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राष्ट्रीय युवा संगीत का 34वां सम्मेलन, युवाओं ने दिया एकता का संदेश - वाराणसी समाचार

काशी हिंदू विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में 'आत्मनिर्भर भारत: जागे युवा -जागे भारत' कार्यक्रम श्रृंखला में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' अभियान के तहत 34वां ऑनलाइन राष्ट्रीय युवा संगीत सम्मेलन में युवा कलाकारों ने संगीत के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और सद्भावना का संदेश दिया.

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काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ऑनलाइन राष्ट्रीय युवा संगीत का सम्मेलन.
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Published : Jan 28, 2021, 10:57 AM IST

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में 'आत्मनिर्भर भारत: जागे युवा-जागे भारत' कार्यक्रम श्रृंखला में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' अभियान के तहत 34वां ऑनलाइन राष्ट्रीय युवा संगीत सम्मेलन आयोजित हुआ. युवा कलाकारों ने शास्त्रीय गायन और वादन के माध्यम से 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' का संदेश दिया. राष्ट्रीय युवा संगीत सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि राजेंद्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय और राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के कुलपति प्रोफेसर केएन सिंह ने किया.

संगीत और अध्यात्म के बीच अत्यंत गहरा संबंध

वाराणसी के आध्यात्मिक चिंतक पंडित हरेंद्र उपाध्याय करुणा आनंद ने शास्त्रीय संगीत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संगीत और अध्यात्म के बीच अत्यंत ही गहरा संबंध है. उन्होंने आत्म चेतना के जागरण में संगीत के महत्व को भी रेखांकित किया. राष्ट्रीय युवा संगीत सम्मेलन की अध्यक्षता आगरा के प्रसिद्ध वायलिन वादक पंडित शंभू दयाल श्रीवास्तव ने की. उन्होंने कहा कि संगीत न सिर्फ हमें मनोरंजन प्रदान करता है, बल्कि यह हमारे लिए एक औषधि है, जो हमारे दिल और दिमाग को शांति और प्रेम के तरंग में डूबोता है.

राष्ट्रीय युवा संगीत सम्मेलन का शुभारंभ हल्द्वानी नैनीताल के युवा कलाकार गौरव बिष्ट के शास्त्रीय गायन से हुआ. दूसरी प्रस्तुति के रूप में दिल्ली के युवा कलाकार श्री गणेश सिंह ने राग मधुवंती में बांसुरी वादन की प्रस्तुति कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. सम्मेलन का समापन पंजाब के युवा कलाकार बलजीत सिंह के तबला वादन से हुआ. उन्होंने तीन ताल में तबला वादन की प्रस्तुति की. कार्यक्रम का संचालन डॉ. बाला लखेन्द्र ने किया. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मंच कला संकाय विभाग के कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर ज्ञानेश चंद्र पांडेय ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में 'आत्मनिर्भर भारत: जागे युवा-जागे भारत' कार्यक्रम श्रृंखला में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' अभियान के तहत 34वां ऑनलाइन राष्ट्रीय युवा संगीत सम्मेलन आयोजित हुआ. युवा कलाकारों ने शास्त्रीय गायन और वादन के माध्यम से 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' का संदेश दिया. राष्ट्रीय युवा संगीत सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि राजेंद्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय और राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के कुलपति प्रोफेसर केएन सिंह ने किया.

संगीत और अध्यात्म के बीच अत्यंत गहरा संबंध

वाराणसी के आध्यात्मिक चिंतक पंडित हरेंद्र उपाध्याय करुणा आनंद ने शास्त्रीय संगीत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संगीत और अध्यात्म के बीच अत्यंत ही गहरा संबंध है. उन्होंने आत्म चेतना के जागरण में संगीत के महत्व को भी रेखांकित किया. राष्ट्रीय युवा संगीत सम्मेलन की अध्यक्षता आगरा के प्रसिद्ध वायलिन वादक पंडित शंभू दयाल श्रीवास्तव ने की. उन्होंने कहा कि संगीत न सिर्फ हमें मनोरंजन प्रदान करता है, बल्कि यह हमारे लिए एक औषधि है, जो हमारे दिल और दिमाग को शांति और प्रेम के तरंग में डूबोता है.

राष्ट्रीय युवा संगीत सम्मेलन का शुभारंभ हल्द्वानी नैनीताल के युवा कलाकार गौरव बिष्ट के शास्त्रीय गायन से हुआ. दूसरी प्रस्तुति के रूप में दिल्ली के युवा कलाकार श्री गणेश सिंह ने राग मधुवंती में बांसुरी वादन की प्रस्तुति कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. सम्मेलन का समापन पंजाब के युवा कलाकार बलजीत सिंह के तबला वादन से हुआ. उन्होंने तीन ताल में तबला वादन की प्रस्तुति की. कार्यक्रम का संचालन डॉ. बाला लखेन्द्र ने किया. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मंच कला संकाय विभाग के कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर ज्ञानेश चंद्र पांडेय ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

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