सुलतानपुर: अयोध्या-प्रयागराज राजमार्ग पर टाटिया नगर पुल में 78वें दिन फिर दरार आ गई हैं. इसके चलते सेतु निगम के जिम्मेदार अधिकारी सवालों के घेरे में आ गए हैं. दिसंबर माह के अंत में 51 दिन की रिपेयरिंग के बाद पुल बनकर तैयार हुआ था. करोड़ों रुपए खर्च कर रिपेयरिंग का कार्य पूरा किया गया था. वाराणसी और लखनऊ से आने वाले वाहन लंबे समय तक पुल से रिपेयरिंग के दौरान नहीं जा सके थे. लंबा रूट डायवर्जन चला था.
दिखने लगी हैं पुल में लगीं सरिया: गोसाईगंज थाना क्षेत्र के ओदरा के पास गोमती नदी पर टाटिया नगर पुल बना हुआ है. इस पुल में फिर से दरारें पड़ने लगी है. पुल में लगी सरिया दिखने लगी हैं. हर दिन इस पुल से सैकड़ों भारी वाहन गुजरते हैं. इसके अलावा बाइक, बैटरी रिक्शा से लेकर चार पहिया वाहन भी बड़ी संख्या में जाते हैं. अब एक बार फिर पुल में दरार आने से सेतु निगम के जिम्मेदारों पर सवाल उठ रहे हैं. लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
दिसंबर में खत्म हुआ था मरम्मत का काम: बीते वर्ष अक्टूबर में पुल बुरी तरह जर्जर हो गया, तो इस पर आवागमन रोक दिया गया था. 1 नवंबर 2022 से गोमती नदी पुल पर मरम्मत का काम चल रहा था. इसके चलते रात में भारी वाहनों की आवाजाही शहर से हो रही थी. नतीजा ये हुआ कि डेढ़ माह तक शहर के अंदर रातों-दिन जाम की स्थिति बनी रही. 21 दिसंबर की दोपहर सेतु के आखिरी सस्पेंशन ज्वॉइंटर को सुरक्षित करने का काम पूरा किया गया. दोपहर बाद से बाइक व हल्के चार पहिया वाहनों की आवाजाही भी शुरू कर दी गई थी. अगले दिन से आवागमन पूरी तरह से शुरू हो गया था.
स्थानीय विधायक विनोद सिंह की पहल पर प्रशासन की टीम को जांच सौंपी गई थी. मुख्य राजस्व अधिकारी तत्कालीन शमशाद हुसैन की निगरानी में फुल फिटनेस का कार्य समय सीमा के भीतर सुनिश्चित किया गया था. शहर से भारी वाहनों के आवागमन के दौरान फ्लाईओवर के टूटने के खतरा मंडराते हुए देखते हुए प्रशासन ने आनन-फानन में भारी भरकम बजट भी पास किया था. सेतु निगम के लिए पास बजट में प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई थी. सुलतानपुर में पुल में आई दरारों ने सेतु निगम के भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है.
ये भी पढ़ें- कानपुर में भीषण आग, 40 दुकानों का सामान जलने से लाखों का नुकसान