वाराणसी: देश के लिए मुक्केबाजी का प्रतिनिधित्व करने वाली बनारस की बेटी दीपिका तिवारी की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है. इसके लिए वह सरकार के साथ-साथ कई लोगों के दरवाजे खटखटा चुकी हैं. दरअसल दीपिका पिछले पांच सालों में एक भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता नहीं हारी हैं और हर बार वह स्वर्ण पदक विजेता ही रही हैं.
- अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मैच फीस देने के लिए दीपिका की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है.
- आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण भी दीपिका देश को स्वर्ण पदक दिलाकर विश्व में एक नया मुकाम हासिल कर चुकी हैं.
- फिलीपींस में डब्ल्यूबीसी में भारत को पहला स्थान दिलाने में दीपिका की प्रमुख भूमिका रही.
- आगामी 16 नवंबर को अमेरिका के अटलांटा में आयोजित डब्लूआईबीएफ प्रतियोगिता में बनारस की बेटी हिस्सा लेने जा रही है.
- आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से दीपिका को सही डाइट तक नहीं मिल पा रही है.
- दीपिका का कहना है कि दिन भर में 8 घंटे की कड़ी मेहनत और एक भरपूर डाइट ही एक अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज को सफलता हासिल करा सकती है.
- पैसों की कमी की वजह से दीपिका किसी अच्छे कोचिंग सेंटर में ट्रेनिंग नहीं ले पाती हैं.
दीपिका ने प्रदेश के खेल और सूचना राज्यमंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी को अपनी कहानी सुनाई. साथ ही प्रधानमंत्री को संबोधित पत्र मंत्री को देते हुए कहा है कि उसे खेल निदेशालय की ओर से आर्थिक मदद मिल जाएगी तो उसका जीवन आसान हो जाएगा. दीपिका ने बताया कि खेल राज्य मंत्री की तरफ से उन्हें मदद का पूरा आश्वासन मिला है. साथ ही यह भी कहा गया है कि सरकार की तरफ से जो भी हो सकेगा, वह उनके खेल को बढ़ावा देने के लिए करेगी.