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उन्नाव के कस्तूरबा गांधी स्कूलों में घोटाले की बू, 47 लाख का गोलमाल - उन्नाव खबर

उन्नाव के 13 कस्तूरबा विद्यालयों में बिना छात्राओं की उपस्थिति के भोजन मेडिकल केयर और शिक्षण सामग्री के नाम पर 47 लाख का भुगतान किया गया. मामला उच्चाधिकारियों के पास पहुंचने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जवाब तलब किया है.

उन्नाव के कस्तूरबा गांधी स्कूलों में घोटाले की बू
उन्नाव के कस्तूरबा गांधी स्कूलों में घोटाले की बू
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Published : Jun 1, 2021, 4:30 PM IST

उन्नाव: कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूलों में 47 लाख के गोलमोल का मामला सामने आ रहा है. अब जब मामला सामने आ गया है, तो बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है. बीएसए से 15 जून तक महानिदेशक बेसिक शिक्षा ने ब्यौरा मांगा है. हालांकि बीएसए का कहना है कि प्रेरणा एप में छात्राओं की उपस्थिति दर्ज न होने भर का मामला है. केजीबी की वार्डेन से भुगतान के कागज मांगे गए हैं. मामले की रिपोर्ट तैयार कर महानिदेशक बेसिक शिक्षा को जल्द भेज दी जाएगी. घोटाला जैसा कुछ भी नहीं है.

उन्नाव के कस्तूरबा गांधी स्कूलों में घोटाले की बू

स्कूल से आरही घोटाले की बू
सर्व शिक्षा अभियान के तहत कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं. जहां गरीब परिवार की बेटियों को शिक्षा के साथ भोजन, दवाएं व जरूरत की अन्य सुविधाएं निशुल्क मुहैया हो रही है. यहां पर आर्थिक रूप से गरीब परिवार की बेटियों का कक्षा 6 से एडमिशन लिया जाता है. कस्तूरबा गांधी स्कूलों में 12 वीं तक की कक्षाएं संचालित होती हैं. उन्नाव में 13 कस्तूरबा गांधी विद्यालय संचालित हो रहे हैं. यहां पर 1300 छात्राएं पंजीकृत है.

स्कूल बंद होने के बावजूद 47 लाख का भुगतान
आपको बता दें कि लॉकडाउन अवधि में कस्तूरबा गांधी स्कूल बंद चल रहे हैं. इस दौरान बड़ा खुलासा हुआ है कि स्कूल बंद होने के बाद भी छात्राओं को भोजन, मेडिकल किट व स्टेशनरी का 47 लाख का भुगतान टेंडर एजेंसी शक्ति इंटरप्राइजेज (बस्ती ) को कर दिया गया. जबकि शासन स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए बनाए गए प्रेरणा ऐप पर छात्राओं की उपस्थिति शून्य सो कर रही है. ऐसा उन्नाव के अलावा यूपी के 18 और जिलों में किया गया है. करीब 9 करोड़ का 'खेल' सामने आ रहा है. महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरण आनंद ने बेसिक शिक्षा अधिकारी व वित्त और लेखाधिकारी से 15 जून तक मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.

इसे भी पढ़ें-'यूपी के 18 जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में 9 करोड़ का घोटाला'

लाखों का हेरफेरस, लेकिन बीएसए बता रहे सब है ठीक
उन्नाव में भी लाखो का घोटाले कि बात सामने आने से विभाग में हड़कंप मच गया है. बीएसए ने कस्तूरबा गांधी स्कूल की वार्डेन से उपभोग के बिल व भुगतान का रिकॉर्ड तीन दिन में तलब की है. बीएसए प्रदीप कुमार पांडेय का कहना है कि पहली लहर थमने के बाद शासन के निर्देश पर 22 फरवरी को स्कूल खोले गए और 50 फीसदी छात्राओं को बुलाया गया. इस दौरान एग्जाम भी प्रस्तावित थे, मगर कोरोना की दूसरी लहर के चलते 22 मार्च को स्कूल बंद कर दिए गए. इस दौरान छात्राओं की कोरोना जांच भी कराई गई और शिक्षण कार्य समेत अन्य गतिविधियां संचालित हुई हैं. जिनका रिकॉर्ड है. बीएसए ने दावा किया है कि घोटाला जैसा कुछ भी नहीं है. 24 फरवरी से 22 मार्च तक प्रेरणा ऐप पर छात्राओं की उपस्थित दर्ज नहीं हुई है, जिसके चलते प्रेरणा ऐप पर छात्राओं की संख्या शून्य सो हो रही है. वार्डेन से सारे साक्ष्य तलब किए गए हैं. जिनका सत्यापन करके महानिदेशक बेसिक शिक्षा को भेजा जाएगा.

उन्नाव: कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूलों में 47 लाख के गोलमोल का मामला सामने आ रहा है. अब जब मामला सामने आ गया है, तो बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है. बीएसए से 15 जून तक महानिदेशक बेसिक शिक्षा ने ब्यौरा मांगा है. हालांकि बीएसए का कहना है कि प्रेरणा एप में छात्राओं की उपस्थिति दर्ज न होने भर का मामला है. केजीबी की वार्डेन से भुगतान के कागज मांगे गए हैं. मामले की रिपोर्ट तैयार कर महानिदेशक बेसिक शिक्षा को जल्द भेज दी जाएगी. घोटाला जैसा कुछ भी नहीं है.

उन्नाव के कस्तूरबा गांधी स्कूलों में घोटाले की बू

स्कूल से आरही घोटाले की बू
सर्व शिक्षा अभियान के तहत कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं. जहां गरीब परिवार की बेटियों को शिक्षा के साथ भोजन, दवाएं व जरूरत की अन्य सुविधाएं निशुल्क मुहैया हो रही है. यहां पर आर्थिक रूप से गरीब परिवार की बेटियों का कक्षा 6 से एडमिशन लिया जाता है. कस्तूरबा गांधी स्कूलों में 12 वीं तक की कक्षाएं संचालित होती हैं. उन्नाव में 13 कस्तूरबा गांधी विद्यालय संचालित हो रहे हैं. यहां पर 1300 छात्राएं पंजीकृत है.

स्कूल बंद होने के बावजूद 47 लाख का भुगतान
आपको बता दें कि लॉकडाउन अवधि में कस्तूरबा गांधी स्कूल बंद चल रहे हैं. इस दौरान बड़ा खुलासा हुआ है कि स्कूल बंद होने के बाद भी छात्राओं को भोजन, मेडिकल किट व स्टेशनरी का 47 लाख का भुगतान टेंडर एजेंसी शक्ति इंटरप्राइजेज (बस्ती ) को कर दिया गया. जबकि शासन स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए बनाए गए प्रेरणा ऐप पर छात्राओं की उपस्थिति शून्य सो कर रही है. ऐसा उन्नाव के अलावा यूपी के 18 और जिलों में किया गया है. करीब 9 करोड़ का 'खेल' सामने आ रहा है. महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरण आनंद ने बेसिक शिक्षा अधिकारी व वित्त और लेखाधिकारी से 15 जून तक मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.

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लाखों का हेरफेरस, लेकिन बीएसए बता रहे सब है ठीक
उन्नाव में भी लाखो का घोटाले कि बात सामने आने से विभाग में हड़कंप मच गया है. बीएसए ने कस्तूरबा गांधी स्कूल की वार्डेन से उपभोग के बिल व भुगतान का रिकॉर्ड तीन दिन में तलब की है. बीएसए प्रदीप कुमार पांडेय का कहना है कि पहली लहर थमने के बाद शासन के निर्देश पर 22 फरवरी को स्कूल खोले गए और 50 फीसदी छात्राओं को बुलाया गया. इस दौरान एग्जाम भी प्रस्तावित थे, मगर कोरोना की दूसरी लहर के चलते 22 मार्च को स्कूल बंद कर दिए गए. इस दौरान छात्राओं की कोरोना जांच भी कराई गई और शिक्षण कार्य समेत अन्य गतिविधियां संचालित हुई हैं. जिनका रिकॉर्ड है. बीएसए ने दावा किया है कि घोटाला जैसा कुछ भी नहीं है. 24 फरवरी से 22 मार्च तक प्रेरणा ऐप पर छात्राओं की उपस्थित दर्ज नहीं हुई है, जिसके चलते प्रेरणा ऐप पर छात्राओं की संख्या शून्य सो हो रही है. वार्डेन से सारे साक्ष्य तलब किए गए हैं. जिनका सत्यापन करके महानिदेशक बेसिक शिक्षा को भेजा जाएगा.

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