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सुलतानपुर: टीबी से पीड़ित बच्चों की मदद के लिए आगे आई इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी

यूपी के सुलतानपुर में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को टीबी से निजात दिलाने के लिए इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी ने पहल की है. सोसायटी ने टीबी से पीड़ित गरीब और अनाथ बच्चों को चयनित किया है. उन्हें आर्थिक सहयोग दिया और उनके अभिभावकों को वस्त्र और कंबल भी बांटे.

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Published : Jan 22, 2020, 9:47 PM IST

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सुलतानपुर में टीबी से पीड़ित बच्चों की मदद के लिए आगे आई रेड क्रॉस सोसायटी.

सुलतानपुर: एक तो पहले से ही गरीब घर में जन्म हुआ, ऊपर से टीबी ने अपनी चपेट में ले लिया. भोजन का संकट पहले से था. ऐसे में इन गरीब परिवार के नन्हे-मुन्ने बच्चों का सहारा बनकर इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी सामने आई है. सोसायटी के पदाधिकारियों ने टीबी को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया है.

सोसायटी ने सामाजिक क्षेत्र में काम करने वालों को किया सम्मानित.

गरीबों की मदद करती है सोसायटी
सुलतानपुर की यह इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी ऐसे गरीब, वंचित, अनाथ और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए वरदान है, जो टीबी जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. इन परिवारों के पास पैसा नहीं है कि वे अपना इलाज करा सकें. ऐसे में सोसायटी उनकी मदद करती है. इलाज कराती है और आर्थिक सहयोग भी करती है.

बांटे गए कंबल और वस्त्र
रेड क्रॉस सोसायटी की सदस्य डॉ. अंजना कश्यप कहती हैं कि इन मरीजों में, जो बच्चे कलाकार थे, उन्हें ड्राइंग कंपटीशन में पुरस्कृत किया गया है. वहीं अन्य सदस्य डॉ. डीएस मिश्रा कहते हैं कि टीबी पीड़ित बच्चों के इलाज, जरूरी सामग्रियों और भोजन का इंतजाम इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी की तरफ से किया जाता है. इनके अभिभावक, जो गरीब हैं, उन्हें कंबल और ठंड से बचने के वस्त्र दिए गए हैं.

टीबी मरीजों को चिन्हित कर कराया जाता है इलाज
डॉ. डीएस मिश्रा ने बताया कि मलिन बस्तियां टीबी का सर्वाधिक सुलभ स्थान मानी जाती है. यहां के बच्चे सर्वाधिक चपेट में आते हैं. उन्होंने बताया कि डॉट्स, जो सरकार की संस्था है, के माध्यम से मदद लेते हुए हम ऐसे मरीज और बच्चों को टीबी की दवाएं उपलब्ध कराते हैं, जो बहुत गरीब हैं और असक्षम हैं. अपना इलाज नहीं करा सकते हैं. ऐसे लोगों की एक सूची बनाई गई है. उन्हें चिन्हित करके उनका इलाज कराया जाता है.

ये भी पढ़ें: सुलतानपुर: ग्रामीण पहुंचे डीएम कार्यालय, रास्ता बनवाने की लगाई गुहार

सुलतानपुर: एक तो पहले से ही गरीब घर में जन्म हुआ, ऊपर से टीबी ने अपनी चपेट में ले लिया. भोजन का संकट पहले से था. ऐसे में इन गरीब परिवार के नन्हे-मुन्ने बच्चों का सहारा बनकर इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी सामने आई है. सोसायटी के पदाधिकारियों ने टीबी को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया है.

सोसायटी ने सामाजिक क्षेत्र में काम करने वालों को किया सम्मानित.

गरीबों की मदद करती है सोसायटी
सुलतानपुर की यह इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी ऐसे गरीब, वंचित, अनाथ और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए वरदान है, जो टीबी जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. इन परिवारों के पास पैसा नहीं है कि वे अपना इलाज करा सकें. ऐसे में सोसायटी उनकी मदद करती है. इलाज कराती है और आर्थिक सहयोग भी करती है.

बांटे गए कंबल और वस्त्र
रेड क्रॉस सोसायटी की सदस्य डॉ. अंजना कश्यप कहती हैं कि इन मरीजों में, जो बच्चे कलाकार थे, उन्हें ड्राइंग कंपटीशन में पुरस्कृत किया गया है. वहीं अन्य सदस्य डॉ. डीएस मिश्रा कहते हैं कि टीबी पीड़ित बच्चों के इलाज, जरूरी सामग्रियों और भोजन का इंतजाम इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी की तरफ से किया जाता है. इनके अभिभावक, जो गरीब हैं, उन्हें कंबल और ठंड से बचने के वस्त्र दिए गए हैं.

टीबी मरीजों को चिन्हित कर कराया जाता है इलाज
डॉ. डीएस मिश्रा ने बताया कि मलिन बस्तियां टीबी का सर्वाधिक सुलभ स्थान मानी जाती है. यहां के बच्चे सर्वाधिक चपेट में आते हैं. उन्होंने बताया कि डॉट्स, जो सरकार की संस्था है, के माध्यम से मदद लेते हुए हम ऐसे मरीज और बच्चों को टीबी की दवाएं उपलब्ध कराते हैं, जो बहुत गरीब हैं और असक्षम हैं. अपना इलाज नहीं करा सकते हैं. ऐसे लोगों की एक सूची बनाई गई है. उन्हें चिन्हित करके उनका इलाज कराया जाता है.

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Intro:स्पेशल स्टोरी ईटीवी भारत
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शीर्षक : टीवी पीड़ित नन्हे-मुन्ने मासूमों की किस्मत रूठी, रेड क्रॉस बनी सहारा।

एंकर : एक तो पहले से ही गरीब घर में जन्म हुआ। ऊपर से टीवी ने अपनी आगोश में ले लिया। भोजन का संकट पहले से चल रहा था ऊपर से टीवी रोगाणुओं का आक्रमण। ऐसे में इन गरीब परिवार के नन्हे-मुन्ने बच्चों का सहारा बनकर रेड क्रॉस सोसाइटी सामने आई है। रेड क्रॉस सोसायटी के पदाधिकारियों ने टीवी को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया है।


Body:वीओ : वैसे तो रेड क्रॉस सोसाइटी का नाम आते ही विश्व स्वास्थ्य संगठन का चेहरा सामने आ जाता है। लेकिन सुल्तानपुर की यह रेड क्रॉस सोसाइटी ऐसे गरीब वंचित अनाथ और आर्थिक तंग परिवारों के लिए वरदान है। जो टीवी जैसे गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। इनके पास पैसा नहीं कि इलाज करा लें। ऐसे में रेड क्रॉस सोसाइटी इनकी मदद करती है। इलाज कराती हैं और आर्थिक सहयोग भी करती है।

बाइट : डॉ अंजना कश्यप कहती हैं कि इन मरीजों मैं जो बच्चे कलाकार थे। उन्हें ड्राइंग कंपटीशन में पुरस्कृत किया गया है। रेड क्रॉस सोसाइटी के डॉ डीएस मिश्रा कहते हैं कि टीवी पीड़ित बच्चों के इलाज, जरूरी सामग्रियों और भोजन का इंतजाम रेड क्रॉस सोसाइटी की तरफ से किया जाता है। इनके अभिभावक जो गरीब हैं उन्हें कंबल और ठंड से बचने के वस्त्र दिए गए हैं। मलिन बस्तियों टीवी का सर्वाधिक सुलभ स्थान माना जाता है । यहां के बच्चे सर्वाधिक चपेट में आते हैं। डॉट्स जो सरकार की संस्था है । इसके माध्यम से मदद लेते हुए हम ऐसे मरीज और बच्चों को टीवी के दवाएं उपलब्ध कराते हैं। जो बच्चे बहुत गरीब हैं और असक्षम है । अपना इलाज नहीं करा सकते हैं। ऐसे लोगों की एक सूची बनाई गई है। उन्हें चिन्हित करके उनका इलाज कराया जाता है।


Conclusion:वीओ : कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने कार्यक्रम प्रस्तुत किए। जिसमें स्वच्छता अभियान और जल संरक्षण से संबंधित रंगमंच प्रस्तुत कर दर्शक दीर्घा को ताली बजाने के लिए मजबूर किया गया । इस दौरान सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया गया।



आशुतोष मिश्रा, सुल्तानपुर, 94 15049 256
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