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गन्ना बेचने राम की नगरी नहीं जाएंगे सुलतानपुर के अन्नदाता!

सुलतानपुर की सांसद मेनका गांधी की पहल के बाद अब जिले के अन्नदाताओं को गन्ना बेचने के लिए अयोध्या नहीं जाना होगा. संजय गांधी के जमाने में शुरू हुई सहकारी चीनी मिल को पुन: चालू कराया जाएगा. इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

सुलतानपुर किसान सहकारी चीनी मिल.
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Published : Aug 9, 2019, 1:40 PM IST

सुलतानपुर: जनपद में गन्ने का उत्पादन करने वाले किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए अब अयोध्या की मसौधा मिल नहीं जाना होगा. सांसद मेनका गांधी की पहल पर किसान सहकारी मिल सुलतानपुर की क्षमता को 3 गुना बढ़ाने की तैयारी कर ली गई है. बोर्ड की मंजूरी मिल गई है. प्रस्ताव स्वीकृति के रूप में शासन से आना है. सूत्रों के मुताबिक, शासन ने भी अनुमति दे दी है. बस कागजी हरी झंडी मिलते ही प्रस्ताव पर अमल हो जाएगा.

जानकारी देते चीनी मिल के महाप्रबंधक.

लोगों को मिलेगा रोजगार

सुलतानपुर जिले के बल्दीराय, जयसिंहपुर, कादीपुर और लंभुआ तहसील में बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती की जाती है. किसानों को गन्ने के एवज में एक मुस्त पैसा मिलता है, जिससे वे रोजगार पाते हैं और बच्चों की शिक्षा-दीक्षा और आजीविका चलाने में उन्हें बड़ी सहूलियत मिलती है. वार्षिक खेती होने के नाते किसानों को इसमें सहूलियत भी होती है, लेकिन सुलतानपुर किसान सहकारी चीनी मिल की क्षमता महज 12050 क्विंटल प्रतिदिन के हिसाब से हैं, जिसकी क्षमता 35000 करने की तैयारी कर ली गई है. क्षमता बढ़ने से मशीनें बढ़ाई जाएंगी. कर्मचारी भी बढ़ाए जाएंगे और लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

यह भी पढ़ें; जानिए क्या हैं पेट्रोल-डीजल के नए दाम

अभी तक इसकी क्षमता 12050 क्विंटल प्रतिदिन के हिसाब से रही है, जिसे 35000 करने की तैयारी कर ली गई है. कलेक्ट्रेट में बैठक के दौरान बोर्ड की मंजूरी मिल गई है. शासन से हरी झंडी मिलने के साथ ही मशीनों के आवंटन, स्थापन और संचालन की कार्रवाई की जाएगी.
-रामजी सिंह, चीनी मिल के महाप्रबंधक

सुलतानपुर: जनपद में गन्ने का उत्पादन करने वाले किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए अब अयोध्या की मसौधा मिल नहीं जाना होगा. सांसद मेनका गांधी की पहल पर किसान सहकारी मिल सुलतानपुर की क्षमता को 3 गुना बढ़ाने की तैयारी कर ली गई है. बोर्ड की मंजूरी मिल गई है. प्रस्ताव स्वीकृति के रूप में शासन से आना है. सूत्रों के मुताबिक, शासन ने भी अनुमति दे दी है. बस कागजी हरी झंडी मिलते ही प्रस्ताव पर अमल हो जाएगा.

जानकारी देते चीनी मिल के महाप्रबंधक.

लोगों को मिलेगा रोजगार

सुलतानपुर जिले के बल्दीराय, जयसिंहपुर, कादीपुर और लंभुआ तहसील में बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती की जाती है. किसानों को गन्ने के एवज में एक मुस्त पैसा मिलता है, जिससे वे रोजगार पाते हैं और बच्चों की शिक्षा-दीक्षा और आजीविका चलाने में उन्हें बड़ी सहूलियत मिलती है. वार्षिक खेती होने के नाते किसानों को इसमें सहूलियत भी होती है, लेकिन सुलतानपुर किसान सहकारी चीनी मिल की क्षमता महज 12050 क्विंटल प्रतिदिन के हिसाब से हैं, जिसकी क्षमता 35000 करने की तैयारी कर ली गई है. क्षमता बढ़ने से मशीनें बढ़ाई जाएंगी. कर्मचारी भी बढ़ाए जाएंगे और लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

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अभी तक इसकी क्षमता 12050 क्विंटल प्रतिदिन के हिसाब से रही है, जिसे 35000 करने की तैयारी कर ली गई है. कलेक्ट्रेट में बैठक के दौरान बोर्ड की मंजूरी मिल गई है. शासन से हरी झंडी मिलने के साथ ही मशीनों के आवंटन, स्थापन और संचालन की कार्रवाई की जाएगी.
-रामजी सिंह, चीनी मिल के महाप्रबंधक

Intro:एक्सक्लुसिव खबर
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शीर्षक : गन्ना बेचने राम की नगरी में नहीं जाएंगे अन्नदाता, 3 गुना बढ़ रही चीनी मिल की छमता।



सुल्तानपुर में गन्ने का उत्पादन करने वाले किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए अब अयोध्या की मसौधा मिल नहीं जाना होगा। सांसद मेनका गांधी की पहल पर किसान सहकारी मिल सुल्तानपुर की क्षमता को 3 गुना बढ़ाने की तैयारी कर ली गई है। बोर्ड की मंजूरी मिल गई है। प्रस्ताव स्वीकृति के रूप में शासन से आना है । सूत्रों के मुताबिक शासन ने भी अनुमति दे दी है । बस कागजी हरी झंडी मिलते ही प्रस्ताव पर अमल हो जाएगा। ढांचे को 3 गुना कर दिया जाएगा।


Body:सुल्तानपुर जिले के बल्दीराय जयसिंहपुर कादीपुर और लंभुआ तहसील में बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती की जाती है । किसानों को गन्ने के एवज में एक मुस्त पैसा मिलता है। जिससे वे रोजगार पाते हैं और बच्चों की शिक्षा दीक्षा और आजीविका चलाने में उन्हें बड़ी सहूलियत मिलती है। वार्षिक खेती होने के नाते किसानों को इसमें सहूलियत भी होती है। लेकिन सुल्तानपुर किसान सहकारी चीनी मिल की छमता महज 12050 कुंतल प्रतिदिन के हिसाब से हैं । जिसकी क्षमता 35000 करने की तैयारी कर ली गई है। क्षमता बढ़ने से मशीनें बढ़ाई जाएंगी । कर्मचारी भी बनाए जाएंगे और लोगों को रोजगार के साथ अन्य दाताओं की खपत जिले में ही संभव हो सकेगी। उन्हें अपनी उपज बेचने के लिए अयोध्या की मसौधा चीनी मिल नहीं जाना होगा। गन्ने से ओबरॉय किसानों को नई ऊर्जा मिलती देखी जा रही है।


Conclusion:बाइट : चीनी मिल के महाप्रबंधक रामजी सिंह कहते हैं कि अभी तक इसकी क्षमता 12050 कुंतल प्रति दिन के हिसाब से रही है। जिसे 35000 करने की तैयारी कर ली गई है। कलेक्ट्रेट में बैठक के दौरान बोर्ड की मंजूरी मिल गई है । शासन से हरी झंडी मिलने के साथ मशीनों के आवंटन स्थापन और संचालन की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा डिस्टलरी प्लांट और कोजन प्लांट भी लगाए जा रहे हैं।


आशुतोष मिश्रा, सुल्तानपुर, 94 150 49 256
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