सुलतानपुर: लखनऊ-वाराणसी फोरलेन प्राधिकरण को अपनी जमीन दे चुके 30 हजार किसानों के चेहरे पर एक बार फिर मुस्कान आने वाली है. दो साल के लंबे अंतराल के बाद उनके खाते खोले जा रहे हैं. फोरलेन की दर पर बाईपास की जमीन का मुआवजा भुगतान किए जाने की करोड़ों की धांधली के बाद किसानों के खाते सीज किए गए थे और अधिकारियों की गर्दन बचा ली गई थी.
अफसरों ने किया था 10 करोड़ का गोलमाल
लखनऊ-वाराणसी फोरलेन प्राधिकरण के अफसरों ने उस समय लगभग 10 करोड़ का गोलमाल किया था. इसमें सुलतानपुर-वाराणसी मुख्य राजमार्ग की दर से बाईपास की जमीन का भुगतान किया गया था. किसानों के खाते में सुविधा शुल्क लेते हुए ओवरड्राफ्टिंग यानी कीमत से अधिक भुगतान किया गया था. मामले को संज्ञान में लेते हुए प्रशासन ने सभी किसानों के खाते सीज कर दिए थे.
भूमि अधिग्रहण एक्ट के तहत की जा रही कार्रवाई
वहीं, मामले को लेकर डीएम का कहना है कि प्रतिकार का निर्धारण विवादित हो गया था, जिसपर इस तरह की कार्रवाई जिला प्रशासन की तरफ से की गई थी. उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण एक्ट की कार्रवाई की जा रही है. इसमें ऐसे भी किसान आए थे, जो लैंड एक्विजिशन एक्ट से काश्तकार थे और उनकी जमीन से संबंधित खाते भी बंद कर दिए गए थे. डीएम ने कहा कि खाता एक हफ्ता पहले खोला गया था और दूसरा खाता खोलने की तैयारी की जा रही है. इसी क्रम में अन्य खाते भी फिर से बहाल किए जाएंगे. एक बार परीक्षण करके इन खातों को संचालित करने की कार्रवाई की जा रही है, जिससे किसानों के साथ पक्षपात न हो और उन्हें न्याय दिया जा सके. डीएम ने बताया कि जिन विवादित ग्राम पंचायत के किसानों के खाते सील किए गए थे, उनमें भदैया, अभियाकला, अभिया खुर्द, सेमरी राजापुर, बेदू पारा, पीपी कमैचा, सेमरी परसरामपुर, मुरलीधारपुर, घरवासपुर, कोथरा, नरहरपुर, आनापुर, सुरेश साह पट्टी, लंभुआ समेत अन्य ग्राम पंचायतें शामिल हैं.
अतिरिक्त लाभ के लिए हुआ था गोलमाल
फोरलेन प्राधिकरण और प्रशासनिक अफसरों ने अनैतिक लाभ कमाने के लिए लखनऊ वाराणसी मुख्य हाई-वे की दर से फोरलेन की जमीन का भुगतान कर दिया. सूत्रों की माने तो बड़े पैमाने पर किसानों से वसूली की गई और उन्हें अनैतिक लाभ पहुंचाया गया. हालांकि, फोरलेन प्राधिकरण के सूत्रों की माने तो अधिकारी अपना लाभ लेकर चंपत हो गए, लेकिन चपेट में आए भोले-भाले किसानों के बैंक खाते सीज हुए और पहले से जमा धनराशि के उपयोग में बेटियों की शादी और कारोबार स्थापित करने में नहीं कर सके.
किसानों की मेहनत से ही देश खुशहाल है. वह खून पसीना निकाल कर सबको अन्न पहुंचाता है. किसान सबके सुख का आधार है. उनकी समस्या का प्राथमिकता पर निस्तारण किया जाना चाहिए. वह कड़ी मेहनत करके अन्न उपजाते हैं. दोषी अफसरों के खिलाफ जांच कराकर उनको जेल भेजना चाहिए.
-बीएम यादव, स्थानीय नेता