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Unnao news : टीम इंडिया की जीत के बाद शहर पहुंचीं ऑलराउंडर खिलाड़ी अर्चना, कहा-ट्रॉफी लाकर निभाया वादा

उन्नाव की बेटी अर्चना ने भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए अंडर-19 वूमेन T20 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में धारदार गेंदबाजी की. उन्हाेंने टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई.

उन्नाव की बेटी ने जिले का नाम राेशन किया है.
उन्नाव की बेटी ने जिले का नाम राेशन किया है.
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Published : Feb 3, 2023, 1:56 PM IST

उन्नाव की बेटी ने जिले का नाम राेशन किया है.

उन्नाव : जिले के रतईपुर गांव की हाेनहार क्रिकेट खिलाड़ी अर्चना ने भारत-इंग्लैंड के बीच खेले गए अंडर-19 वूमेन T20 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई. अर्चना शनिवार काे अपने गांव पहुंचेंगी. इससे पहले वह अपने काेच कपिल पांडेय के साथ गुरुवार काे कानपुर के जाजमऊ के जेके ग्राउंड पहुंचीं.

इसी खेल मैदान से उन्हाेंने क्रिकेट खेलने की शुरुआत की थी. अर्चना देवी का यहां फूल-मालाओं से स्वागत किया गया. खिलाड़ी ने ग्राउंड में मौजूद खिलाड़ियों से मुलाकात की. इस दाैरान मीडिया से उन्हाेंने अपने संघर्ष के दिनाें काे साझा किया. बताया कि मुझे गर्व है कि मेरी इस सफलता के बाद गांवाें के अन्य युवा मेरी तरह आगे बढ़ने की काेशिश करेंगे. हर गेम में स्ट्रगल है. युवा मुसीबताें के आगे घुटने न टेके. अपने लक्ष्य पर फाेकस कर कड़ी मेहनत करते रहें. जिस काम काे पूरे मन और लगन से किया जाए, उसे पूरा हाेने से काेई नहीं राेक सकता है.

खिलाड़ी ने बताया कि मम्मा हमेशा कहती थीं कि कब हमारी परेशानियां खत्म हाेंगी ताे मैं हमेशा उन्हें और भैया काे समझाती थी कि मैं करके दिखाऊंगी, मैं परिवार की सभी परेशानियां दूर कर दूंगी. सभी ने मेरा हौसला बढ़ाया. परिवार का सपना था कि मैं देश के लिए ट्रॉफी लेकर आऊं. पूरी टीम से उन्हें पूरा सपोर्ट मिला. पूरी टीम उन्हें परिवार की तरह ट्रीट करती थी. कभी लगा ही नहीं कि हम-एक दूसरे के परिवार का हिस्सा नहीं हैं. वह एक से डेढ़ महीने तक बाहर रहीं. उन्हें कभी नहीं लगा कि वह घर से बाहर हैं.

यह भी पढ़ें : क्रिकेटर अर्चना के परिजनों को डीएम ने दी खेती व घर बनाने के लिए जमीन

उन्नाव की बेटी ने जिले का नाम राेशन किया है.

उन्नाव : जिले के रतईपुर गांव की हाेनहार क्रिकेट खिलाड़ी अर्चना ने भारत-इंग्लैंड के बीच खेले गए अंडर-19 वूमेन T20 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई. अर्चना शनिवार काे अपने गांव पहुंचेंगी. इससे पहले वह अपने काेच कपिल पांडेय के साथ गुरुवार काे कानपुर के जाजमऊ के जेके ग्राउंड पहुंचीं.

इसी खेल मैदान से उन्हाेंने क्रिकेट खेलने की शुरुआत की थी. अर्चना देवी का यहां फूल-मालाओं से स्वागत किया गया. खिलाड़ी ने ग्राउंड में मौजूद खिलाड़ियों से मुलाकात की. इस दाैरान मीडिया से उन्हाेंने अपने संघर्ष के दिनाें काे साझा किया. बताया कि मुझे गर्व है कि मेरी इस सफलता के बाद गांवाें के अन्य युवा मेरी तरह आगे बढ़ने की काेशिश करेंगे. हर गेम में स्ट्रगल है. युवा मुसीबताें के आगे घुटने न टेके. अपने लक्ष्य पर फाेकस कर कड़ी मेहनत करते रहें. जिस काम काे पूरे मन और लगन से किया जाए, उसे पूरा हाेने से काेई नहीं राेक सकता है.

खिलाड़ी ने बताया कि मम्मा हमेशा कहती थीं कि कब हमारी परेशानियां खत्म हाेंगी ताे मैं हमेशा उन्हें और भैया काे समझाती थी कि मैं करके दिखाऊंगी, मैं परिवार की सभी परेशानियां दूर कर दूंगी. सभी ने मेरा हौसला बढ़ाया. परिवार का सपना था कि मैं देश के लिए ट्रॉफी लेकर आऊं. पूरी टीम से उन्हें पूरा सपोर्ट मिला. पूरी टीम उन्हें परिवार की तरह ट्रीट करती थी. कभी लगा ही नहीं कि हम-एक दूसरे के परिवार का हिस्सा नहीं हैं. वह एक से डेढ़ महीने तक बाहर रहीं. उन्हें कभी नहीं लगा कि वह घर से बाहर हैं.

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