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उन्नाव: प्राइवेट अस्पताल की मनमानी, महिला का जबरदस्ती कर दिया एबॉर्शन

उन्नाव जिले में प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी सामने आई है. प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला का जबरदस्ती एबॉर्शन कर दिया.

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Published : Mar 3, 2019, 3:50 PM IST

उन्नाव

उन्नाव: जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक महिला का इलाज के बहाने प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर ने अबॉर्शन कर दिया. उसके मना करने पर बच्चे का कमजोर होना बता दिया. वहीं इस महिला के परिजन न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

उन्नाव में डॉक्टरों की मनमानी.

6 दिसंबर को शंकरपुर सराय की रहने वाली राम रानी जांच कराने अपने गांव की ही आशा बहू के साथ जिला अस्पताल आई थी. जहां पर डॉक्टर ने उनको अल्ट्रासाउंड के लिए कहा तो आशा बहू ने उस महिला को सरकारी अस्पताल ले जाकर बाहर के एक प्राइवेट अस्पताल में ले गई.

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जहां पर पहले से बातचीत होने के कारण पीड़ित महिला के अनुसार उसका वहां के डॉक्टरों ने जबरदस्ती अबॉर्शन कर दिया. अबॉर्शन के समय उसके शरीर के अंदरूनी हिस्सों में कई चोटे आ गईं. इसकी वजह से उसकी हालत और बिगड़ गई. वहीं हालत बिगड़ने पर अस्पताल प्रबंधन ने उसको भर्ती कर लिया.

जब हालत ज्यादा बिगड़ गई तो उसे कानपुर रेफर कर दिया. वहीं कानपुर में इलाज होने के बाद महिला की हालत में कुछ सुधार आया है. इसके बाद यह महिला कोतवाली से लेकर जिला अधिकारी व एसपी ऑफिस के चक्कर काट रही है, लेकिन उसे कोई न्याय नहीं मिल रहा है.

पीड़ित रामवती के पति रामनाथ का कहना है कि जिन लोगों ने हमारे परिवार की खुशियां छीनी हैं उनको सजा मिलनी चाहिए. उनका कहना है कि हमने सब कुछ बर्बाद करके अपनी पत्नी को बचाया है. अब मेरी पत्नी जिंदा लाश बनकर मेरे साथ रह रही हैं. इसका खामियाजा अस्पताल प्रबंधन व आशा बहू को भुगतना चाहिए.

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उन्नाव: जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक महिला का इलाज के बहाने प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर ने अबॉर्शन कर दिया. उसके मना करने पर बच्चे का कमजोर होना बता दिया. वहीं इस महिला के परिजन न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

उन्नाव में डॉक्टरों की मनमानी.

6 दिसंबर को शंकरपुर सराय की रहने वाली राम रानी जांच कराने अपने गांव की ही आशा बहू के साथ जिला अस्पताल आई थी. जहां पर डॉक्टर ने उनको अल्ट्रासाउंड के लिए कहा तो आशा बहू ने उस महिला को सरकारी अस्पताल ले जाकर बाहर के एक प्राइवेट अस्पताल में ले गई.

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जहां पर पहले से बातचीत होने के कारण पीड़ित महिला के अनुसार उसका वहां के डॉक्टरों ने जबरदस्ती अबॉर्शन कर दिया. अबॉर्शन के समय उसके शरीर के अंदरूनी हिस्सों में कई चोटे आ गईं. इसकी वजह से उसकी हालत और बिगड़ गई. वहीं हालत बिगड़ने पर अस्पताल प्रबंधन ने उसको भर्ती कर लिया.

जब हालत ज्यादा बिगड़ गई तो उसे कानपुर रेफर कर दिया. वहीं कानपुर में इलाज होने के बाद महिला की हालत में कुछ सुधार आया है. इसके बाद यह महिला कोतवाली से लेकर जिला अधिकारी व एसपी ऑफिस के चक्कर काट रही है, लेकिन उसे कोई न्याय नहीं मिल रहा है.

पीड़ित रामवती के पति रामनाथ का कहना है कि जिन लोगों ने हमारे परिवार की खुशियां छीनी हैं उनको सजा मिलनी चाहिए. उनका कहना है कि हमने सब कुछ बर्बाद करके अपनी पत्नी को बचाया है. अब मेरी पत्नी जिंदा लाश बनकर मेरे साथ रह रही हैं. इसका खामियाजा अस्पताल प्रबंधन व आशा बहू को भुगतना चाहिए.

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Intro:उन्नाव में इन दिनों प्राइवेट अस्पतालों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है वहीं प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी इस कदर मरीजों पर हावी हो जाती है कि कब किसकी जान के साथ खिलवाड़ कर दें कोई भी मरीज अंदाजा नहीं लगा सकता। उन्नाव में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें एक महिला का इलाज के बहाने इन प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर ने अबॉर्शन कर दिया उसके मना करने पर बच्चे का कमजोर होना बताया दिया वही इस महिला के परिवार की हालत इतनी खराब हो गई है कि न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है लेकिन अधिकारी है की कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं।


Body:आपको बता दूं या घटना है 6 दिसंबर की जब शंकरपुर सराय की रहने वाली राम रानी पत्नी रामनाथ पेट में पल रहे 4 माह के बच्चे की जांच कराने अपने गांव की ही आशा बहू के साथ उन्नाव के जिला अस्पताल आई जहां पर डॉक्टर ने उनको अल्ट्रासाउंड के लिए कहा वही साथ में आई आशा बहू ने अल्ट्रासाउंड के लिए उस महिला को सरकारी अस्पताल से ले जाकर बाहर प्राइवेट अल्ट्रासाउंड कराने की बात कहकर एक प्राइवेट अस्पताल ले गई जहां पर पहले से बातचीत होने के कारण पीड़ित महिला के अनुसार उसका वहां के डॉक्टरों जबरदस्ती अबॉर्शन कर दिया वहीं अबॉर्शन के समय ने एहतियात नहीं बरता और उसके शरीर के अंदरूनी हिस्सों में कई चोटे आ गई जिसकी वजह से उसकी हालत और बिगड़ गई वहीं हालत बिगड़ने पर अस्पताल प्रबंधन ने उसको भर्ती कर लिया और रुपए ऐंठने के बाद जब हालत ज्यादा बिगड़ गई तो उसे कानपुर रिफर कर दिया। वहीं कानपुर में लाखों के इलाज होने के बाद महिला की हालत में कुछ सुधार आया जिसके बाद यह महिला कोतवाली से लेकर जिला अधिकारी व एसपी ऑफिस के चक्कर काट रही है लेकिन उसे कोई नया नहीं मिल रहा है।

वाइट :--पीड़ित रामवती




Conclusion:वही पीड़ित रामवती का पति रामनाथ का कहना है कि जिन लोगों ने हमारे परिवार की खुशियां चीनी है उनको सजा मिलनी चाहिए वहीं उसका कहना है कि हमने सब कुछ बर्बाद करके अपनी पत्नी को बचाया है वही आप मेरी पत्नी जिंदा लाश बनकर मेरे साथ रह रहे हैं इसका खामियाजा अस्पताल प्रबंधन व आशा बहू को भुगतना चाहिए उसका कहना था कि हम कई दिन से ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं लेकिन कोई भी अधिकारी मेरी सुनने को नहीं तैयार है।


बाइट :--रामनाथ पीड़ित का पति

वही जब जिम्मेदार अधिकारियों से इस मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने बात की तो उन्होंने इस घटना से अनजान होने का बहाना बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया वही सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि कोई भी प्राइवेट अस्पताल किसी के परिवार की खुशियों को इस तरीके से बर्बाद कर सकता है कि वह दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो।


पीटीसी :--पंकज कुमार उन्नाव
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