार्ड बढ़ाने से कुछ नहीं होगा. वहीं, अन्य पार्षदों का कहना है कि 2011 की जनगणना के अनुसार नए वार्ड बढ़ाने का काम किया गया है. अगर विकास के लिए पैसा भी मिलेगा तो उसी आबादी के अनुसार मिलेगा, लेकिन वर्तमान में 2011 से चौगुनी आबादी हो गई है. इसलिए इस बात को दृष्टिगत रखना होगा कि यदि उस वक्त की आबादी के हिसाब से बजट का प्रावधान होगा तो फिर यह पूरा प्लान फेल होगा.
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