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बाबा विश्वनाथ बनेंगे पक्के महाल के लोगों का सुरक्षा कवच, आग की बड़ी घटनाओं में काम आएगा विश्वनाथ धाम

वाराणसी में अब बाबा विश्वनाथ पक्के महाल के लोगों कासुरक्षा कवच बनेंगे. बाबा भोलेनाथ पूरे विश्वनाथ धाम को आग से सुरक्षित रख उनकी रक्षा करेंगे. कैसे? देखिए यह रिपोर्ट

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बाबा विश्वनाथ बनेंगे पक्के महाल के लोगों का सुरक्षा कवच
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Published : Nov 7, 2022, 8:39 AM IST

वाराणसी: देवों के देव महादेव बाबा काशी विश्वनाथ वैसे तो सभी के रक्षक हैं. पूरी काशी उनके त्रिशूल पर टिकी है और काशी में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की रक्षा बाबा स्वयं करते हैं. लेकिन, अब बाबा भोलेनाथ बाबा विश्वनाथ धाम के आसपास रहने वाले पुराने मोहल्लों यानी पक्के महाल में रहने वाले सकरी गली में बसे लोगों की चिंता करते हुए आग जैसी घटनाओं से उनकी रक्षा भी करेंगे. सुनकर आश्चर्य मत कीजिए यह सच है, क्योंकि विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद इतने बड़े परिसर को आग से सुरक्षित रखने के लिए यहां पर एक फायर स्टेशन की स्थापना होने जा रही है. इस फायर स्टेशन की स्थापना से न सिर्फ पूरे विश्वनाथ धाम को आग से सुरक्षित रखने का काम होगा, बल्कि आसपास के लगभग 4 से 5 किलोमीटर के दायरे में पुराने सकरी गलियों में बसे मकानों की भी सुरक्षा आग की घटनाओं से की जा सकेगी. इसे लेकर फुलप्रूफ सुरक्षा प्लान फायर डिपार्टमेंट ने तैयार किया है.

दरअसल, काफी बड़े क्षेत्र में निर्मित विश्वनाथ धाम में प्रतिदिन दो से ढाई लाख भक्तों का आना हो रहा है. यहां पर भक्तों की बढ़ रही भीड़ की वजह से निर्माण के दौरान फायर फाइटिंग को लेकर की गई प्लानिंग अब मूर्त रूप लेने जा रही है. इसे लेकर कमिश्नर के आदेश के बाद फायर स्टेशन की जगह तलाशी जा रही है. विश्वनाथ धाम के गंगाद्वार से आगे के हिस्से में फायर स्टेशन निर्माण की प्रक्रिया को पूरा भी किया जाना है. इस बारे में चीफ फायर ऑफिसर अनिमेष सिंह का कहना है कि यह प्लानिंग निर्माण के दौरान ही कर दी गई थी कि विश्वनाथ धाम की सुरक्षा आग से करने के लिए यहां एक फायर स्टेशन का निर्माण होगा. लेकिन, उद्घाटन के बाद अब तक इसे मूर्त रूप नहीं दिया जा सका था.

चीफ फायर ऑफिसर अनिमेष सिंह ने दी जानकारी
अब इस दिशा में अधिकारियों के निर्देश के बाद जगह की तलाश की गई है. यहां पर एक मिनी फायर स्टेशन का निर्माण किया जाएगा. यहां पर गलियों और पक्के महाल को दृष्टिगत रखते हुए फायर फाइटिंग के लिए डिपार्टमेंट की तरफ से खास बाइक और एक 400 लीटर कैपेसिटी का फायर टेंडर मौजूद रहेगा. किसी भी आगजनी की घटना में 100-100 मीटर के फायर हाइड्रेंट की मदद से आग पर काबू पाने में यह बड़ा रोल अदा करेंगे.

इसे भी पढ़े-कुम्हारों के चमत्कारी शंख बढ़ाएंगे घाटों की शोभा, रोशनी से करेंगे शंखनाद

सबसे बड़ी बात यह है कि विश्वनाथ धाम में 1,45,000 लीटर का एक अंडरग्राउंड वाटर टैंक भी बनाया गया है. यह टैंक पूरे धाम और आसपास की सुरक्षा करने के लिए काफी है, बल्कि बड़ी आगजनी की घटना में यदि फायर डिपार्टमेंट की गाड़ियां खाली होती हैं तो इन्हें गेट नंबर 4 पर ही रोक कर तत्काल रिफिल करके आग पर काबू पाने के लिए भेजा जा सकेगा.

इसके अतिरिक्त पूरे परिसर में फायर फाइटिंग के तगड़े इंतजाम है. अभी चार फायर हाइड्रेंट एक्टिव कंडीशन में है. यहां पर पूरे धाम परिसर में संयुक्त फायर सर भी लगाए गए हैं. जो आग की कोशिश करते ही एक्टिव हो जाते हैं. इसके अलावा इंटरनल और एक्सटर्नल फायर हाइड्रेंट की व्यवस्था भी विश्वनाथ धाम में मौजूद हैं. इन सभी तैयारियों से एक तरफ जहां विश्वनाथ धाम को बड़ा फायदा होगा. तो वहीं, विश्वनाथ धाम से सटे लगभग एक दर्जन से ज्यादा मोहल्ले में आकर कंडीशन में सुरक्षित रखने में मददगार होंगे.

चीफ फायर ऑफिसर का कहना है कि अभी हाल ही में मणिकर्णिका घाट पर एक लकड़ी के गोदाम में आग लगी थी. आग इतनी विकराल थी कि उसे काबू करने में फायर डिपार्टमेंट को काफी परेशानी हुई. बाद में फायर डिपार्टमेंट की तरफ से पंप की मदद से गंगा के पानी को खींच कर आग पर काबू पाया गया. ऐसी स्थिति में यदि यह फायर स्टेशन सक्रिय हो जाएगा तो बड़ी आग की कंडीशन में तत्काल विश्वनाथ धाम में मौजूद फायर फाइटिंग इक्विपमेंट्स के जरिए आग पर नियंत्रण करने में मदद मिलेगी. इससे जनधन की हानि भी कम होगी. इस प्लानिंग से स्थानीय लोगों में भी काफी खुश हैं. उनका कहना है कि बाबा सब की रक्षा करते हैं. अगर आग लगी कि घटना में तत्काल एक्शन होगा तो निश्चित तौर पर यहां रहने वाले लोगों की जिंदगी भी बचेगी और उनका नुकसान भी कम होगा.

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वाराणसी: देवों के देव महादेव बाबा काशी विश्वनाथ वैसे तो सभी के रक्षक हैं. पूरी काशी उनके त्रिशूल पर टिकी है और काशी में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की रक्षा बाबा स्वयं करते हैं. लेकिन, अब बाबा भोलेनाथ बाबा विश्वनाथ धाम के आसपास रहने वाले पुराने मोहल्लों यानी पक्के महाल में रहने वाले सकरी गली में बसे लोगों की चिंता करते हुए आग जैसी घटनाओं से उनकी रक्षा भी करेंगे. सुनकर आश्चर्य मत कीजिए यह सच है, क्योंकि विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद इतने बड़े परिसर को आग से सुरक्षित रखने के लिए यहां पर एक फायर स्टेशन की स्थापना होने जा रही है. इस फायर स्टेशन की स्थापना से न सिर्फ पूरे विश्वनाथ धाम को आग से सुरक्षित रखने का काम होगा, बल्कि आसपास के लगभग 4 से 5 किलोमीटर के दायरे में पुराने सकरी गलियों में बसे मकानों की भी सुरक्षा आग की घटनाओं से की जा सकेगी. इसे लेकर फुलप्रूफ सुरक्षा प्लान फायर डिपार्टमेंट ने तैयार किया है.

दरअसल, काफी बड़े क्षेत्र में निर्मित विश्वनाथ धाम में प्रतिदिन दो से ढाई लाख भक्तों का आना हो रहा है. यहां पर भक्तों की बढ़ रही भीड़ की वजह से निर्माण के दौरान फायर फाइटिंग को लेकर की गई प्लानिंग अब मूर्त रूप लेने जा रही है. इसे लेकर कमिश्नर के आदेश के बाद फायर स्टेशन की जगह तलाशी जा रही है. विश्वनाथ धाम के गंगाद्वार से आगे के हिस्से में फायर स्टेशन निर्माण की प्रक्रिया को पूरा भी किया जाना है. इस बारे में चीफ फायर ऑफिसर अनिमेष सिंह का कहना है कि यह प्लानिंग निर्माण के दौरान ही कर दी गई थी कि विश्वनाथ धाम की सुरक्षा आग से करने के लिए यहां एक फायर स्टेशन का निर्माण होगा. लेकिन, उद्घाटन के बाद अब तक इसे मूर्त रूप नहीं दिया जा सका था.

चीफ फायर ऑफिसर अनिमेष सिंह ने दी जानकारी
अब इस दिशा में अधिकारियों के निर्देश के बाद जगह की तलाश की गई है. यहां पर एक मिनी फायर स्टेशन का निर्माण किया जाएगा. यहां पर गलियों और पक्के महाल को दृष्टिगत रखते हुए फायर फाइटिंग के लिए डिपार्टमेंट की तरफ से खास बाइक और एक 400 लीटर कैपेसिटी का फायर टेंडर मौजूद रहेगा. किसी भी आगजनी की घटना में 100-100 मीटर के फायर हाइड्रेंट की मदद से आग पर काबू पाने में यह बड़ा रोल अदा करेंगे.

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सबसे बड़ी बात यह है कि विश्वनाथ धाम में 1,45,000 लीटर का एक अंडरग्राउंड वाटर टैंक भी बनाया गया है. यह टैंक पूरे धाम और आसपास की सुरक्षा करने के लिए काफी है, बल्कि बड़ी आगजनी की घटना में यदि फायर डिपार्टमेंट की गाड़ियां खाली होती हैं तो इन्हें गेट नंबर 4 पर ही रोक कर तत्काल रिफिल करके आग पर काबू पाने के लिए भेजा जा सकेगा.

इसके अतिरिक्त पूरे परिसर में फायर फाइटिंग के तगड़े इंतजाम है. अभी चार फायर हाइड्रेंट एक्टिव कंडीशन में है. यहां पर पूरे धाम परिसर में संयुक्त फायर सर भी लगाए गए हैं. जो आग की कोशिश करते ही एक्टिव हो जाते हैं. इसके अलावा इंटरनल और एक्सटर्नल फायर हाइड्रेंट की व्यवस्था भी विश्वनाथ धाम में मौजूद हैं. इन सभी तैयारियों से एक तरफ जहां विश्वनाथ धाम को बड़ा फायदा होगा. तो वहीं, विश्वनाथ धाम से सटे लगभग एक दर्जन से ज्यादा मोहल्ले में आकर कंडीशन में सुरक्षित रखने में मददगार होंगे.

चीफ फायर ऑफिसर का कहना है कि अभी हाल ही में मणिकर्णिका घाट पर एक लकड़ी के गोदाम में आग लगी थी. आग इतनी विकराल थी कि उसे काबू करने में फायर डिपार्टमेंट को काफी परेशानी हुई. बाद में फायर डिपार्टमेंट की तरफ से पंप की मदद से गंगा के पानी को खींच कर आग पर काबू पाया गया. ऐसी स्थिति में यदि यह फायर स्टेशन सक्रिय हो जाएगा तो बड़ी आग की कंडीशन में तत्काल विश्वनाथ धाम में मौजूद फायर फाइटिंग इक्विपमेंट्स के जरिए आग पर नियंत्रण करने में मदद मिलेगी. इससे जनधन की हानि भी कम होगी. इस प्लानिंग से स्थानीय लोगों में भी काफी खुश हैं. उनका कहना है कि बाबा सब की रक्षा करते हैं. अगर आग लगी कि घटना में तत्काल एक्शन होगा तो निश्चित तौर पर यहां रहने वाले लोगों की जिंदगी भी बचेगी और उनका नुकसान भी कम होगा.

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