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सुलतानपुर: कोरोना की जांच एक जटिल प्रक्रिया, डॉ. बीबी सिंह ने दी जानकारी

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Published : Mar 27, 2020, 10:31 AM IST

यूपी के सुलतानपुर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीबी सिंह. ने बताया कि कैसे होती है कोरोना की जांच. क्या है कोरोना के जांच की पूरी प्रक्रिया.

कोरोना वायरस.
डॉ. बीबी सिंह ने दी कोरोना के जांच की जानकारी.

सुलतानपुर: कोरोना वायरस की जांच एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें पूरी तरीके से सुरक्षित होने के बाद ही स्वास्थ्यकर्मी ब्लड का नमूना लेता है. नमूने को लखनऊ चिकित्सा विश्वविद्यालय भेजा जाता है. जांच रिपोर्ट के आधार पर कोरोना वायरस होने या न होने की पुष्टि की जाती है. कोरोना की जांच को लेकर सुलतानपुर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीबी सिंह ने जानकारी दी.

डॉ. बीबी सिंह ने दी कोरोना के जांच की जानकारी.

डॉ. बीबी सिंह ने कहा कि कोरोना की जांच की एक विशेष प्रक्रिया होती है, जिसमें बीटीएम वाइल्स में नमूना रखा जाता है. हमारे न्यूरोलॉजिस्ट फिजीशियन सर्जन की मौजूदगी में नमूना लिया जाता है. तीन स्तरीय परत में नमूने को सुरक्षित कर जांच के लिए किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ नमूना भेजा जाता है. 24 घंटे में रिपोर्ट आ जाती है. यह बेहद जटिल और सुरक्षित प्रक्रिया है. गाइडलाइन के तहत कार्य होता है.

इसे भी पढ़ें:- कोरोना वायरस : विश्वभर में तीन अरब से अधिक लोग घरों के अंदर रहने को बाध्य

एक बार पॉजिटिव कोरोना वायरस शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है. पहला टेस्ट पांचवे दिन और दूसरा 14वें दिन के अंतराल पर किया जाता है. परिणाम निगेटिव आने पर उसे उसके आवास पर 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन कर दिया जाता है. अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो दोबारा 5 दिन के अंतराल पर जांच करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जब तक की जांच रिपोर्ट निगेटिव न आ जाए.

सुलतानपुर: कोरोना वायरस की जांच एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें पूरी तरीके से सुरक्षित होने के बाद ही स्वास्थ्यकर्मी ब्लड का नमूना लेता है. नमूने को लखनऊ चिकित्सा विश्वविद्यालय भेजा जाता है. जांच रिपोर्ट के आधार पर कोरोना वायरस होने या न होने की पुष्टि की जाती है. कोरोना की जांच को लेकर सुलतानपुर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीबी सिंह ने जानकारी दी.

डॉ. बीबी सिंह ने दी कोरोना के जांच की जानकारी.

डॉ. बीबी सिंह ने कहा कि कोरोना की जांच की एक विशेष प्रक्रिया होती है, जिसमें बीटीएम वाइल्स में नमूना रखा जाता है. हमारे न्यूरोलॉजिस्ट फिजीशियन सर्जन की मौजूदगी में नमूना लिया जाता है. तीन स्तरीय परत में नमूने को सुरक्षित कर जांच के लिए किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ नमूना भेजा जाता है. 24 घंटे में रिपोर्ट आ जाती है. यह बेहद जटिल और सुरक्षित प्रक्रिया है. गाइडलाइन के तहत कार्य होता है.

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एक बार पॉजिटिव कोरोना वायरस शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है. पहला टेस्ट पांचवे दिन और दूसरा 14वें दिन के अंतराल पर किया जाता है. परिणाम निगेटिव आने पर उसे उसके आवास पर 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन कर दिया जाता है. अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो दोबारा 5 दिन के अंतराल पर जांच करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जब तक की जांच रिपोर्ट निगेटिव न आ जाए.

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