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उन्नाव: तीसरे दिन भी एंबुलेस चालकों की हड़ताल जारी, मरीज परेशान

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एंबुलेंस के चालकों द्वारा चक्का जाम किये जाने से मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी 102 और 108 एंबुलेंस चालकों और ईएमटी की हड़ताल जारी है.

उमाशंकर दीक्षित संयुक्त चिकित्सालय.
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Published : Sep 25, 2019, 1:49 PM IST

उन्नाव: लगातार तीसरे दिन बुधवार को 102 और 108 एंबुलेंस चालकों और ईएमटी की हड़ताल जारी है, जिसकी वजह से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में गर्भवती और गंभीर बीमार मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए तीमारदारों को ई-रिक्शा या टेंपो का सहारा लेना पड़ रहा है.

तीसरे दिन भी एंबुलेस चालकों की हड़ताल जारी.
धरने पर बैठे एंबुलेंस चालक
  • सोमवार से धरने पर बैठे 102 और 108 एंबुलेंस चालकों और ईएमटी की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी है.
  • लगातार दो दिनों से 102 और 108 एंबुलेंस गाड़ियां जिला अस्पताल में खड़ी दिख रही हैं.
  • करीब 400 एंबुलेंस चालक अस्पताल परिसर में दिन-रात रहकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
  • चालकों की हड़ताल की वजह से तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
  • तीमारदारों को मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है.

    इसे भी पढ़ें- क्या है श्राद्ध करने का सही तरीका, ताकि पितरों की आत्मा को मिले शांति

हम लोगों को बहुत ही समस्या का सामना करना पड़ रहा है. प्राइवेट साधन से मरीज को अस्पताल लाना पड़ रहा है. जब 102-108 पर फोन किया जाता है तो वह फोन उठता नहीं है, जिससे हम लोगों को प्राइवेट एंबुलेंस का भी सहारा लेना पड़ रहा है.
-कुमकुम, तीमारदार

उन्नाव: लगातार तीसरे दिन बुधवार को 102 और 108 एंबुलेंस चालकों और ईएमटी की हड़ताल जारी है, जिसकी वजह से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में गर्भवती और गंभीर बीमार मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए तीमारदारों को ई-रिक्शा या टेंपो का सहारा लेना पड़ रहा है.

तीसरे दिन भी एंबुलेस चालकों की हड़ताल जारी.
धरने पर बैठे एंबुलेंस चालक
  • सोमवार से धरने पर बैठे 102 और 108 एंबुलेंस चालकों और ईएमटी की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी है.
  • लगातार दो दिनों से 102 और 108 एंबुलेंस गाड़ियां जिला अस्पताल में खड़ी दिख रही हैं.
  • करीब 400 एंबुलेंस चालक अस्पताल परिसर में दिन-रात रहकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
  • चालकों की हड़ताल की वजह से तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
  • तीमारदारों को मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है.

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हम लोगों को बहुत ही समस्या का सामना करना पड़ रहा है. प्राइवेट साधन से मरीज को अस्पताल लाना पड़ रहा है. जब 102-108 पर फोन किया जाता है तो वह फोन उठता नहीं है, जिससे हम लोगों को प्राइवेट एंबुलेंस का भी सहारा लेना पड़ रहा है.
-कुमकुम, तीमारदार

Intro:बुधवार को तीसरे दिन भी 102 और 108 एंबुलेंस चालकों और ईएमटी की हड़ताल जारी है एंबुलेंस का चक्का जाम होने से मरीज बेहाल है अस्पताल पहुंचने के लिए निजी साधनों की तलाश में तीमारदारों का समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है सबसे अधिक समस्या ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती और गंभीर बीमार मरीजों के सामने हैं उन्हें अस्पताल तक पहुंचने के लिए बाइक ई रिक्शा या फिर टेंपो आदि यात्री वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है।Body:अपनी मांगों को लेकर सोमवार को जीवनदायिनी 102 और 108 एंबुलेंस सेवा के चालकों और ईएमटी ने संयुक्त रूप से हड़ताल कर चक्का जाम कर दिया था हड़ताल के दूसरे दिन भी जिले की 108 102 एंबुलेंस की गाड़ियां जिला अस्पताल परिसर में खड़ी रही वहीं आज तीसरे दिन भी जिले की 108 102 एंबुलेंस की गाड़ियां जिला अस्पताल परिसर में खड़ी है इन एंबुलेंस ओं के करीब 400 कर्मचारी भी अस्पताल परिसर में ही दिन रात डटे रहकर एकजुटता का प्रदर्शन कर रहे हैं।Conclusion:वहीं जीवनदायिनी 102 और 108 एंबुलेंस सेवा के चालको और ईएमटी की संयुक्त हड़ताल से मरीजों के तीमारदारों को खासी समस्या का सामना करना पड़ रहा है जिला अस्पताल आए मरीजों के परिजनों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि हम लोगों को बहुत ही समस्या का सामना करना पड़ रहा है प्राइवेट साधन से मरीज को लाना पड़ रहा है अस्पताल वहीं जब 102 108 पर फोन किया जाता है तो वह फोन उठता नहीं है जिससे हम लोगों को प्राइवेट एंबुलेंस का भी सहारा लेना पड़ रहा है।

बाइट:-- मरीजों के परिजन
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