वाराणसी: नए साल में कैंसर मरीजों को नई सेवा की सौगात देते हुए होमी भाभा कैंसर अस्पताल में एलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट की शुरुआत की गई है. सोमवार को टाटा मेमोरियल सेंटर के निदेशक डॉ. राजेंद्र ए. बडवे ने अस्पताल में एलोजेनिक बोन मौरो ट्रांसप्लांट की सुविधा के लिए तैयार वॉर्ड का उद्घाटन किया. इस सुविधा की यहां शुरुआत होने के बाद अब कैंसर मरीजों को एलोजेनिक ट्रांसप्लांट के लिए दूसरे शहर जाने की जरूरत नहीं होगी. इससे वाराणसी सहित पड़ोसी राज्यों के कैंसर मरीजों को इलाज में बड़ी सहूलियत मिलेगी.
ब्लड कैंसर (ल्यूकेमिया और लिंफोमा) के मरीजों के इलाज में एलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट अहम है. होमी भाभा कैंसर अस्पताल में अब तक ऑटोलोगस बोन मैरो ट्रांसप्लांट की ही सुविधा उपलब्ध थी, लेकिन सोमवार से अस्पताल में एलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट की शुरुआत हुई. होमी भाभा कैंसर अस्पताल के उपनिदेशक डॉ. बी. के. मिश्रा ने बताया कि इस सुविधा के लिए अस्पताल में 7 बेड्स आरक्षित किए गए हैं. हर साल औसतन हमें 25 मरीजों को एलोजेनिक बोन मौरो ट्रांसप्लांट के लिए मुंबई स्थित टाटा कैंसर अस्पताल भेजना पड़ता था. हालांकि अब मरीजों को वाराणसी में ही यह सुविधा मिल सकेगी, जिससे न केवल मरीज का समय बचेगा बल्कि समय रहते ही जरूरी इलाज भी मिल सकेगा. वैसे तो अस्पताल में ट्रांसप्लांट की सुविधा पहले से ही थी लेकिन, अब तक हम केवल ऑटोलोगस बोन मैरो ट्रांसप्लांट ही करते थे, जिसके तहत मरीज के ही शरीर से स्टेम सेल निकालकर वापस उसे उसी मरीज में ट्रांसप्लांट किया जाता था. जबकि एलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट के तहत किसी भी स्वस्थ मरीज के शरीर से स्टेम सेल निकालकर किसी दूसरे मरीज जो कि ब्लड कैंसर से जूझ रहा हो में ट्रांसप्लांट किया जा सकेगा.
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होमी भाभा कैंसर अस्पताल एलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट करने वाला सार्वजनिक क्षेत्र का पूर्वांचल का पहला, जबकि उत्तर प्रदेश का दूसरा सेंटर बन गया है. इसकी शुरुआत के मौके पर महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने कहा कि कैंसर मरीजों के इलाज में सहूलियत देने के लिए समय-समय पर नई सेवाओं की शुरुआत की जा रही है. एलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट इसी कड़ी का एक हिस्सा है. इस मौके पर टाटा मेमोरियल सेंटर के निदेशक डॉ. राजेंद्र ए. बडवे ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित पड़ोसी राज्यों के लिए यह एक बड़ी सौगात है. जिसका फायदा सीधे मरीजों को मिलेगा.