लखनऊ: राजधानी के गाजीपुर थाना क्षेत्र में दो युवकों ने एक विधवा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया और उसे उसके घर के बाहर छोड़कर फरार हो गए. डरी सहमी दिव्यांग महिला ने अपनी भाषा में आपबीती अपने परिवार वालों को बताई. इसके बाद पीड़िता के पिता की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए आरोपियों की तलाश शुरू कर दी.
गुरुवार की शाम सामूहिक दुष्कर्म के दोनों आरोपियों को गाजीपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इंस्पेक्टर गाजीपुर प्रशांत कुमार मिश्रा ने बताया कि थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 35 वर्षीय पलक (काल्पनिक नाम) दिव्यांग है. वह बोल सुन नहीं सकती है.
पीड़िता के पिता के मुताबिक बुधवार शाम लगभग 7 बजे पीड़िता घर से किसी काम के लिए निकली थी. वह चौराहे पर पेट्रोल पम्प के पास थी कि तभी वहां गाड़ी से मोनू कश्यप और दीपू कश्यप आए. दोनों ने महिला को घर छोड़ने की बात कहकर उसको गाड़ी में बैठा लिया. इसके बाद दोनों उसे 1090 चौराहा के पास स्थित एक कमरे में ले गए, जहां आरोपियों ने उसके साथ बारी-बारी से सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम किया. पीड़िता के साथ दुष्कर्म के बाद दोनों उसे गाड़ी में बैठा कर उसके घर के पास ले गए और वहां गाड़ी से उतारकर रफूचक्कर हो गए.
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डरी सहमी पीड़िता ने घर पर आपबीती बताई, जिसके बाद पीड़िता के पिता ने मामला दर्ज कराया. इंस्पेक्टर गाजीपुर के मुताबिक आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए डीसीपी रईस अख्तर और एडीसीपी प्राची सिंह द्वारा निर्देश दिए गए थे, जिसके बाद एसीपी गाजीपुर सुनील शर्मा के नेतृत्व में मोनू और दीपू दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.