सुलतानपुर: जिले के जंक्शन को मॉडल स्टेशन बनाने के लिए मेनका गांधी ने पहल शुरू की थी. स्टेशन पर एक्सेलेटर यानी स्वचालित सीढ़ी लगाई गई. अलग सुंदरता देने के लिए मेनका गांधी ने ग्रेनाइट पत्थर लगवाने को अमलीजामा पहनाया, लेकिन रेल इंजीनियर की मिलीभगत से ग्रेनाइट के बजाय सादे पत्थर लगा दिए गए. पूरे प्रकरण को मेनका गांधी ने गंभीरता से लिया है. मंडल रेल प्रबंधक मामले की जांच करने जा रहे हैं.
ग्रेनाइट की बजाय लगाए गए सादे पत्थर
- मेनका गांधी अपने संसदीय क्षेत्र सुलतानपुर के लिए को लेकर खासी गंभीर रहती हैं.
- मेनका गांधी ने सुलतानपुर जंक्शन को नया स्वरूप देने के लिए ग्रेनाइट पत्थर लगाने की कवायद को मंजूरी दिलाई.
- रेल महाप्रबंधक के निरीक्षण से पूर्व रेल इंजीनियरों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर साधारण पत्थर लगवाए और पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया.
- ग्रेनाइट पत्थर नहीं लगने के प्रकरण को मेनका गांधी ने गंभीरता से लिया है.
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सुलतानपुर जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या एक पर ग्रेनाइट पत्थर लगाया जाना है. यह पूरी पहल रेल मंत्रालय से स्वीकृत होकर आ गई है. प्लेटफॉर्म पर जल्दी बाजी में काम किया गया है और पूरे निर्माण कार्य में अनियमितता बरती गई है. इस मामले में सांसद महोदय ने डीआरएम से बात की है. पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. पूरे प्लेटफार्म पर ग्रेनाइट पत्थर लगने का काम पूरा कराया जाएगा.
-रंजीत कुमार, प्रतिनिधि, सांसद मेनका गांधी