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गंगा को स्वच्छ करेंगी मछलियां, 70 हजार की हुई रैंचिग

यूपी सरकार के मत्स्य विभाग की पहल पर शुक्रवार को वाराणसी के अस्सी घाट पर गंगा नदी में 70 हजार मछलियां छोड़ी गईं. नदी में मछलियां छोड़ने का मुख्य उद्देश्य जल प्रदूषण को नियंत्रित करना है.

गंगा को स्वच्छ करेंगी मछलियां, 70 हजार की हुई रैंचिग
गंगा को स्वच्छ करेंगी मछलियां, 70 हजार की हुई रैंचिग
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Published : Oct 8, 2021, 9:28 PM IST

वाराणसी : उत्तर प्रदेश मत्स्य विभाग के द्वारा जल प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए प्रमुख नदियों में रिवर रैंचिग की जा रही है. इस अभियान के तहत वाराणसी में के अस्सी घाट पर गंगा में 70 हजार मछलियों को नदी की मुख्यधारा में प्रवाहित किया गया.

बता दें, कि मत्स्य विभाग के द्वारा प्रदेश भर में लगभग 15 लाख मछलियों को गंगा में प्रवाहित करने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके पहले फेज में वाराणसी के अस्सी घाट पर 70 हजार मछलियां गंगा में प्रवाहित की गई. इस बाबत मत्स्य विभाग के निदेशक एन.एस. रहमानी ने बताया, कि गंगा में वन विभाग, एनडीआरएफ, एपीडा, सीआरपीएफ के सहयोग से कुल 70 हजार मछलियों को प्रवाहित किया गया है.

गंगा को स्वच्छ करेंगी मछलियां

रिवर रैंचिग के इस अभियान में छोटे बच्चे भी शामिल हैं. उन्होंने बताया, कि यह वह मछलियां हैं जिन्हें गंगा से ही उठाकर ब्रीडिंग कराई गई थी. गंगा से पकड़ी गईं मछलियो को फिर से गंगा में ही प्रवाहित किया जा रहा है.

गंगा को स्वच्छ करेंगी मछलियां
गंगा को स्वच्छ करेंगी मछलियां

मत्स्य विभाग के निदेशक एन.एस. रहमानी ने बताया कि मछलियों को प्रवाहित करने का मुख्य उद्देश्य गंगा को स्वच्छ रखना है. मछलियां गंगा में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट करती हैं और गंगा के पानी को शुद्ध बनातीं हैं. सरकार के द्वारा नमामि गंगे व अन्य योजनाओं को संचालित कर गंगा को स्वच्छ रखा जा रहा है.

गंगा को स्वच्छ करने के लिए निश्चित तौर पर रिवर रैंचिग कारगर साबित होगा. नदियों में बढ़ते प्रदूषण के नियंत्रण के लिए मछलियां अति महत्वपूर्ण भूमिका निभातीं हैं. मछलियां नाइट्रोजन आधारित प्रदूषण को सर्वोच्च गुणवत्ता की प्रोटीन में बदलने में कारगर हैं. इसलिए नदियों में लगातार रिवर रैंचिग को बढ़ावा दिया जा रहा है और यह कार्य अनवरत चलता रहेगा.

इसे पढ़ें- लंबे इंतजार के बाद खुली 'रामोजी फिल्म सिटी', पहले ही दिन हजारों पर्यटक पहुंचे

वाराणसी : उत्तर प्रदेश मत्स्य विभाग के द्वारा जल प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए प्रमुख नदियों में रिवर रैंचिग की जा रही है. इस अभियान के तहत वाराणसी में के अस्सी घाट पर गंगा में 70 हजार मछलियों को नदी की मुख्यधारा में प्रवाहित किया गया.

बता दें, कि मत्स्य विभाग के द्वारा प्रदेश भर में लगभग 15 लाख मछलियों को गंगा में प्रवाहित करने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके पहले फेज में वाराणसी के अस्सी घाट पर 70 हजार मछलियां गंगा में प्रवाहित की गई. इस बाबत मत्स्य विभाग के निदेशक एन.एस. रहमानी ने बताया, कि गंगा में वन विभाग, एनडीआरएफ, एपीडा, सीआरपीएफ के सहयोग से कुल 70 हजार मछलियों को प्रवाहित किया गया है.

गंगा को स्वच्छ करेंगी मछलियां

रिवर रैंचिग के इस अभियान में छोटे बच्चे भी शामिल हैं. उन्होंने बताया, कि यह वह मछलियां हैं जिन्हें गंगा से ही उठाकर ब्रीडिंग कराई गई थी. गंगा से पकड़ी गईं मछलियो को फिर से गंगा में ही प्रवाहित किया जा रहा है.

गंगा को स्वच्छ करेंगी मछलियां
गंगा को स्वच्छ करेंगी मछलियां

मत्स्य विभाग के निदेशक एन.एस. रहमानी ने बताया कि मछलियों को प्रवाहित करने का मुख्य उद्देश्य गंगा को स्वच्छ रखना है. मछलियां गंगा में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट करती हैं और गंगा के पानी को शुद्ध बनातीं हैं. सरकार के द्वारा नमामि गंगे व अन्य योजनाओं को संचालित कर गंगा को स्वच्छ रखा जा रहा है.

गंगा को स्वच्छ करने के लिए निश्चित तौर पर रिवर रैंचिग कारगर साबित होगा. नदियों में बढ़ते प्रदूषण के नियंत्रण के लिए मछलियां अति महत्वपूर्ण भूमिका निभातीं हैं. मछलियां नाइट्रोजन आधारित प्रदूषण को सर्वोच्च गुणवत्ता की प्रोटीन में बदलने में कारगर हैं. इसलिए नदियों में लगातार रिवर रैंचिग को बढ़ावा दिया जा रहा है और यह कार्य अनवरत चलता रहेगा.

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