सुलतानपुरः योगी सरकार भले ही L2 हॉस्पिटल में कोविड-19 संक्रमण के पूरे इलाज के दावे कर रही हो लेकिन जनपद में संक्रमण की स्थिति का आंकलन करने में अभी भी यहां के L2 अस्पताल के चिकित्सक सक्षम नहीं हैं. वजह है संसाधनों की कमी और पैथोलॉजी का अभाव. मरीजों के गंभीर स्थिति में पहुंचने पर संक्रमण की दर पकड़ने में नाकाम चिकित्सकों के लिए रेफर करना एक मजबूरी बनता जा रहा है.
पुराने संसाधन पर चल रहा इलाज
सुलतानपुर जिला मुख्यालय पर अमहट के ट्रॉमा सेंटर में L2 हॉस्पिटल संचालित है. यह 50 बेड का है, जहां अभी हाल ही में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया है. 12 वेंटीलेटर और 38 हाई ऑक्सीजन डिपेंडेंट यूनिट लगाई गई हैं लेकिन मरीजों में कितना संक्रमण है, इसकी पड़ताल के लिए पैथोलॉजी की कोई सुविधा नहीं है. इकलौते सीटी स्कैन मशीन से शत प्रतिशत मरीजों की जांच कर पाना एक चिकित्सकों के लिए बड़ी चुनौती है. संक्रमण की गहराई और पोस्ट कोविड ट्रीटमेंट देने में डॉक्टर असमर्थ महसूस कर रहे हैं.
विधायक बोले
पैथोलॉजी चिकित्सा की तकनीकी पक्ष है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ही पैथोलॉजी की सुविधा और संसाधन उपकरण की उपलब्धता के बारे में जानकारी दे सकते हैं.
देवमणि द्विवेदी, विधायक सुल्तानपुर
हमारा प्रयास हम करें बेहतर इलाज : सीडीओ
26 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मुहैया कराए गए हैं. ऑक्सीजन के लिए पाइप लाइन बिछाई गई है. ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करा दिया गया है. पूरे जिले में 70 कंसंट्रेटर और सौ पाइप लाइन है. प्रयास है कि अच्छा से अच्छा इलाज हम मरीजों को दे सकें. लक्षण आधारित और संक्रमित मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है.
- अतुल वत्स, मुख्य विकास अधिकारी, सुलतानपुर
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स्वास्थ्य मंत्री बोले , काबू में कोविड-19
केंद्र सरकार की तरफ से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं. हमारे विधायकों की तरफ से ऑक्सीजन उपलब्धता में सहयोग किया गया है. हमने प्रयास कर कोविड-19 संक्रमण पर रोकथाम की दिशा में काबू पा लिया है.
- जयप्रकाश सिंह, चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री, उत्तर प्रदेश