सुलतानपुर: जिले में एंड्राइड मोबाइल और लैपटॉप की ग्रामीण क्षेत्रों में अनुपलब्धता को देखते हुए यूपी बोर्ड के विद्यार्थियों को टीवी स्क्रीन पर पढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए शिक्षा विभाग की तरफ से सरकारी और निजी चैनलों से वार्ता की गई है. टेलीविजन की उपलब्धता की रिपोर्ट के आधार पर सुलातनपुर शिक्षा महकमे की तरफ से यह निर्णय लिया गया है.
अप्रैल से शुरू हुए नए शिक्षा सत्र के दौरान वाट्सएप और जूम एप के जरिए शिक्षण व्यवस्था शुरू कराई गई, लेकिन बहुत से ऐसे बच्चे सामने आए, जिनके पास न तो एंड्राइड फोन था और न ही लैपटॉप की सुविधा. ऐसे में उनकी शिक्षण व्यवस्था बाधित होती दिखाई दे रही थी. विद्यालय की तरफ से कराए गए सर्वेक्षण में भी यह सच सामने आया, जिसके बाद टेलीविजन की स्क्रीन का सहारा लेने का निर्णय लिया गया.
केश कुमारी राजकीय इंटर कॉलेज में सामाजिक विज्ञान की शिक्षिका जय सिंह कहती हैं कि बहुत से बच्चों के पास मोबाइल नहीं है. ऐसे में उन्हें शिक्षित करने और सिलेबस से अवगत कराने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिन बच्चों के पास वाट्सएप की सुविधा है, वह इसका लाभ उठा रहे हैं. जो बच्चे संतुष्ट नहीं हो पाते हैं, उनकी समस्या का समाधान फोन पर बात कर कराया जाता है.
कोविड-19 के चलते शिक्षण प्रभावित
भौतिक विज्ञान विषय के शिक्षक शैलेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि कोविड-19 के चलते सामान्य शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होने की वजह से हम ऑनलाइन शिक्षण सुविधा का सहारा ले रहे हैं. हम शिक्षण कार्य करते हुए विजुअल बनाते हैं. उसे वाट्सएप के जरिए विद्यार्थियों से जोड़ते हैं और उन्हें आ रही समस्याओं को लेकर समाधान देते हैं. सम्बन्धित विषय को वाट्सएप के जरिए पूरा डिस्क्राइब किया जाता है. इसके अलावा आ रही समस्या के समाधान के लिए समय सारणी बनाकर सवाल-जवाब कराया जाता है. जो समस्याएं रहती हैं, उसे वाट्सएप पर भेजते हैं और इसका निदान भी हम ऑनलाइन तरीके से करते हैं.
जिला विद्यालय निरीक्षक ने दी जानकारी
जिला विद्यालय निरीक्षक श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि खासकर ग्रामीण क्षेत्र में टेलीविजन की उपलब्धता का एक सर्वेक्षण कराया गया है. माध्यमिक शिक्षा परिषद की तरफ से निर्णय लिया गया कि स्क्रीन पर शिक्षकों के एजुकेशन वीडियो प्रसारित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के बेहतर शिक्षकों से वीडियो बनाकर उसे दिखाने की तैयारी की गई है.