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उन्नाव में हत्या के मामले में सात लोगों को उम्रकैद

उन्नाव जिले के बिहार थाना क्षेत्र के दौलत खेड़ा गांव में चचेरे भाइयों की पीट-पीट कर हत्या के मामले में न्यायालय ने पिता-पुत्र सहित सात को उम्रकैद की सजा सुनाई. न्यायाधीश ने सातों पर दस-दस हजार का अर्थदंड का जुर्माना भी लगाया है.

उन्नाव कोर्ट
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Published : Dec 19, 2021, 12:11 PM IST

उन्नाव: बिहार थाना क्षेत्र के दौलत खेड़ा गांव में जुलाई 2013 में चचेरे भाइयों की पीट-पीट कर हत्या के मामले में न्यायालय ने शनिवार को पिता-पुत्र सहित सात को उम्रकैद की सजा सुनाई. सजा पाने वालों में एक ही परिवार के पांच और एक अन्य परिवार के दो लोग शामिल हैं. वहीं, न्यायाधीश ने सातों पर दस-दस हजार का अर्थदंड का जुर्माना भी लगाया है.

बिहार थाना क्षेत्र के बीरमपुर गांव के रहने वाले राम सजीवन और उसके भाई सुरेश ने बिहार थाने में गांव के ही पिता-पुत्रों के खिलाफ एनसीआर दर्ज कराई थी. थाने से वापस राम सजीवन, कन्हैयालाल, देव नारायण, जय नारायण और रामविलास घर जा रहे थे, तभी बिहार थाना क्षेत्र से कुछ दूर स्थित दौलत खेड़ा गांव के पास एक बाइक पर सवार कन्हैयालाल व देवनारायण को श्रीपाल व उसके पुत्र राजकिशोर, विनोद, अरविंद, राम निहोर यादव व अमरेश निवासी बीरमपुर और सियाराम निवासी मलौना ने गिरा दिया. इसके बाद दोनों को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था. दोनों आपस में चचेरे भाई थे.

यह भी पढ़ें: यूपी TET मामला: अभियुक्त फौजदार वर्मा की जमानत अर्जी खारिज

दूसरी बाइक पर सवार वादी राम सजीवन, जयनारायण और रामविलास ने किसी तरीके से भाग कर अपनी जान बचाई थी. इसकी सूचना वादी राम सजीवन ने पुलिस को दी थी. इस पर पुलिस ने संबंधित अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट दाखिल की थी. इस पूरे मामले में सुनवाई करते हुए एडीजे थर्ड अल्पना सक्सेना ने श्रीपाल उसके पुत्र राजकिशोर, विनोद, अरविंद, राम निहोर,अमरेश, सियाराम को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

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उन्नाव: बिहार थाना क्षेत्र के दौलत खेड़ा गांव में जुलाई 2013 में चचेरे भाइयों की पीट-पीट कर हत्या के मामले में न्यायालय ने शनिवार को पिता-पुत्र सहित सात को उम्रकैद की सजा सुनाई. सजा पाने वालों में एक ही परिवार के पांच और एक अन्य परिवार के दो लोग शामिल हैं. वहीं, न्यायाधीश ने सातों पर दस-दस हजार का अर्थदंड का जुर्माना भी लगाया है.

बिहार थाना क्षेत्र के बीरमपुर गांव के रहने वाले राम सजीवन और उसके भाई सुरेश ने बिहार थाने में गांव के ही पिता-पुत्रों के खिलाफ एनसीआर दर्ज कराई थी. थाने से वापस राम सजीवन, कन्हैयालाल, देव नारायण, जय नारायण और रामविलास घर जा रहे थे, तभी बिहार थाना क्षेत्र से कुछ दूर स्थित दौलत खेड़ा गांव के पास एक बाइक पर सवार कन्हैयालाल व देवनारायण को श्रीपाल व उसके पुत्र राजकिशोर, विनोद, अरविंद, राम निहोर यादव व अमरेश निवासी बीरमपुर और सियाराम निवासी मलौना ने गिरा दिया. इसके बाद दोनों को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था. दोनों आपस में चचेरे भाई थे.

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